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ग्राम पंचायत बरनमहगवां में 1 मई को होगा लोक सुनवाई सह जनसंवाद कार्यक्रम कलेक्टर ग्राम पंचायत स्तर पर पहुंच कर सुन रहे जनता की समस्यायें जनता के बीच पहुंच कर समस्याएं जानने और निराकरण की कलेक्टर श्री यादव की अभिनव पहल

 ग्राम पंचायत बरनमहगवां में 1 मई को होगा लोक सुनवाई सह जनसंवाद कार्यक्रम कलेक्टर ग्राम पंचायत स्तर पर पहुंच कर सुन रहे जनता की समस्यायें जनता के बीच पहुंच कर समस्याएं जानने और निराकरण की कलेक्टर श्री यादव की अभिनव पहल कटनी |  विकासखंड  बड़वारा के ग्राम पंचायत  बरनमहगवां में गुरुवार 1 मई को शाम 4 बजे से आयोजित लोक सुनवाई सह जनसंवाद कार्यक्रम में कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव शिरकत करेंगे। कलेक्टर श्री यादव जनता के बीच पहुंच कर, उनसे जनसंवाद कर , शिकायतों और उनकी स्थानीय समस्याओं को जानने की अभिनव और संवेदनशील पहल की है। बताते चलें कि लोक सुनवाई सह जनसंवाद कार्यक्रम में मिलने वाली समस्याओं और शिकायतों के हर आवेदनों पर हुई कार्रवाई की समय-सीमा बैठक में कलेक्टर श्री यादव स्वयं समीक्षा करते हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित कर रखा है कि जनोन्मुखी  और जवाबदेह प्रशासन के साथ  जनसमस्याओं के निराकरण में पूरी संवेदनशीलता बरती जाए।समस्या लेकर यहां आने वाले सभी व्यक्ति निराकरण की उम्मीद से आते हैं, ऐसे में उनके दुःख -दर्द का नियमानुसार निपटारा करना अधिकारियों का नै...

कलेक्टर श्री यादव ने दो आदतन अपराधियों को हर माह पुलिस थाना में उपस्थिति देने किया निर्देशित

 कलेक्टर श्री यादव ने दो आदतन अपराधियों को हर माह पुलिस थाना में उपस्थिति देने किया निर्देशित कटनी  |  कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री दिलीप कुमार यादव ने जिले के दो आदतन अपराधियों क्रमशरू सुरेन्द्र सिंह बघेल उर्फ गुड्डू एवं नीरज शर्मा के विरूद्ध मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्यवाही करते हुए  आगामी 3 माह तक प्रति माह की 1 से 16 तारीख तक कैमोर पुलिस थाना में उपस्थिति देने का निर्देश जारी किया है। कलेक्टर श्री यादव ने दोनों आदतन अपराधियों के विरूद्ध मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्यवाही पुलिस अधीक्षक कटनी से प्राप्त कटनी के आधार पर की है। इसके तहत कलेक्टर ने मेहगांव थाना कैमोर निवासी सुरेन्द्र सिंह बघेल उर्फ गुड्डू के आपराधिक कृत्यों पर अंकुश लगाने के लिए कार्यवाही की है। सुरेन्द्र के विरूद्ध मारपीट कर चोट पहुंचाने छेड़खानी करने जैसे मामले पंजीबद्ध है। इनके आपराधिक कृत्य पर अंकुश लगाने कलेक्टर ने सुरेन्द्र उर्फ गुड्डू को आगामी 3 माह की अवधि तक प्रति माह 1 से 16 तारीख को कैमोर थाने में उपस्थिति दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। इसी प्रकार अपराधी नी...

भगवान परशुराम जयंती पर उमरियापान में निकली भव्य शोभायात्रा ब्राह्मण समाज की एकता का परिचायक

 भगवान परशुराम जयंती पर उमरियापान में निकली भव्य शोभायात्रा ब्राह्मण समाज की एकता का परिचायक ढीमरखेड़ा |  भगवान परशुराम, जो विष्णु के छठवें अवतार के रूप में माने जाते हैं, ब्राह्मणों के गौरव और धर्म की रक्षा के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका जन्मोत्सव संपूर्ण भारत में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है, लेकिन उमरियापान की शोभायात्रा अपने भव्य आयोजन, सामाजिक सहभागिता और सांस्कृतिक झलकियों के लिए विशेष प्रसिद्ध है।इस वर्ष भी भगवान परशुराम जन्मोत्सव के पावन अवसर पर उमरियापान में एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया, जो बड़ी माई मंदिर से आरंभ होकर नगर के प्रमुख स्थानों से होते हुए पुनः बड़ी माई मंदिर में आकर संपन्न हुई। यह शोभायात्रा न केवल धार्मिक आस्था की अभिव्यक्ति थी, बल्कि ब्राह्मण समाज की एकजुटता, सामाजिक समर्पण और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक बन गई। *झांकियों का आकर्षण और आध्यात्मिक वातावरण* इस शोभायात्रा की विशेष बात थी भगवान परशुराम, भगवान श्रीराम एवं लक्ष्मण जी की भव्य और जीवंत झांकियाँ। इन झांकियों को देखने के लिए उमरियापान के साथ-साथ आस-पास के गांवों से भी लोग बड़ी संख्या में...

कटनी वनमंडल में वनभूमि को अतिक्रमणमुक्त करने के लिए रेंजर अजय मिश्रा एवं टीम का सराहनीय अभियान

 कटनी वनमंडल में वनभूमि को अतिक्रमणमुक्त करने के लिए रेंजर अजय मिश्रा एवं टीम का सराहनीय अभियान ढीमरखेड़ा |  वनों का संरक्षण एवं अतिक्रमण से मुक्ति आज के समय में अत्यंत आवश्यक है। बढ़ती जनसंख्या, लालच और असंवेदनशीलता के चलते देशभर के वन क्षेत्र सिकुड़ते जा रहे हैं। ऐसे समय में कटनी जिले के ढीमरखेड़ा परिक्षेत्र में रेंजर अजय मिश्रा और उनकी टीम द्वारा जो अदम्य साहस और कर्तव्यनिष्ठा दिखाई गई है, वह पूरे प्रदेश के लिए एक आदर्श बनकर उभरी है। ढीमरखेड़ा परिक्षेत्र के शाहडार गांव के समीप बीट पोड़ी का कक्ष क्रमांक आर-279 वर्षों से अतिक्रमण की समस्या से जूझ रहा था। आसपास के ग्रामवासियों की मिलीभगत से बाहरी जिलों के लोगों ने इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध कब्जा कर रखा था। लगातार समझाइश के बावजूद अतिक्रमणकारी पीछे हटने को तैयार नहीं थे। भारतीय संविधान और वन कानूनों को धत्ता बताते हुए ये लोग महिलाओं को आगे कर प्रशासन और वन विभाग को दबाव में लेने का प्रयास करते थे। *रेंजर अजय मिश्रा का संघर्ष* रेंजर अजय मिश्रा ने अपनी नियुक्ति के बाद इस समस्या को गंभीरता से लिया। पहले उन्होंने मानवीय दृ...

पहरुआ पंचायत के सरपंच शारदा प्रसाद महोबिया, छोटी - छोटी बातों में बड़ा विवाद, विधायक की छवि को नुकसान अविश्वास प्रस्ताव की आहट

 पहरुआ पंचायत के सरपंच शारदा प्रसाद महोबिया, छोटी - छोटी बातों में बड़ा विवाद, विधायक की छवि को नुकसान  अविश्वास प्रस्ताव की आहट ढीमरखेड़ा |  मध्य प्रदेश के कटनी जिले की जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा के अंतर्गत ग्राम पंचायत पहरुआ इन दिनों चर्चाओं का केंद्र बनी हुई है। इसका कारण है वर्तमान सरपंच शारदा प्रसाद महोबिया, जिनके आचरण और कार्यशैली को लेकर न सिर्फ पंचायत क्षेत्र के नागरिकों में रोष है, बल्कि सरकारी कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच भी असंतोष की लहर दौड़ रही है। छोटे-छोटे प्रशासनिक और व्यक्तिगत विवादों में बार-बार विधायक को फोन कर परेशान करने की उनकी आदत, कर्मचारियों को धमकाने वाला रवैया, और ‘मैं भाजपा से हूं’ कहकर खुद को प्रभावशाली दिखाने की कोशिशें ये सभी घटनाएं क्षेत्रीय राजनीति और शासन-प्रशासन की गरिमा को चोट पहुंचा रही हैं। *संपर्क माध्यम या दबाव की राजनीति?* शारदा प्रसाद महोबिया द्वारा बार-बार विधायक को फोन कर विभिन्न मुद्दों की शिकायत करना अब आम बात हो गई है। चाहे वह पंचायत स्तर पर छोटे मोटे विकास कार्यों की बात हो, मनरेगा मजदूरों की उपस्थिति, या फिर पटवारी द्वार...

मगरमच्छ के खेत में घुसने से धनवाही ग्राम में दहशत, मानव-वन्यजीव संघर्ष का ताजा उदाहरण

 मगरमच्छ के खेत में घुसने से धनवाही ग्राम में दहशत, मानव-वन्यजीव संघर्ष का ताजा उदाहरण ढीमरखेड़ा |  कटनी जिले के ढीमरखेड़ा तहसील के ग्राम पंचायत धनवाही में 26 अप्रैल 2025 को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक मगरमच्छ खेत में घुस आया।सुबह-सुबह खेत पर काम करने गए एक किसान घनश्याम पटैल ने जब खेत में मगरमच्छ को देखा तो उनके होश उड़ गए। यह घटना न केवल क्षेत्र में दहशत का कारण बनी बल्कि मानव और वन्यजीवों के बीच बढ़ते संघर्ष की गंभीरता को भी उजागर करती है। घनश्याम पटैल, जो मगेली के रहने वाले हैं, रोज की तरह सुबह अपने खेत पर उड़द की फसल देखने गए थे। खेत में कुछ असामान्य हरकत देखकर उनका ध्यान गया, और जब उन्होंने पास जाकर देखा तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। खेत में एक विशाल मगरमच्छ आराम से पड़ा हुआ था। डर के मारे घनश्याम पटैल तुरंत वहां से भागे और गांव में जाकर लोगों को इस बारे में बताया। देखते ही देखते ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई।मगरमच्छ को पास के गुड्डू ठाकुर के खेत में देखा गया था, जो धनवाही गांव के भीतर स्थित है। ग्रामीणों ने बताया कि खेत से नजदीकी नदी की दूरी लगभग एक किलोमीटर है, और ...

भगवान परशुराम जयंती पर उमरियापान में शोभायात्रा, सनातन एकता का होगा दिव्य प्रदर्शन, ब्राह्मण समाज की दिखेगी एकता हर जगह जय जय परशुराम के लगेगे नारे , सनातन एकता का अद्वितीय प्रदर्शन

 भगवान परशुराम जयंती पर उमरियापान में शोभायात्रा, सनातन एकता का होगा दिव्य प्रदर्शन, ब्राह्मण समाज की दिखेगी एकता हर जगह जय जय परशुराम के लगेगे नारे , सनातन एकता का अद्वितीय प्रदर्शन ढीमरखेड़ा |  भारतीय संस्कृति में भगवान परशुराम को विष्णु के छठवें अवतार के रूप में पूजा जाता है। वे न केवल ब्राह्मणों के लिए अपार श्रद्धा का केंद्र हैं, बल्कि पूरे सनातन धर्मावलंबियों के लिए वह शक्ति, तप, त्याग और न्यायप्रियता के प्रतीक हैं। उनका जन्म दिवस "भगवान परशुराम जयंती" के रूप में वैशाख शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है, बल्कि समाज में एकता, शौर्य और संस्कृति का बोध कराने का अवसर भी होता है। इसी क्रम में इस वर्ष 30 अप्रैल को मध्यप्रदेश के उमरियापान नगर में भगवान परशुराम जयंती के अवसर पर एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें ब्राह्मण समाज की एकता, सनातन धर्म की गरिमा और आध्यात्मिक ऊर्जा का दिव्य प्रदर्शन देखने को मिलेगा। *भगवान परशुराम तप और तेज के प्रतीक* भगवान परशुराम वह ऋषि योद्धा थे जिन्होंने अन्याय के विरुद्ध हथियार उठाए, ले...

हिसाब होगा हर एक आंसू का, हिसाब होगा हर एक गोली का सिर्फ आतंकी ही नहीं, वो भी नहीं बख्शे जाएंगे जो पर्दे के पीछे से इस नापाक हरकत में आतंकियों का साथ दे रहे हैं

 हिसाब होगा हर एक आंसू का, हिसाब होगा हर एक गोली का सिर्फ आतंकी ही नहीं, वो भी नहीं बख्शे जाएंगे जो पर्दे के पीछे से इस नापाक हरकत में आतंकियों का साथ दे रहे हैं ढीमरखेड़ा |  "हिसाब होगा हर एक आंसू का, हिसाब होगा हर एक गोली का" यह केवल एक नारा नहीं है, बल्कि उन मासूम लोगों की चीख है जो आतंकवाद के कारण अपने अपनों को खो चुके हैं। यह उन शहीद जवानों की कसम है जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। यह उन नागरिकों का प्रण है जो अब चुप नहीं रहेंगे। आतंकवाद सिर्फ एक सीमा पार से आया खतरा नहीं है, यह एक मानसिकता है, एक षड्यंत्र है, जिसमें कुछ चेहरे सामने होते हैं और कई पर्दे के पीछे छिपे होते हैं। *आतंकवाद एक वैश्विक संकट, लेकिन भारत की विशेष पीड़ा* भारत दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है, चाहे वह 1993 का मुंबई बम धमाका हो, 2001 में संसद पर हमला हो, 2008 का 26/11 हमला हो या पुलवामा की भयावह घटना। इन सबका मकसद एक ही था  भारत को कमजोर करना, भारतीय समाज में डर पैदा करना और राजनीतिक अस्थिरता फैलाना। लेकिन भारत ने हर बार जवाब दिया, कभी सीमा पर, कभी कूटनीतिक मंचों पर। *आ...

उमरियापान पुलिस की शानदार कार्यवाही, चोरी के 72 घंटे के भीतर आरोपी गिरफ्तार, लाखों के जेवरात व नगदी बरामद

 उमरियापान पुलिस की शानदार कार्यवाही, चोरी के 72 घंटे के भीतर आरोपी गिरफ्तार, लाखों के जेवरात व नगदी बरामद ढीमरखेड़ा |  उमरियापान थाना क्षेत्र के ग्राम महनेर में 22 अप्रैल को घटित चोरी की घटना ने न केवल पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी, बल्कि पुलिस के सामने भी एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी थी। चोरी की यह वारदात एक बुजुर्ग व्यक्ति के घर में हुई थी, जहां से लाखों रुपये मूल्य के सोने-चांदी के जेवरात और नगदी चोरी कर ली गई थी। किंतु उमरियापान पुलिस ने महज 72 घंटे के भीतर इस गंभीर मामले का खुलासा कर यह साबित कर दिया कि यदि नीयत और निगरानी सशक्त हो तो कोई भी अपराधी कानून के लंबे हाथों से बच नहीं सकता।  *बुजुर्ग के घर से लाखों की चोरी* 22 अप्रैल की रात ग्राम महनेर निवासी हरभजन काछी पिता राम गोपाल काछी, उम्र 70 वर्ष, जब अपने किसी पारिवारिक कार्य में व्यस्त थे, तभी उनके घर का ताला तोड़कर अज्ञात चोर ने कमरे में घुसकर घर में रखे बहुमूल्य सामान पर हाथ साफ कर दिया। हरभजन काछी द्वारा दर्ज की गई रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि चोर ने घर से सोने की पंचाली, पेंडल, अंगूठी, झुमकी, सोने की चेन, द...

प्रशासनिक अनदेखी या मिलीभगत? तहसील ढीमरखेड़ा की सहायक ग्रेड-3 गीता झारिया के विरुद्ध शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं

 प्रशासनिक अनदेखी या मिलीभगत? तहसील ढीमरखेड़ा की सहायक ग्रेड-3 गीता झारिया के विरुद्ध शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं ढीमरखेड़ा |  लोकतंत्र की आत्मा निष्पक्षता, पारदर्शिता और जिम्मेदारी में निहित होती है। जब कोई सरकारी कर्मचारी अपनी योग्यता, कर्तव्यनिष्ठा और आचरण में दोषी पाया जाता है और उसके खिलाफ उच्च अधिकारियों द्वारा दिए गए निर्देशों के बावजूद भी कार्रवाई नहीं होती, तो यह न केवल शासन व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है, बल्कि जनता के विश्वास को भी गहरा आघात पहुँचाता है। ऐसा ही एक मामला तहसील ढीमरखेड़ा में सहायक ग्रेड-3 पद पर कार्यरत गीता झारिया से जुड़ा हुआ है, जिसकी शिकायत एक प्रतिष्ठित जबलपुर निवासी वकील द्वारा की गई थी, लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। *शिकायत का आधार और पात्रता पर सवाल* शिकायतकर्ता वकील ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया था कि गीता झारिया के पास सहायक ग्रेड-3 पद के लिए अनिवार्य कंप्यूटर दक्षता प्रमाण पत्र (CPCT) नहीं है, जो इस पद के लिए अनिवार्य योग्यता है। शासन द्वारा तय मापदंडों के अनुसार इस पद पर नियुक्त व्यक्ति को कंप्यूटर पर हिं...

विलायत कला के जंगल में प्लांटेशन में लगी आग, लापरवाही, नुकसान और जिम्मेदार कौन? बीड प्रभारी सुकेश जरहा एवं डिप्टी रेंजर राजेन्द्र कर्ण के ऊपर गिरनी चाहिए निलंबन की गाज

 विलायत कला के जंगल में प्लांटेशन में लगी आग, लापरवाही, नुकसान और जिम्मेदार कौन? बीड प्रभारी सुकेश जरहा एवं डिप्टी रेंजर राजेन्द्र कर्ण के ऊपर गिरनी चाहिए निलंबन की गाज ढीमरखेड़ा |  प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए देशभर में वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाए जाते हैं। मध्यप्रदेश के ग्रामीण अंचलों में भी वन विभाग द्वारा समय-समय पर प्लांटेशन किया जाता है। लेकिन जब इस मेहनत से लगाए गए पौधे असावधानी, लापरवाही या साजिश का शिकार हो जाते हैं, तो सिर्फ पर्यावरण को ही नुकसान नहीं होता, बल्कि शासन को आर्थिक हानि और ग्रामीणों को मानसिक संताप भी झेलना पड़ता है। ग्राम विलायत कला के पास लगे जंगल में लगी आग की घटना इसी श्रृंखला की कड़ी है। ग्राम विलायत कला के समीप जंगल में वन विभाग द्वारा हाल ही में प्लांटेशन कराया गया था, जिसमें लाखों रुपए की लागत से सैकड़ों पौधे रोपे गए थे। यह प्लांटेशन न केवल पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक था, बल्कि ग्रामीणों को रोजगार और भविष्य की हरियाली की उम्मीद भी थी। लेकिन अचानक इस क्षेत्र में आग लग गई। ग्रामीणों ने जब धुआं उठता देखा तो तुरंत ही वन विभाग को सूचना दी। उन्हों...

विक्रेताओं के शोषण और शासन की अनदेखी उचित मूल्य दुकान प्रणाली का एक कड़वा सच

 विक्रेताओं के शोषण और शासन की अनदेखी उचित मूल्य दुकान प्रणाली का एक कड़वा सच ढीमरखेड़ा |  भारत सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से गरीब और जरूरतमंद वर्गों को सस्ते दामों पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उचित मूल्य दुकानों की स्थापना की थी। इन दुकानों के संचालन के लिए स्थानीय लोगों को विक्रेता के रूप में नियुक्त किया जाता है, जो शासन द्वारा तय नियमों के अंतर्गत कार्य करते हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश, कई स्थानों पर इस प्रणाली का गंभीर रूप से दुरुपयोग हो रहा है। वर्तमान में जिस स्थिति की हम बात कर रहे हैं, उसमें एक विक्रेता को शासन द्वारा केवल एक दुकान संचालन की अनुमति होने के बावजूद एक ही व्यक्ति से तीन-तीन उचित मूल्य की दुकानों का संचालन करवाया जा रहा है। यह न केवल शासन के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि मानवाधिकारों का हनन भी है। *विक्रेता की स्थिति* एक विक्रेता को तीन दुकानों का संचालन अकेले करना पड़ रहा है। हर दुकान का संचालन न केवल समय-साध्य है, बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से भी बेहद कठिन है। शासन के नियम स्पष्ट रूप से कहते हैं कि एक विक्रेता को केवल एक दुका...

लाडली बहनों का रो रोकर बुरा हाल प्रशासन बना मूकदर्शक, ग्राम हल्का में 30 वर्षों से खेती कर रहीं पाँच महिलाओं की फसल जेसीबी से नष्ट, प्रशासन पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप विधवा और विकलांग महिलाओं की जीवनरेखा छिनी, रात 10 बजे भेजा नोटिस, अगली सुबह पूरी फसल नष्ट; सरपंच और दबंगों पर गंभीर आरोप

 लाडली बहनों का रो रोकर बुरा हाल प्रशासन बना मूकदर्शक, ग्राम हल्का में 30 वर्षों से खेती कर रहीं पाँच महिलाओं की फसल जेसीबी से नष्ट, प्रशासन पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप विधवा और विकलांग महिलाओं की जीवनरेखा छिनी, रात 10 बजे भेजा नोटिस, अगली सुबह पूरी फसल नष्ट; सरपंच और दबंगों पर गंभीर आरोप ढीमरखेड़ा |  जिला मुख्यालय के अंतर्गत आने वाले ग्राम हल्का, ग्रामपंचायत अतरसूमा में प्रशासन द्वारा की गई अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही इन दिनों विवाद और जनाक्रोश का केंद्र बनी हुई है। पाँच गरीब और भूमिहीन महिलाएं  पंचो बाई गौड़, द्रोपती बाई गौड़, मैकी बाई गौड़, ज्ञान बाई गौड़ और प्रेम बाई गौड़  जो बीते 30 से 35 वर्षों से शासकीय भूमि पर एक-एक एकड़ में लगातार खेती कर रही थीं, उनकी तैयार मूंग और उड़द की फसल को प्रशासन ने जेसीबी व ट्रैक्टर से रौंदते हुए एक झटके में नष्ट कर दिया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को की गई, जबकि नोटिस मात्र एक रात पहले 21 अप्रैल को रात 10 बजे दिया गया था। पीड़ित महिलाओं का कहना है कि उन्होंने प्रशासन से विनती की कि फसल कटने तक उन्हें जमीन दिया जाए, जिसके बाद वे स्...

आयुष्मान आरोग्य मंदिर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ढीमरखेड़ा में डॉक्टर की अनुपस्थिति, आम जनता की उपेक्षा, मरीज़ों की त्रासदी

 आयुष्मान आरोग्य मंदिर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ढीमरखेड़ा में डॉक्टर की अनुपस्थिति, आम जनता की उपेक्षा, मरीज़ों की त्रासदी ढीमरखेड़ा |  भारत सरकार ने "आयुष्मान भारत" योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर बनाने हेतु "आयुष्मान आरोग्य मंदिर" की स्थापना की थी। इसका उद्देश्य था कि हर नागरिक को प्राथमिक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं सहजता से उपलब्ध हों। लेकिन जब इन स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर ही न हों, तो यह योजना कागज़ी साबित होकर रह जाती है। ऐसा ही एक दर्दनाक उदाहरण है ढीमरखेड़ा का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जहाँ डॉक्टर की अनुपस्थिति ने आम जनता को गहरे संकट में डाल दिया है। ढीमरखेड़ा, जो कि मध्यप्रदेश के कटनी जिले का एक जनपद है, प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण लेकिन प्रशासनिक अनदेखी का शिकार इलाका है। यहाँ का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ग्रामीणों के लिए एकमात्र उम्मीद है। लेकिन पिछले कई महीनों से यहां पर स्थायी डॉक्टर की नियुक्ति नहीं हो पाई है। कभी - कभार एक संविदा डॉक्टर आकर खानापूर्ति कर चला जाता है, लेकिन नियमित इलाज, महिला स्वास्थ्य सेवाएं, प्र...

भनपुरा 1 ग्राम पंचायत में बिना सरपंच के सील - साइन के हुए बिल पास क्या पंचायत सचिव राजेश पटैल सरकारी धन का कर रहे दुरुपयोग?

 भनपुरा 1 ग्राम पंचायत में बिना सरपंच के सील - साइन के हुए बिल पास क्या पंचायत सचिव राजेश पटैल सरकारी धन का कर रहे दुरुपयोग? ढीमरखेड़ा |  मध्यप्रदेश के कटनी जिले की जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली भनपुरा 1 ग्राम पंचायत इन दिनों एक बड़े विवाद और भ्रष्टाचार के आरोपों के घेरे में आ गई है। यहां के पंचायत सचिव राजेश पटैल पर यह आरोप लगे हैं कि उन्होंने सरपंच कांता बाई कोल की जानकारी और सहमति के बिना लाखों रुपये के बिल पास करवाकर शासकीय राशि की निकासी कर डाली। इस पूरे मामले में गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या यह कार्यवाही योजनाबद्ध तरीके से की गई एक फर्जीवाड़ा है, और क्या इसके पीछे अधिकारियों की मिलीभगत है? सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार भनपुरा 1 ग्राम पंचायत में विकास कार्यों और निर्माण योजनाओं के नाम पर लाखों रुपये की राशि पंचायत के खाते से निकाली गई है। लेकिन जब इन कार्यों से संबंधित बिलों की पड़ताल की गई तो यह पाया गया कि अधिकतर बिलों पर न तो पंचायत सचिव राजेश पटैल के हस्ताक्षर हैं और न ही ग्राम पंचायत की निर्वाचित सरपंच कांता बाई कोल के सील-साइन। यह एक अत्यंत गंभीर प्रशासन...

नरवाई जलाना , एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या, सरकार जो भी प्रावधान लाती हैं वह आपके हित में होता हैं समझदारी से करे कार्य न जलाएं नरवाई प्रदूषण के चलते जीव जंतु भी मौत के मुंह में समा रहे हैं

 नरवाई जलाना , एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या, सरकार जो भी प्रावधान लाती हैं वह आपके हित में होता हैं समझदारी से करे कार्य न जलाएं नरवाई प्रदूषण के चलते जीव जंतु भी मौत के मुंह में समा रहे हैं  ढीमरखेड़ा |  भारत में कृषि प्रधानता होने के कारण बड़े पैमाने पर फसल कटाई होती है, जिसके बाद खेतों में फसल अवशेष जैसे नरवाई (धान, गेहूं, ज्वार, मक्का आदि की डंठलें) खेत में बच जाती हैं। कई किसान खेत की अगली फसल की तैयारी के लिए इन फसल अवशेषों को जलाने का आसान और सस्ता तरीका अपनाते हैं। लेकिन यह तरीका जितना सस्ता है, उतना ही हानिकारक भी है। यह न केवल वायु प्रदूषण को बढ़ाता है, बल्कि मृदा की गुणवत्ता, स्वास्थ्य, और जैव विविधता को भी नुकसान पहुंचाता है। *वायु प्रदूषण में भारी वृद्धि* नरवाई जलाने से सबसे बड़ा नुकसान वायुमंडल को होता है। जब किसान फसल अवशेष जलाते हैं, तो उसमें से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂), मीथेन (CH₄), नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O), कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5 और PM10) तथा अन्य विषैली गैसें निकलती हैं। ये गैसें वायुमंडल में जाकर धुंध और स्मॉग का निर्माण करती हैं। इ...

बिना नज़राना के नहीं होता कोई कार्य, नियमों की अनदेखी और भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण ढीमरखेड़ा तहसील की सहायक ग्रेड 3 गीता झारिया, नज़राना दो तभी काम होगा" जैसी भ्रष्ट मानसिकता प्रशासन की रीढ़ को तोड़ देगी

 बिना नज़राना के नहीं होता कोई कार्य, नियमों की अनदेखी और भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण ढीमरखेड़ा तहसील की सहायक ग्रेड 3 गीता झारिया, नज़राना दो तभी काम होगा" जैसी भ्रष्ट मानसिकता प्रशासन की रीढ़ को तोड़ देगी ढीमरखेड़ा |  लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में नियमों और प्रक्रियाओं का पालन सर्वोच्च माना जाता है। सरकारी नौकरियों में नियुक्ति से लेकर कार्यान्वयन तक एक निर्धारित प्रक्रिया होती है, जिसका उद्देश्य पारदर्शिता और योग्यता सुनिश्चित करना होता है। किंतु जब इन नियमों की धज्जियाँ उड़ाई जाती हैं, तब यह न केवल शासन की साख को चोट पहुँचाता है, बल्कि आम जनता का विश्वास भी टूटता है। मध्यप्रदेश के कटनी जिले की तहसील ढीमरखेड़ा में पदस्थ सहायक ग्रेड 3 गीता झारिया का मामला इसी तरह का गंभीर उदाहरण है। *नियमों की अवहेलना तीन संतान होने का मामला* राज्य शासन द्वारा यह स्पष्ट निर्देश है कि वर्ष 2001 के बाद जिन शासकीय सेवकों के तीन या उससे अधिक संतानें हैं, उन्हें शासकीय सेवा में नियुक्त नहीं किया जा सकता। यह नीति जनसंख्या नियंत्रण के उद्देश्य से लागू की गई थी और सभी सरकारी सेवाओं में इसका पालन अन...

ब्राह्मण ज्ञान, त्याग, और तपस्या का जीवंत प्रतीक, ब्राह्मण होते हैं बहुत दयालु लेकिन जब बात प्रतिष्ठा की आ जाए तो बन जाते हैं बब्बर शेर

 ब्राह्मण ज्ञान, त्याग, और तपस्या का जीवंत प्रतीक, ब्राह्मण होते हैं बहुत दयालु लेकिन जब बात प्रतिष्ठा की आ जाए तो बन जाते हैं बब्बर शेर ढीमरखेड़ा |  भारत एक ऐसी पवित्र भूमि है, जहाँ ऋषियों, मुनियों और विद्वानों ने ज्ञान, धर्म और संस्कृति का दीप जलाकर समस्त मानवता को दिशा दी। इस धरा पर ब्राह्मणों का स्थान सर्वोच्च रहा है। ब्राह्मण न केवल वेदों के ज्ञाता रहे हैं, बल्कि समाज के नैतिक मार्गदर्शक, गुरु और तपस्वी भी रहे हैं। ब्राह्मण कोई जाति नहीं, बल्कि वह चेतना है जो सृजन, संस्कार और सेवा में विश्वास रखती है। ब्राह्मणों की महिमा शास्त्रों, इतिहास और आधुनिक भारत के निर्माण तक फैली हुई है। *ब्राह्मण की उत्पत्ति: ब्रह्मा के मुख से उत्पन्न* मनुस्मृति और वेदों के अनुसार, ब्राह्मण ब्रह्मा के मुख से उत्पन्न हुए हैं, जो ज्ञान और वाणी का स्रोत है। इसका तात्पर्य है कि ब्राह्मण को सृष्टि में ज्ञान, धर्म और नीति का मार्गदर्शक बनाया गया। उनका कार्य केवल यज्ञ, पूजन और संस्कार नहीं था, बल्कि समाज को सही दिशा देना, राजनीति में संतुलन बनाना, और राजा को धर्मसम्मत मार्ग पर चलाना भी था।  *ब्राह...

फर्जी वसीयत के आधार पर किये गये नामांतरण पर अपर कमिश्नर की रोक अपीलार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत मिश्रा ने की पैरवी

 फर्जी वसीयत के आधार पर किये गये नामांतरण पर अपर कमिश्नर की रोक  अपीलार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत मिश्रा ने की पैरवी ढीमरखेड़ा। जिले की ढीमरखेड़ा तहसील अंतर्गत नायब तहसीलदार सिलौड़ी के द्वारा फर्जी वसीयत के आधार पर नामांतरण किया गया। चूंकि जो वसीयत की गई है वह प्रारंभिक रूप से ही संदिग्ध प्रतीत हो रही है। बावजूद इसके नायब तहसीलदार सिलौड़ी के द्वारा अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर फर्जी वसीयत के आधार पर नामांतरण की कार्यवाही की गई। तत्पश्चात अपीलार्थी के द्वारा एसडीएम ढीमरखेड़ा के समक्ष अपील प्रस्तुत कर गुण-दोष के आधार पर निराकरण करके नायब तहसीलदार के आदेश को निरस्त करने   निवेदन किया गया लेकिन एसडीएम ढीमरखेडा के द्वारा भी अधिनस्थ न्यायालय के आदेश को यथावथ रखा गया। लिहाजा अपीलार्थी की ओर से संभागीय आयुक्त के समक्ष धारा 44(2) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के तहत अपील प्रस्तुत की गई। अपीलार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत कुमार मिश्रा ने न्यायालय के समक्ष पक्ष रखा, प्रस्तुत तथ्यों से सहमत होते हुये न्यायालय अपर कमिश्नर अमर बहादुर सिंह की कोर्ट ने अधिनस्थ न्यायालय के निर्णय पर रोक...

कटनी में नव पदस्थ डीपीसी प्रेम नारायण तिवारी से उम्मीदें शिक्षा सुधार की ओर एक नई पहल

 कटनी में नव पदस्थ डीपीसी प्रेम नारायण तिवारी से उम्मीदें शिक्षा सुधार की ओर एक नई पहल ढीमरखेड़ा |  कटनी जिले के शिक्षा जगत में एक नया अध्याय उस समय प्रारंभ हुआ जब मंगलवार को प्रेम नारायण तिवारी ने जिला शिक्षा केन्द्र में जिला परियोजना समन्वयक (DPC) के रूप में अपना कार्यभार संभाला। इस अवसर पर जिला शिक्षा केन्द्र कटनी के समस्त सहायक परियोजना समन्वयक (APCs), प्रोग्रामर और कार्यालयीन स्टाफ उपस्थित रहा। यह दिन केवल एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि एक नई उम्मीदों, अपेक्षाओं और बदलावों की दस्तक भी थी। जिले में लंबे समय से रुकी पड़ी समस्याएं और शिकायतें, अब समाधान की राह देख रही हैं। प्रेम नारायण तिवारी एक अनुभवी शैक्षिक प्रशासक हैं, जो इसके पूर्व जबलपुर जिला शिक्षा केन्द्र में एपीसी मोबिलाइज़र के पद पर कार्यरत थे। उनके पास विभिन्न शैक्षिक योजनाओं के क्रियान्वयन का अनुभव है। वे विशेष रूप से शासकीय योजनाओं की मॉनिटरिंग, छात्रों की उपस्थिति, छात्रवृत्ति वितरण, और बालक - बालिका छात्रावासों के संचालन से जुड़े विषयों में दक्षता रखते हैं। *कार्यभार ग्रहण का अवसर संवाद और योजना* कार्यभार ग्रहण क...

यूपीएससी 2024 की टॉपर शक्ति दुबे एक प्रेरणादायक सफर , मेहनत लाई रंग कलेक्टर बनने का सपना होगा पूरा

 यूपीएससी 2024 की टॉपर शक्ति दुबे एक प्रेरणादायक सफर , मेहनत लाई रंग कलेक्टर बनने का सपना होगा पूरा  ढीमरखेड़ा |  संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। हर साल लाखों छात्र-छात्राएं इस परीक्षा में भाग लेते हैं, लेकिन केवल कुछ सौ लोग ही सफलता प्राप्त करते हैं। इस कठिन परीक्षा में जो प्रथम स्थान प्राप्त करता है, वह न केवल देशभर में सुर्खियों में आ जाता है, बल्कि लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन जाता है। वर्ष 2024 की यूपीएससी परीक्षा में यह गौरव हासिल किया प्रयागराज की प्रतिभाशाली बेटी शक्ति दुबे ने। उन्होंने तीसरे प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल कर इतिहास रच दिया। उनका यह सफर मेहनत, समर्पण, और आत्मविश्वास की एक बेहतरीन मिसाल है। *शक्ति दुबे का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा* शक्ति दुबे का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में हुआ। वह एक मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं, जहाँ शिक्षा को हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। उनके माता-पिता ने शुरुआत से ही उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। शक्ति ...

खरी - अखरी सवाल उठाते हैं पालकी नहीं , देश कहां जा रहा है वाइस प्रेसीडेंट , आप देश को कहां ले जा रहे हैं जनता वाह री सरकार मीठा - मीठा गप्प और कडवा - कडवा थू

 खरी - अखरी सवाल उठाते हैं पालकी नहीं , देश कहां जा रहा है वाइस प्रेसीडेंट , आप देश को कहां ले जा रहे हैं जनता वाह री सरकार मीठा - मीठा गप्प और कडवा - कडवा थू *आर्टिकल 142 - उच्चतम न्यायालय की डिक्रियों और आदेशों का प्रवर्तन और प्रगटीकरण आदि के बारे में आदेश - (1) उच्चतम न्यायालय अपनी अधिकारिता का प्रयोग करते हुए ऐसी डिक्री पारित कर सकेगा या ऐसा आदेश कर सकेगा जो अपने समझ लंबित किसी वाद या भविष्य में पूर्ण न्याय करने के लिए (FOR DOING COMPLETE JUSTICE) आवश्यक हो और इस प्रकार पारित डिक्री या किया गया आदेश भारत के राज्य क्षेत्र में सर्वत्र ऐसी रीति से जो संसद द्वारा बनाई गई किसी विधि द्वारा या उसके अधीन विहित की जाय और जब तक इस निमित्त इस प्रकार उपबंध नहीं किया जाता है तब तक ऐसी रीति से जो राष्ट्रपति आदेश द्वारा विहित करे प्रवर्तनीय होगा। (2) संंसद द्वारा इस निमित्त बनाई गई किसी विधि के उपबंधों के अधीन रहते हुए उच्चतम न्यायालय को भारत के सम्पूर्ण राज्य क्षेत्र के बारे में किसी व्यक्ति को हाजिर कराने के, किन्ही दस्तावेजों के प्रगटीकरण या पेश कराने के अथवा अपने किसी अवमान का अन्वेषण करन...