सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

कैसे टॉयलेट साफ करें हम - शिक्षा का यह एक नया पाठ्यक्रम है क्या ?शासन की हालत खस्ता है क्या जो छात्रों को बनाया सफाई वीर सफाई कर्मचारी रखने लायक न राशि है न है प्रावधान

 कैसे टॉयलेट साफ करें हम - शिक्षा का यह एक नया पाठ्यक्रम है क्या ?शासन की हालत खस्ता है क्या जो छात्रों को बनाया सफाई वीर सफाई कर्मचारी रखने लायक न राशि है न है प्रावधान



ढीमरखेड़ा । विश्व की पांचवी आर्थिक शक्ति बन चुके भारत की आर्थिक हालत ऐसी खस्ता है कि सरकारी शाला में पढऩे वाले बच्चों का टायलेट सफाई के अघोषित कोर्स की ट्रेनिंग दी जा रही है। गंदगी साफ करने के लिए म.प्र. के स्कूल शिक्षा विभाग के पास संभवत: बजट नहीं है कि वह प्रत्येक स्कूल में सफाई मित्र रख सके इसलिए शालाओं का स्टाफ भी लाचार है कि कैसे टायलेट साफ करें हम। इसलिए सरकारी स्कूलों में प्रायमरी कक्ष में पढऩे वाले विद्यार्थियों से स्कूल के टॉयलेट साफ कराए जा रहे हैं, धर्म का डंका बज रहा है। ढ़ीमरखेड़ा तहसील के तहत एक गांव है लालपुर, यहां बनी है सरकारी नवीन मिडिल स्कूल की बिल्डिंग। जहां पर चौथी, पांचवीं कक्षा के विद्यार्थी मल मूत्र साफ करते हैं। जब मिडिया ने इस कु-पाठ्यक्रम को कैमरे में कैद किया तो शाला के एक अतिथि शिक्षक ने बताया कि बच्चे नहीं हम शिक्षक लोग ही बाथरूम को साफ करते हैं। उस समय शाला में प्रधानाध्यापक आदि मौजूद नहीं थे, शैक्षणिक गुणवत्ता सुधार अभियान में कहीं गए हुए होंगे । अतिथि शिक्षक ने कहा कि सफाई मित्र यहां नहीं है।

*सफाई वीर विद्यार्थी*

अतिथि शिक्षक के वश में जितना संभव था बेचारे ने  कर दिया  लेकिन नल का पाईप थामकर टॉयलेट की गंदगी बहा रहे सफाई वीर विद्यार्थी ने कहा कि रोज-रोज तो नहीं करते, मगर सफाई हम लोग ही करते हैं। एक दो दिन बाद सब बहाना पड़ता है, सफाई करते हैं।

*उम्मीद है निर्दोष विद्यार्थी, अतिथि शिक्षक पर नहीं होगा वज्रापात*

अफसरशाही शिकायत सामने आने पर उसका निदान करने में दिलचस्पी नहीं लेती। देखा जाता है कि वह अनुशासन की आड़ में समस्या उजागर करने वाले पर विभागीय कार्यवाही के हथौड़े चलाती है, इसलिए अतिथि शिक्षक और कक्षा चौथी के विद्यार्थी की पहचान सार्वजनिक नहीं की जा रही है। कलेक्टर-डीईओं से आशा है कि वे समस्या का समाधान करेंगे। जनभागीदारी से इसे हल कराएंगे।

टिप्पणियाँ

  1. लोग शिक्षक पर तो सवाल उठाते हैं किन्तु सरकार पर नहीं, ग्राम पंचायत या स्थानीय निकायों से सवाल करते हैं कभी

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

popular post

शिक्षा के मंदिर में सोती संवेदनाएँ, सो रहे शिक्षक रो रहा बच्चो का भविष्य जब बच्चो की नींव ही अच्छी नहीं होगी तो बच्चे कैसे बनेंगे समझदार बहोरीबंद जनपद शिक्षा केंद्र के अंतर्गत आने वाली शासकीय ए.एल. राय हायर सेकेंडरी स्कूल बचैया का मामला

 शिक्षा के मंदिर में सोती संवेदनाएँ, सो रहे शिक्षक रो रहा बच्चो का भविष्य जब बच्चो की नींव ही अच्छी नहीं होगी तो बच्चे कैसे बनेंगे समझदार बहोरीबंद जनपद शिक्षा केंद्र के अंतर्गत आने वाली शासकीय ए.एल. राय हायर सेकेंडरी स्कूल बचैया का मामला कटनी |  शिक्षा किसी भी समाज का सबसे मजबूत स्तंभ है। यह वह आधार है जिस पर राष्ट्र की नींव खड़ी होती है, लेकिन कटनी जिले के बहोरीबंद जनपद शिक्षा केंद्र के अंतर्गत आने वाली शासकीय ए.एल. राय हायर सेकेंडरी स्कूल बचैया से जो तस्वीरें सामने आईं, उन्होंने शिक्षा की पवित्रता और शिक्षक की गरिमा दोनों को कठघरे में खड़ा कर दिया है।विद्यालय, जिसे ‘ज्ञान का मंदिर’ कहा जाता है, वहाँ बच्चों को दिशा देने वाले शिक्षक स्वयं गहरी नींद में सोए मिले।कुछ ने बाकायदा बिस्तर बिछा लिया था, तो कुछ मोबाइल स्क्रीन पर डूबे हुए थे। और सबसे हैरानी की बात यह रही कि प्राचार्य महोदय भी कक्षा के समय खर्राटे भरते नज़र आए। यह दृश्य केवल शर्मनाक ही नहीं बल्कि शिक्षा व्यवस्था की आत्मा को झकझोर देने वाला है। *जब गुरु ही सो जाए तो शिष्य किससे सीखे?* हमारी परंपरा में गुरु को देवता का स्...

बिछड़ा कुछ इस अदा से कि रुत ही बदल गई, इक शख़्स सारे शहर को वीरान कर गया, ग्राम पंचायत भमका के रोजगार सहायक श्रीकांत रावते का निधन एक संवेदनशील श्रद्धांजलि

 बिछड़ा कुछ इस अदा से कि रुत ही बदल गई, इक शख़्स सारे शहर को वीरान कर गया, ग्राम पंचायत भमका के रोजगार सहायक श्रीकांत रावते का निधन एक संवेदनशील श्रद्धांजलि ढीमरखेड़ा |  जीवन और मृत्यु का रिश्ता ऐसा है जिसे कोई भी बदल नहीं सकता। जन्म लेना और फिर इस संसार को छोड़कर चले जाना, प्रकृति का अटल नियम है। लेकिन जब यह क्षण हमारे अपने किसी प्रियजन के साथ आता है, तब यह एक गहरी चोट की तरह दिल को भेद जाता है। ग्राम पंचायत भमका में पदस्थ रोजगार सहायक श्रीकांत रावते का गंभीर बीमारी के उपचार के दौरान निधन इस सच्चाई का ताजा उदाहरण है, जिसने पूरे क्षेत्र को गहरे शोक में डुबो दिया। कुछ महीनों पहले उन्हें अचानक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां शुरू हुईं। शुरुआत में इसे सामान्य कमजोरी समझा गया, लेकिन जब स्थिति बिगड़ती गई, तो परिवार ने उन्हें बड़े अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने गंभीर बीमारी की पुष्टि की, जिसके बाद इलाज का लंबा दौर शुरू हुआ। बीमारी के दौरान भी उन्होंने मानसिक रूप से हार नहीं मानी। अस्पताल में रहते हुए भी वे पंचायत के काम और लोगों के हालचाल के बारे में पूछते थे। परिवारजन और मित्र उन...

शराब ठेकेदार मंचू असाटी ने दबंगता के साथ पैकारी का विरोध करने वाले ग्रामीणों पर कार चढ़ाई , रौंदा घायल नागरिकों ने आंदोलन तेज किया कहा - सभी गुर्गों सहित सरगना पर संगीन धाराओं में केस दर्ज करो पुलिस- प्रशासन के पसीने छूटे , कारण बेईमान अफसरों के पैसे से चलते हैं शराब ठेके तो मंचू उनका अज़ीज़ है

 शराब ठेकेदार मंचू असाटी ने दबंगता के साथ पैकारी का विरोध करने वाले ग्रामीणों पर कार चढ़ाई , रौंदा घायल नागरिकों ने आंदोलन तेज किया कहा - सभी गुर्गों सहित सरगना पर संगीन धाराओं में केस दर्ज करो पुलिस- प्रशासन के पसीने छूटे , कारण  बेईमान  अफसरों के पैसे से चलते हैं शराब ठेके तो मंचू उनका अज़ीज़ है  कटनी ।  स्लीमनाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम संसारपुर में  अवैध पैकारियों का विरोध करने वाले ग्रामीणों के ऊपर शराब ठेकेदार मंचू असाटी ने अपनी कार चढ़ाकर उन्हें घायल कर दिया और चला भी गया l  घटना मंगलवार देर रात को हुई और दो दिन बाद तक पुलिस और प्रशासन हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है कि  ठेकेदार  मंचू की दबंगई के खिलाफ चूँ भी कर सके l कारण यही चर्चित है कि कटनी सहित एमपी के अधिकांश जिलों में महाभृष्ट पुलिस और आबकारी अधिकारियों की हराम की पूंजी शराब के ठेकों में लगती है और गुंडे मवाली टाइप के लोग ठेके चलाते हैं, मारपीट उपद्रव का तांडव मचाते हैं पुलिस की हिम्मत नहीं होती कि उनकी गुंडई को रोक सके । कुछ दिन पहले कटनी में शराब ठेकेदार एंड गैंग ने मिशन चौक पर कार सवार...