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मई, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जिस व्यक्ति में सफलता के लिए आशा और आत्मविश्वास है, वहीं व्यक्ति उच्च शिखर पर पहुंचते हैं

 जिस व्यक्ति में सफलता के लिए आशा और आत्मविश्वास है, वहीं व्यक्ति उच्च शिखर पर पहुंचते हैं ढीमरखेड़ा |  सफलता की यात्रा आसान नहीं होती। यह एक ऐसी राह है जो धैर्य, मेहनत, समर्पण, आशा और आत्मविश्वास की नींव पर टिकी होती है। जीवन में कोई भी व्यक्ति तभी ऊंचे शिखरों को छू सकता है, जब उसके भीतर आशा की किरणें और आत्मविश्वास की जड़ें मजबूत हों। जो व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों में भी हार नहीं मानता और निरंतर प्रयास करता है, वही वास्तव में सफल कहलाने का अधिकारी बनता है। *आशा, जीवन की दिशा* आशा वह शक्ति है जो निराशा में भी संभावना तलाश लेती है। यह वह दीपक है जो अंधकार में भी रोशनी करता है। जब कोई व्यक्ति किसी कठिन समय से गुजरता है, तब आशा ही उसे सहारा देती है कि वह इस अंधेरे से बाहर निकल सकता है। उदाहरण के लिए, थॉमस एडीसन को ही लीजिए जब उन्होंने बिजली के बल्ब पर काम करना शुरू किया तो हजारों बार विफल हुए, लेकिन आशा ने उन्हें रोके रखा। उन्होंने कहा था "मैं असफल नहीं हुआ, मैंने 10,000 ऐसे तरीके खोजे जो काम नहीं करते थे।" आशा यह विश्वास दिलाती है कि परिस्थिति चाहे जैसी भी हो, बदल सकती है। यह...

निखिल कुमार चौधरी, गांव के शासकीय स्कूल से 95.4% की उपलब्धि, बना क्षेत्र की प्रेरणा

 निखिल कुमार चौधरी, गांव के शासकीय स्कूल से 95.4% की उपलब्धि, बना क्षेत्र की प्रेरणा ढीमरखेड़ा |  गांवों से भी प्रतिभा कभी पीछे नहीं रहती। सुविधाओं की कमी भले हो, लेकिन यदि संकल्प मजबूत हो और परिवार व शिक्षकों का सहयोग हो, तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं। ऐसा ही एक नाम आज पूरे पोड़ी कला बी खिरवा गांव और आसपास के क्षेत्र में गर्व और प्रेरणा का प्रतीक बन गया है निखिल कुमार चौधरी, जिसने कक्षा 10 वीं की बोर्ड परीक्षा में 95.4% अंक हासिल करके न सिर्फ अपने परिवार और विद्यालय का नाम रोशन किया बल्कि यह साबित कर दिया कि मेहनत और लगन ही असली सफलता की कुंजी है। *पारिवारिक पृष्ठभूमि मेहनतकश माता-पिता की संतान* निखिल के पिता संतोष चौधरी एक साधारण किसान हैं। रोज़ सुबह खेतों में पसीना बहाकर वे अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। उनकी माता अनीता बाई चौधरी एक गृहिणी हैं, जिन्होंने बेटे की पढ़ाई के लिए हर संभव सहयोग किया। सीमित संसाधनों के बावजूद दोनों ने कभी भी निखिल के सपनों में कोई कमी नहीं आने दी। जब गांव के अन्य बच्चे ट्यूशन पढ़ने शहर जाते थे, तब निखिल घर पर ही पुस्तकें पढ़कर अपनी तैयारी करता था।...

ढीमरखेड़ा पुलिस की सतर्कता से टली अनहोनी, अवैध गुप्ती नुमा चाकू के साथ युवक गिरफ्तार

 ढीमरखेड़ा पुलिस की सतर्कता से टली अनहोनी, अवैध गुप्ती नुमा चाकू के साथ युवक गिरफ्तार ढीमरखेड़ा |  दिनांक 06 मई 2025 को थाना ढीमरखेड़ा पुलिस की चौकी सिलौड़ी ने एक महत्वपूर्ण कार्यवाही करते हुए समाज में संभावित खतरे को समय रहते टाल दिया। ग्राम गोपालपुर तिराहा, नंदू चौधरी के घर के सामने एक संदिग्ध युवक को अवैध गुप्ती नुमा धारदार चाकू के साथ खड़ा पाए जाने की मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त होने के बाद, पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मौके पर पहुंचकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इस कार्यवाही से यह स्पष्ट होता है कि ढीमरखेड़ा पुलिस क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के प्रति पूरी तरह सजग और प्रतिबद्ध है। थाना ढीमरखेड़ा अंतर्गत चौकी सिलौड़ी को एक विश्वसनीय मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम गोपालपुर तिराहा पर नंदू चौधरी के घर के सामने एक युवक अवैध रूप से गुप्ती नुमा धारदार चाकू लिए खड़ा है, तो पुलिस ने तुरंत कार्रवाई का निर्णय लिया। इस सूचना को हल्के में न लेते हुए थाना प्रभारी निरीक्षक मोहम्मद शाहिद के नेतृत्व में एक टीम तत्काल मौके पर रवाना की गई। टीम में उपनिरीक्षक विष्णुशंकर जायसवाल, प्रधान ...

अगर आपके पास हौसला है, मेहनत करने का जज्बा है, और अपने सपनों पर भरोसा है तो रास्ता खुद- ब- खुद बन जाता है, संघर्ष से सफलता तक शिवानी पांचाल की कहानी हर बेटी के लिए एक प्रेरणा

 अगर आपके पास हौसला है, मेहनत करने का जज्बा है, और अपने सपनों पर भरोसा है तो रास्ता खुद- ब- खुद बन जाता है, संघर्ष से सफलता तक शिवानी पांचाल की कहानी हर बेटी के लिए एक प्रेरणा ढीमरखेड़ा |  हरियाणा के एक छोटे से गांव भोड़वाल माजरी की बेटी शिवानी पांचाल ने UPSC 2024 में ऑल इंडिया रैंक 53 प्राप्त कर एक नई मिसाल कायम की है। उन्होंने न केवल अपने गांव और जिले, बल्कि पूरे हरियाणा और देश का नाम रोशन किया है। यह उपलब्धि केवल एक शैक्षणिक सफलता नहीं है, बल्कि एक सामाजिक प्रेरणा है जो दिखाती है कि सच्ची मेहनत, समर्पण और स्पष्ट लक्ष्य के साथ कोई भी बाधा पार की जा सकती है। शिवानी का जन्म हरियाणा के झज्जर जिले के भोड़वाल माजरी गांव में हुआ था। जब वह मात्र 4 वर्ष की थीं, तब उनके पिता दिलबाग सिंह का एक सड़क हादसे में निधन हो गया। यह हादसा उनके जीवन की दिशा ही बदल गया। इतनी कम उम्र में पिता को खो देना किसी भी बच्चे के लिए गहरा आघात होता है। लेकिन यहीं से उनके संघर्ष की कहानी शुरू होती है। *मां सविता देवी एक सशक्त स्त्री की भूमिका* शिवानी की मां सविता देवी एक आंगनवाड़ी वर्कर हैं। पति की असमय मृत...

शिवानी पटैल, एक प्रेरणादायक कहानी परिश्रम, लगन और सफलता का संगम

 शिवानी पटैल, एक प्रेरणादायक कहानी परिश्रम, लगन और सफलता का संगम ढीमरखेड़ा |  सफलता किसी विशेष वर्ग, स्थान या परिस्थिति की मोहताज नहीं होती, बल्कि यह उस साधना का प्रतिफल है जो व्यक्ति निरंतरता, समर्पण और आत्मविश्वास के साथ करता है। इसी भावना को चरितार्थ किया है उमरियापान के सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की मेधावी छात्रा शिवानी पटैल ने।शिवानी ने कक्षा दसवीं में 95% अंक अर्जित कर अपने विद्यालय, अपने माता-पिता और सम्पूर्ण क्षेत्र का नाम रोशन किया है। यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए गर्व का विषय है, बल्कि क्षेत्र के अन्य छात्रों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन गई है। *पारिवारिक पृष्ठभूमि संस्कारों और सेवा की छाया में पला-बढ़ा जीवन* शिवानी पटैल का जन्म एक सामाजिक रूप से सक्रिय और प्रतिष्ठित परिवार में हुआ। वह बनेहरी ग्राम निवासी समाजसेवी श्री पारस पटैल और जनपद उपाध्यक्ष श्रीमती दुर्गा पटैल की पुत्री हैं। उनका परिवार सामाजिक सेवा, शिक्षा के प्रति समर्पण और ग्रामीण विकास के कार्यों में हमेशा अग्रणी रहा है। शिवानी को बचपन से ही एक ऐसा परिवेश मिला जहाँ शिक्षा को सर्वोपरि मानते हु...

अलविदा पत्रकारिता, राहुल पाण्डेय का आत्ममंथन और विदाई का निर्णय

 अलविदा पत्रकारिता, राहुल पाण्डेय का आत्ममंथन और विदाई का निर्णय ढीमरखेड़ा |  पत्रकारिता एक ऐसा पेशा है जो केवल समाचारों को संप्रेषित करने का कार्य नहीं करता, बल्कि वह समाज की आत्मा को आवाज़ देता है। वह जनता और सत्ता के बीच की वह कड़ी है, जो न सिर्फ सवाल उठाती है, बल्कि जवाब मांगती है। और जब इसी पत्रकारिता को जीवंत करने वाला कोई पत्रकार, विशेष रूप से एक ऐसा संपादक जो सच्चाई की मिसाल बन गया हो जब वह इस पेशे को छोड़ने का मन बनाता है तो यह केवल एक व्यक्ति का फैसला नहीं होता, बल्कि यह समाज के सामने कई प्रश्न खड़े कर देता है। ‘दैनिक ताज़ा खबर’ के प्रधान संपादक राहुल पाण्डेय ने पत्रकारिता से संन्यास लेने का जो निर्णय लिया है, वह सिर्फ एक व्यक्तिगत संघर्ष की कहानी नहीं है, बल्कि यह मौजूदा पत्रकारिता जगत में व्याप्त पीड़ा की परतों को भी उजागर करता है। राहुल पाण्डेय का नाम जब लिया जाता है, तो साथ में ईमानदारी, निर्भीकता और जनपक्षधर पत्रकारिता की तस्वीर भी उभरती है। वर्षों से उन्होंने 'दैनिक ताज़ा खबर' के माध्यम से ग्रामीण भारत की अनकही कहानियों, गरीबों के संघर्ष, स्थानीय राजनीति की सच्...

समाज सुधार करते - करते नेता अपना जीवन दूसरी स्त्रियों से संबंध रखते हुए सुधारने लगते हैं यह कैसी नेतागिरी, राजनैतिक संरक्षण का उठाते हैं फायदा, जब नेता का अपना घर नहीं संभलता, तो समाज कैसे सुधरेगा

 समाज सुधार करते - करते नेता अपना जीवन दूसरी स्त्रियों से संबंध रखते हुए सुधारने लगते हैं यह कैसी नेतागिरी, राजनैतिक संरक्षण का उठाते हैं फायदा, जब नेता का अपना घर नहीं संभलता, तो समाज कैसे सुधरेगा ढीमरखेड़ा |  राजनीति को एक ऐसा माध्यम माना जाता है जिसके द्वारा जनता की सेवा की जाती है, समाज के विकास के लिए निर्णय लिए जाते हैं और जनता के दुख - दर्द को समझकर उसे दूर करने का प्रयास किया जाता है। लेकिन जब वही राजनेता अपने व्यक्तिगत जीवन में विफल रहता है, अपने घर की समस्याओं का समाधान नहीं कर पाता, तो प्रश्न उठना स्वाभाविक है क्या ऐसा व्यक्ति समाज को दिशा दे सकता है? *राजनैतिक संरक्षण और उसका दुरुपयोग* आज के समय में कई राजनेता अपने पद और प्रभाव का इस्तेमाल निजी लाभ और गलत कार्यों को छिपाने के लिए करते हैं। उन्हें जो संरक्षण शासन, दल या सत्ता से प्राप्त होता है, वह न केवल उनके राजनीतिक जीवन को सुरक्षित करता है बल्कि निजी जीवन की असफलताओं और अनैतिक आचरणों को भी ढक देता है। जब किसी नेता की पत्नी मायके चली जाती है और वर्षों तक वापस नहीं लौटती, तब यह एक पारिवारिक मामला नहीं रह जाता। यदि...

ग्राम हरदी मोड़ पर धारदार हथियार से दहशत फैलाने वाला आरोपी गिरफ्तार एक संवेदनशील और साहसी पुलिस कार्रवाई का उदाहरण

 ग्राम हरदी मोड़ पर धारदार हथियार से दहशत फैलाने वाला आरोपी गिरफ्तार एक संवेदनशील और साहसी पुलिस कार्रवाई का उदाहरण  ढीमरखेड़ा |  समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखना एक जटिल और जिम्मेदार कार्य है। जब आम जनजीवन को बाधित करने वाले असामाजिक तत्व उभरते हैं, तो ऐसे समय में पुलिस प्रशासन की तत्परता और दृढ़ता ही समाज को भयमुक्त वातावरण प्रदान कर सकती है। हाल ही में मध्य प्रदेश के कटनी जिले के उमरियापान थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम हरदी मोड़ पर घटी एक घटना ने यह साबित कर दिया कि यदि पुलिस सक्रिय हो तो किसी भी संकट की स्थिति को तुरंत नियंत्रित किया जा सकता है। यह घटना उस समय की है जब एक 25 वर्षीय युवक दिनेश कुमार मेहरा, धारदार बका लेकर आम रास्ते पर लोगों को गाली-गलौज कर रहा था, डरा-धमका रहा था, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया था। सूचना मिलते ही उमरियापान पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। दिनांक 6 मई 2025 को उमरियापान थाना पुलिस को गश्त के दौरान सूचना मिली कि ग्राम हरदी मोड़ पर एक व्यक्ति धारदार बका लेकर खड़ा है और ...

जनसुनवाई में अधिकारियों ने सुनी 102 आवेदकों की समस्यायें, दिए निराकरण के निर्देश

 जनसुनवाई में अधिकारियों ने सुनी 102 आवेदकों की समस्यायें, दिए निराकरण के निर्देश ढीमरखेड़ा |  कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में मौजूद अधिकारियों ने 102 आवेदकों की समस्याएं और शिकायतें सुनीं एवं निराकरण के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव के निर्देश पर अधिकारियों ने रू-ब-रू संवाद कर उनकी समस्याओं को जाना। यह जनसुनवाई समस्त उपखंड, तहसील एवं जनपद स्तर पर भी आयोजित की गई। जनसुनवाई के दौरान अपर कलेक्टर साधना परस्ते, संयुक्त कलेक्टर निधि सिंह, संस्कृति शर्मा, डिप्टी कलेक्टर प्रमोद चतुर्वेदी, विवेक गुप्ता एवं ज्योति लिल्हारे मौजूद रहे। *पेंशन तथा पीएफ की राशि दिलायें*  ग्राम पुरैनी निवासी लीला बाई यादव ने जनसुनवाई के दौरान आवेदन देते हुये कहा कि मेरे पति स्व. मोहन लाल यादव म.प्र. राज्य सहकारी संघ विपणन में चौकीदार के पद पर कार्यरत थे। पुरैनी से उनका ट्रांसफर मुरैना हो गया था। 2019-20 में उनकी मृत्यु हो गई। 4 साल से भाग दौड़ करने के बाद भी पेंशन एवं पीएफ की राशि प्राप्त नहीं हो सकी है। जिस पर जिला विपणन संघ को निश्चित समयावधि में शिकायत का निराकरण के...

कर्म ऐसा करो कि जब चमक फीकी पड़े, तब भी लोग तुम्हारे नाम से रोशन हो जाएं

 कर्म ऐसा करो कि जब चमक फीकी पड़े, तब भी लोग तुम्हारे नाम से रोशन हो जाएं  ढीमरखेड़ा |  हमारे जीवन में कई क्षण ऐसे आते हैं जब हम बाहरी चमक-दमक, दिखावे और प्रतिष्ठा की चकाचौंध में फंस जाते हैं। हमें लगता है कि सफलता का अर्थ सिर्फ नाम, पैसा, पद और शोहरत है। लेकिन जैसे ही यह अस्थायी आकर्षण खत्म होता है, तब हमें अपने वास्तविक जीवन और कर्मों की याद आने लगती है। यही वह समय होता है जब हमें यह समझ आता है कि हमारी पहचान सिर्फ हमारे कर्मों से होती है, न कि दिखावे से।  *भौतिकता की क्षणिकता* आज का युग भौतिकता और उपभोक्तावाद का युग है। हर व्यक्ति बेहतर दिखने, आगे निकलने और श्रेष्ठ बनने की होड़ में लगा है। सोशल मीडिया, फैशन, ब्रांडेड जीवनशैली यह सब हमारे मन - मस्तिष्क को बांधते हैं और हमें भ्रम में डालते हैं कि यही सफलता है। लेकिन यह सब केवल "चंद रोज की चमक दमक" है। एक समय आता है जब यह सब फीका पड़ जाता है। ब्रांडेड कपड़े पुराने हो जाते हैं, शोहरत के चर्चे थम जाते हैं, और लोग अगली खबर की ओर बढ़ जाते हैं।  *कर्म का सिद्धांत* भारत के दर्शन में कर्म का विशेष स्थान है। भगवद गीता म...

प्रदूषण विभाग की कार्रवाई नोटिस तक सीमित, क्रेशर प्लांट के मनमाने संचालन पर नही लगी रोक, नियमों की उड़ रही धज्जियां प्रशासन की कार्रवाई नोटिस तक सीमित

 प्रदूषण विभाग की कार्रवाई नोटिस तक सीमित, क्रेशर प्लांट के मनमाने संचालन पर नही लगी रोक, नियमों की उड़ रही धज्जियां प्रशासन की कार्रवाई नोटिस तक सीमित कटनी |  कटनी जिले के बरही तहसील क्षेत्र में दर्जन भर क्रेशर प्लांट मनमाने तरीके से चल रहे हैं रात दिन उड़ती धूल से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्रेशर प्लांट के मनमाने संचालन से किसानों की खेतिहर भूमि बंजर होते जा रही है प्रदूषण के कारण ग्रामीण खांसी,दमा,चर्मराग जैसे गंभीर बीमारी से ग्रसित हो रहे है जिसको लेकर लगातार ग्रामीणों ने प्रशासन से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की लेकिन प्रशासन के द्वारा ध्यान नहीं किया गया। ग्रामीणों ने मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में की जिसके बाद प्रदूषण विभाग के अधिकारियों ने जांच किया जिसमे से क्रेशर प्लाट मालिकों के द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था उड़ती धूल को रोकने बाउंड्रीवॉल पानी का छिड़काव पेड़ पौधे नही लगाए गए जिससे वातावरण प्रदूषित हो रहा है। प्रदूषण विभाग के अधिकारियों ने मेसर्स केपी अवस्थी सरोज मिनिरल्स एंड माइनस महालक्ष्मी मिनिरल्स एंड माइनस श्री राम ट्रेडर्स स...

खरी-अखरी(सवाल उठाते हैं पालकी नहीं) भारत का बिजनेस माॅडल है इलेक्शन युद्ध के दौरान पूंजी नहीं बढती

 खरी-अखरी(सवाल उठाते हैं पालकी नहीं)    भारत का बिजनेस माॅडल है इलेक्शन        युद्ध के दौरान पूंजी नहीं बढती  जब पहलगाम पर आतंकी हमला हो रहा था उस वक्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साउदी अरब में थे। घटना के अगले दिन वे दिल्ली आये जरूर लेकिन सीधे बिहार रवाना हो गए वहां से मुंबई फिर केरल की यात्रा पर निकल गए लेकिन अभी तक उन्हें पहलगाम जाने का समय नहीं मिला ठीक वैसे ही जैसे उन्हें अभी तक मणिपुर जाने का टाइम नहीं मिला। शायद ये किसी को याद नहीं होगा। तो फिर 1971,1984, 1999, 2002 कोई मायने नहीं रखते हैं। लोग पहले वर्षों का जिक्र करते थे फिर महीने पर उतर आए और अब दिनों का जिक्र करने लगे हैं। अमेरिका को इस बुध्द ज्ञान की प्राप्ति हो गई है कि किसी भी देश की पूंजी युद्ध के दिनों में बढ नहीं सकती और चाइना ये बुध्द ज्ञान बहुत पहले ही प्राप्त कर चुका है शायद इसीलिए वह दुनिया के किसी भी युद्ध में शामिल नहीं हुआ। वह अपनी विस्तारवादी नीति पर बेखौफ़ चलता रहता है। लेकिन अमेरिका हर युध्द में शामिल रहा है। अब जब उसे ज्ञान प्राप्त हुआ है तो वह गुणा-भाग करने में लग गया ...

कंपनी को हड़पने की महेन्द्र गोयनका की साजिश हुई नाकाम कटनी के विधायक संजय पाठक के पूर्व कर्मचारी गोयनका ने रची थी साजिश,कंपनी के 3 डायरेक्टरों की गिरफ्तारी को रोकने आईजी के पत्र पर हाईकोर्ट ने जताई हैरानी, कंपनी के डायरेक्टरों की अपील खारिज कर हाईकोर्ट ने कहा आईजी सिर्फ विवेचना अधिकारी बदल सकते हैं, गिरफ्तारी नहीं रोक सकते अब गिरफ्तार हो सकेंगे यूरो प्रतीक इस्पात कंपनी के तीनों फरार डायरेक्टर

 कंपनी को हड़पने की महेन्द्र गोयनका की साजिश हुई नाकाम कटनी के विधायक संजय पाठक के पूर्व कर्मचारी गोयनका ने रची थी साजिश,कंपनी के 3 डायरेक्टरों की गिरफ्तारी को रोकने आईजी के पत्र पर हाईकोर्ट ने जताई हैरानी, कंपनी के डायरेक्टरों की अपील खारिज कर हाईकोर्ट ने कहा  आईजी सिर्फ विवेचना अधिकारी बदल सकते हैं, गिरफ्तारी नहीं रोक सकते अब गिरफ्तार हो सकेंगे यूरो प्रतीक इस्पात कंपनी के तीनों फरार डायरेक्टर जबलपुर । कटनी की एक इस्पात कंपनी को हड़पने के संबंध में महेन्द्र गोयनका की साजिश नाकाम हो गई है। कटनी के भाजपा विधायक संजय पाठक के पूर्व कर्मचारी गोयनका ने कंपनी हड़पने का यह पूरा ताना बाना रचा था इस साजिश में शामिल कंपनी के 4 डायरेक्टरों की अपील हाईकोर्ट से खारिज हो गई है।  मामले में आईजी की भूमिका पर सवाल उठने के बाद मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायाधीश विवेक जैन की युगलपीठ ने अपने विस्तृत फैसले में कहा है कि आईजी वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते किसी भी मामले का विवेचना अधिकारी तो बदल सकते हैं, लेकिन अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद वे आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं रोक सकते। इसके सा...

वन विभाग में भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़ा होता एक और मामला, बल्लन तिवारी, डिप्टी रेंजर बी. डी. त्रिपाठी और रेंजर अजय मिश्रा की संदिग्ध सांठगांठ, अवैध तरीके से चल रहा हैं सागौन कटाई का कार्य, चंद नोटों के कारण बिक गया पूरा विभाग

 वन विभाग में भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़ा होता एक और मामला, बल्लन तिवारी, डिप्टी रेंजर बी. डी. त्रिपाठी और रेंजर अजय मिश्रा की संदिग्ध सांठगांठ, अवैध तरीके से चल रहा हैं सागौन कटाई का कार्य, चंद नोटों के कारण बिक गया पूरा विभाग  ढीमरखेड़ा |  मध्यप्रदेश के वन विभाग की गरिमा और जिम्मेदारी पर एक बार फिर सवाल खड़े हो रहे हैं। विभाग, जो प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा और वन्य जीव संरक्षण के लिए जाना जाता है, आज भ्रष्टाचार और मिलीभगत की दलदल में फंसा हुआ प्रतीत हो रहा है। हाल ही में सामने आई एक गंभीर घटना में यह आरोप लग रहा है कि एक जिला बदर अपराधी बल्लन तिवारी, जो कई मामलों में संदिग्ध है, उसे विभाग के डिप्टी रेंजर बी. डी. त्रिपाठी का संरक्षण प्राप्त है। इतना ही नहीं, इस मामले में रेंजर अजय मिश्रा की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। *बल्लन तिवारी, एक जिला बदर अपराधी की चालबाजियां* बल्लन तिवारी पर जिले से निष्कासन के बावजूद विभागीय गतिविधियों में गुप्त रूप से शामिल होने के आरोप हैं। तिवारी पर न केवल अवैध लकड़ी कटाई में लिप्त रहने के आरोप हैं, बल्कि विभाग की गोपनीय जानकारियां हास...