सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

विलायत कला के जंगल में प्लांटेशन में लगी आग, लापरवाही, नुकसान और जिम्मेदार कौन? बीड प्रभारी सुकेश जरहा एवं डिप्टी रेंजर राजेन्द्र कर्ण के ऊपर गिरनी चाहिए निलंबन की गाज

 विलायत कला के जंगल में प्लांटेशन में लगी आग, लापरवाही, नुकसान और जिम्मेदार कौन? बीड प्रभारी सुकेश जरहा एवं डिप्टी रेंजर राजेन्द्र कर्ण के ऊपर गिरनी चाहिए निलंबन की गाज



ढीमरखेड़ा |  प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए देशभर में वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाए जाते हैं। मध्यप्रदेश के ग्रामीण अंचलों में भी वन विभाग द्वारा समय-समय पर प्लांटेशन किया जाता है। लेकिन जब इस मेहनत से लगाए गए पौधे असावधानी, लापरवाही या साजिश का शिकार हो जाते हैं, तो सिर्फ पर्यावरण को ही नुकसान नहीं होता, बल्कि शासन को आर्थिक हानि और ग्रामीणों को मानसिक संताप भी झेलना पड़ता है। ग्राम विलायत कला के पास लगे जंगल में लगी आग की घटना इसी श्रृंखला की कड़ी है। ग्राम विलायत कला के समीप जंगल में वन विभाग द्वारा हाल ही में प्लांटेशन कराया गया था, जिसमें लाखों रुपए की लागत से सैकड़ों पौधे रोपे गए थे। यह प्लांटेशन न केवल पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक था, बल्कि ग्रामीणों को रोजगार और भविष्य की हरियाली की उम्मीद भी थी। लेकिन अचानक इस क्षेत्र में आग लग गई। ग्रामीणों ने जब धुआं उठता देखा तो तुरंत ही वन विभाग को सूचना दी। उन्होंने आशा की कि विभाग के कर्मचारी, फॉरेस्ट गार्ड या रेंजर तत्काल पहुंचकर आग पर काबू पाएंगे, लेकिन दिनभर कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। जब शाम तक आग विकराल रूप लेने लगी और खेतों की ओर बढ़ने लगी, तो कुछ ग्रामीणों ने खुद अपने साधनों से आग बुझाई, जिससे अपने खेतों को बचा सकें।

*प्लांटेशन का नुकसान और जिम्मेदार कौन?*

जिस क्षेत्र में यह आग लगी, वहां हजारों पौधे रोपे गए थे। सभी पौधे अब जलकर खाक हो चुके हैं। आग के कारण न सिर्फ पेड़ों का नुकसान हुआ, बल्कि पर्यावरणीय क्षति, जंगली जीवों के रहने की जगह, और भविष्य में हरियाली की उम्मीद पर भी पानी फिर गया। विभागीय अनुमान के अनुसार लाखों का नुकसान हुआ है, लेकिन वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं अधिक हो सकता है। इस घटना की जिम्मेदारी वर्तमान बीट प्रभारी सुकेश जरहा और डिप्टी रेंजर राजेन्द्र कर्ण की मानी जा रही है, जिन्होंने सूचना के बावजूद मौके पर जाकर समय पर कोई कार्रवाई नहीं की। यह सीधी-सीधी विभागीय लापरवाही और कर्तव्यहीनता का मामला है।

*पूर्व की घटना से नहीं लिया सबक*

यह पहली बार नहीं है जब इस क्षेत्र में वन विभाग की लापरवाही सामने आई हो। कुछ समय पूर्व इसी जंगल में एक जंगली सूअर बाड़े में फंस गया था, जिसकी सूचना देने के बावजूद कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। बाद में डीएफओ के हस्तक्षेप पर संबंधित कर्मचारी को तत्काल निलंबित किया गया था। उस घटना से यह उम्मीद बनी थी कि विभाग सबक सीखेगा, लेकिन हाल की घटना से स्पष्ट हो गया कि लापरवाही की प्रवृत्ति अब भी जारी है।

*शासन को नुकसान, लेकिन जवाबदेही कौन लेगा?*

इस आग से जो पौधे जलकर नष्ट हुए हैं, उनकी खरीद, रोपण, देखभाल और सुरक्षा में शासन द्वारा खर्च की गई राशि का कोई मुआवजा संभव नहीं है। यह सीधा-सीधा जनता के टैक्स का नुकसान है। सवाल यह उठता है कि इसकी भरपाई कौन करेगा? क्या दोषी अधिकारियों पर कोई दंडात्मक कार्रवाई होगी? या एक बार फिर मामला फाइलों में दबा दिया जाएगा?

*क्या सिर्फ निलंबन पर्याप्त है?*

यदि जांच की जाती है और कोई दोषी पाया जाता है, तो केवल निलंबन से न्याय नहीं होगा। शासन को चाहिए कि दोषियों से आर्थिक वसूली की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाह न हो।

*ग्रामीणों की भूमिका और पीड़ा*

इस पूरे घटनाक्रम में ग्रामीणों ने अपनी जागरूकता और साहस का परिचय दिया। आग बुझाने के लिए उन्होंने पानी, झाड़ू और अन्य घरेलू उपायों का प्रयोग किया। उनके पास संसाधनों की कमी थी, फिर भी उन्होंने अपनी मेहनत से खेतों को बचाया। पर सवाल यह है कि क्या वन विभाग की जिम्मेदारी अब भी ग्रामीण निभाएंगे?

*जांच में शामिल हों जनप्रतिनिधि*

यदि शासन इस मामले की निष्पक्ष जांच कराना चाहता है, तो उसे विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों और ग्रामीणों की भागीदारी से जांच समिति बनानी चाहिए। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि सच्चाई सामने आए और दोषियों को बचाया न जा सके। वनों में लगने वाली आग न केवल पौधों को नष्ट करती है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता, भू-जल स्तर, जंगली जीवों का जीवन और पूरे इकोसिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। वन क्षेत्र में प्लांटेशन का जलना वर्षों की मेहनत को मिट्टी में मिला देना है।

टिप्पणियाँ

popular post

रोटावेटर की चपेट में आया मासूम, ढीमरखेड़ा में दर्दनाक हादसा, ट्रैक्टर चालक गिरफ्तार, वाहन जब्त

 रोटावेटर की चपेट में आया मासूम, ढीमरखेड़ा में दर्दनाक हादसा, ट्रैक्टर चालक गिरफ्तार, वाहन जब्त कटनी  |  ढीमरखेड़ा थाना क्षेत्र में रविवार सुबह एक हृदय विदारक हादसा सामने आया, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। ग्राम सगौना निवासी सुशील कुमार पिता कोदो लाल मेहरा के खेत में जुताई-बुवाई का कार्य चल रहा था। रविवार सुबह लगभग 9:25 बजे खेत में खड़ा उनका 14 वर्षीय मासूम बेटा दिव्यांशु मेहरा अचानक एक गंभीर दुर्घटना का शिकार हो गया। जानकारी के अनुसार खेत में कार्यरत ट्रैक्टर लाल रंग का मैसी फर्ग्यूसन ट्रैक्टर था, जिसे नारायण यादव नामक व्यक्ति चला रहा था। जुताई के दौरान दिव्यांशु ट्रैक्टर पर बैठा हुआ था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्रैक्टर चालक की लापरवाही और असावधानी के चलते दिव्यांशु अचानक ट्रैक्टर के हिस्से में फंस गया। मशीनरी की तेज कटनी और भारी उपकरणों की वजह से हादसा इतना भीषण था कि बच्चे ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।घटना के बाद खेत में चीख-पुकार मच गई। परिवारजन और ग्रामीण दौड़कर पहुँचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। मासूम की मौत की खबर पूरे गांव में आग की तरह फैल गई। घर मे...

खमतरा निवासी मनोज साहू की नदी में मिली लाश, क्षेत्र में सनसनी, प्रशासन लगातार सक्रिय

 खमतरा निवासी मनोज साहू की नदी में मिली लाश, क्षेत्र में सनसनी, प्रशासन लगातार सक्रिय ढीमरखेड़ा  |  ढीमरखेड़ा थाना अंतर्गत ग्राम खमतरा निवासी 40 वर्षीय मोटरसाइकिल मैकेनिक मनोज साहू का रहस्यमयी ढंग से लापता होना अब दुखद मोड़ ले चुका है। बीते कई दिनों से गायब चल रहे मनोज की लाश महानदी में मिली, जिसके बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। जानकारी के मुताबिक मनोज साहू किसी वैवाहिक समारोह में शामिल होने के लिए घर से निकले थे, लेकिन देर रात तक घर न लौटने पर परिजनों को अनहोनी की आशंका होने लगी । वहीं महानदी पुल के पास उनकी मोटरसाइकिल खड़ी मिली, जबकि मनोज का कहीं पता नहीं चला। इसे परिजनों ने गहरी शंका जताते हुए मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन भी किया था। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल खोजबीन की मांग की थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। कई घंटों की तलाश के बाद एक शव दिखाई दिया, जिसकी पहचान मनोज साहू के रूप में की गई। शव मिलते ही मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया और बड़ी संख्या में ग्रामीण व परिजन वहां पहुंच गए।...

मुख्यमंत्री का बयान वायरल सचिव और रोज़गार सहायक की क्या औकात , गलत करेंगे तो हटा दिए जाएंगे दैनिक ताजा खबर के प्रधान संपादक राहुल पाण्डेय ने कहा कि इनको हटाए नहीं जब इनके कार्यकाल की नौकरी पूरी हो जाए तो इनके मानदेय को जोड़कर बाकी पूरी इनकी संपत्ति जनता में बांट दिया जाए

 मुख्यमंत्री का बयान वायरल सचिव और रोज़गार सहायक की क्या औकात , गलत करेंगे तो हटा दिए जाएंगे दैनिक ताजा खबर के प्रधान संपादक राहुल पाण्डेय ने कहा कि इनको हटाए नहीं जब इनके कार्यकाल की नौकरी पूरी हो जाए तो इनके मानदेय को जोड़कर बाकी पूरी इनकी संपत्ति जनता में बांट दिया जाए कटनी  |  प्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक हलचल के बीच मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव का एक बयान तेजी से वायरल हो गया है ।  मुख्यमंत्री ने अपने तीखे अंदाज़ में कहा  सचिव और रोज़गार सहायक की क्या औकात, अगर गलत करेंगे तो हटा दिए जाएंगे ।  यह बयान न केवल सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था और ग्राम स्तर के कामकाज पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। मुख्यमंत्री के इस बयान ने उन सचिवों और रोजगार सहायकों के बीच खलबली मचा दी है जो पंचायतों में मनमानी करते हैं या जनता की समस्याओं की अनदेखी करते हैं। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने अपने भाषण में स्पष्ट कहा कि सरकार जनता के अधिकारों के साथ खिलवाड़ नहीं होने देगी ।  ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता और जवाबदेही ही सुशासन की नीं...