सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

रामपुर में वन रक्षक के पद पर पदस्थ अभिषेक शुक्ला को उत्कृष्ट कार्य के चलते किया गया सम्मानित, जो अपने कार्यों के लिए होता हैं समर्पित वहीं होता हैं सम्मानित, पद की गरिमा नहीं होती जो पद में रहकर कार्य की गरिमा बनाएं वहीं हैं कर्मचारी

 रामपुर में वन रक्षक के पद पर पदस्थ अभिषेक शुक्ला को उत्कृष्ट कार्य के चलते किया गया सम्मानित, जो अपने कार्यों के लिए होता हैं समर्पित वहीं होता हैं सम्मानित, पद की गरिमा नहीं होती जो पद में रहकर कार्य की गरिमा बनाएं वहीं हैं कर्मचारी 



ढीमरखेड़ा |  2025 के गणतंत्र दिवस के अवसर पर, मध्यप्रदेश राज्य वन निगम, वन मण्डल कुण्डम परियोजना, जबलपुर द्वारा एक भव्य समारोह आयोजित किया गया, जिसमें वन सुरक्षा में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए वन रक्षक अभिषेक शुक्ला को सम्मानित किया गया। इस सम्मान में उन्हें प्रशस्ति पत्र और ₹20,000 की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। अभिषेक शुक्ला का यह सम्मान उनके वन सुरक्षा, अवैध कटाई रोकने और वन्यजीव संरक्षण के लिए किए गए अभूतपूर्व प्रयासों के कारण दिया गया। इस समारोह में वन विभाग के प्रमुख अधिकारियों के साथ-साथ स्थानीय समुदाय के लोगों ने भी भाग लिया। अभिषेक शुक्ला का कार्य ना केवल वन विभाग के लिए, बल्कि समूचे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने स्थानीय समुदाय में भी एक नई जागरूकता उत्पन्न की है, जिससे वन्यजीवों के संरक्षण और जंगलों की सुरक्षा के प्रयासों को बल मिला है।

*अभिषेक शुक्ला का कार्यक्षेत्र और योगदान*

अभिषेक शुक्ला ने वर्ष 2023-24 में वन सुरक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए। उनके द्वारा किए गए प्रयासों में अवैध कटाई को रोकना, वन्यजीवों के संरक्षण के लिए कदम उठाना, और जंगलों की संपत्ति को सुरक्षित रखना प्रमुख थे। उन्होंने स्थानीय समुदाय को वन्यजीव संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक किया और उनके साथ मिलकर वन सुरक्षा में सक्रिय योगदान दिया। अभिषेक शुक्ला के प्रयासों के कारण अवैध कटाई और वन्यजीव तस्करी जैसी गंभीर समस्याओं पर नियंत्रण पाया गया। उनके निरंतर प्रयासों से जंगलों में हरियाली वापस लौटने की प्रक्रिया शुरू हुई और वन्यजीवों का संरक्षण सुनिश्चित हुआ। इसके परिणामस्वरूप वन विभाग को भी उनके कार्यों की सराहना मिली, और वे अपने क्षेत्र में एक आदर्श बने।

*समारोह में की गई सराहना और अभिषेक शुक्ला का समर्पण*

गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित इस सम्मान समारोह में अभिषेक शुक्ला की सराहना करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों ने उनके कार्यों को प्रेरणादायक बताया। वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अभिषेक जैसे कर्मठ और समर्पित कर्मचारी विभाग की असली शक्ति हैं। उनका कार्य न केवल संगठन के लिए, बल्कि समाज के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है। वन मण्डल प्रमुख ने यह भी कहा कि अभिषेक शुक्ला का यह सम्मान उनके अथक प्रयासों और समर्पण का प्रतीक है। अभिषेक शुक्ला ने अपने कार्य के दौरान हमेशा अपने क्षेत्र में स्थानीय लोगों को जागरूक किया और उन्हें वन सुरक्षा के महत्व को समझाया। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे जंगलों की रक्षा करें और वन्यजीवों के संरक्षण में भागीदार बनें। उनके प्रयासों के कारण स्थानीय लोगों में भी वन सुरक्षा के प्रति एक नई जागरूकता उत्पन्न हुई।

*समाज में अभिषेक शुक्ला की भूमिका*

अभिषेक शुक्ला के कार्यों का असर न केवल वन विभाग पर पड़ा, बल्कि स्थानीय ग्रामीणों और समुदाय पर भी पड़ा। एक ग्रामीण ने कहा, "अभिषेक जी ने हमें जंगलों और वन्यजीवों की सुरक्षा का महत्व समझाया है। उनके प्रयासों से जंगल की हरियाली वापस लौट रही है।" इस प्रकार, अभिषेक शुक्ला ने अपने कार्यों से स्थानीय लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में अहम भूमिका निभाई।

*समारोह के दौरान अभिषेक शुक्ला की सराहना*

समारोह में वन विभाग के प्रमुख अधिकारियों ने अभिषेक शुक्ला के कार्यों की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि उनका कार्य यह दर्शाता है कि यदि कोई कर्मचारी अपने कार्य के प्रति समर्पित हो, तो वह किसी भी चुनौती को पार कर सकता है। अभिषेक शुक्ला का यह सम्मान केवल उनके लिए नहीं, बल्कि सभी वन सुरक्षा कर्मचारियों के लिए एक प्रेरणा है। इसके साथ ही, वरिष्ठ अधिकारियों ने यह भी कहा कि अभिषेक शुक्ला का कार्य केवल विभागीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह समाज के लिए भी लाभकारी है। उनके द्वारा उठाए गए कदमों से न केवल जंगलों की सुरक्षा बढ़ी है, बल्कि वन्यजीवों के संरक्षण में भी उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई है।

*अभिषेक शुक्ला के कार्यों का दीर्घकालिक प्रभाव*

अभिषेक शुक्ला के कार्यों का दीर्घकालिक प्रभाव उनके क्षेत्र और समाज पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। उनके द्वारा किए गए प्रयासों ने स्थानीय वन्यजीवों के संरक्षण को सुनिश्चित किया और जंगलों की सुरक्षा को सुदृढ़ किया। इसके अतिरिक्त, उनका योगदान स्थानीय समुदाय में जागरूकता लाने के लिए भी सराहनीय है। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने वन सुरक्षा के क्षेत्र में एक नया मानक स्थापित किया है, जिससे आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा मिलेगी। उनके कार्यों का प्रभाव केवल वर्तमान में ही नहीं, बल्कि भविष्य में भी महसूस किया जाएगा।

*अभिषेक शुक्ला के सम्मान में वन विभाग का संदेश*

समारोह के अंत में, वन विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने अभिषेक शुक्ला को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। यह सम्मान न केवल अभिषेक के लिए, बल्कि पूरे वन सुरक्षा विभाग के लिए एक गर्व की बात है। यह सम्मान उनके समर्पण, कड़ी मेहनत और जंगलों के संरक्षण में किए गए योगदान को मान्यता देने का प्रतीक है। अभिषेक शुक्ला के इस सम्मान से यह स्पष्ट हो गया कि जब कोई व्यक्ति अपने कार्य के प्रति समर्पित होता है और समाज की भलाई के लिए कार्य करता है, तो उसकी मेहनत और प्रयासों को उचित सम्मान मिलता है। यह पुरस्कार केवल उनके व्यक्तिगत योगदान का प्रतीक नहीं है, बल्कि वन सुरक्षा के क्षेत्र में किए गए समर्पित प्रयासों का सम्मान है। अभिषेक शुक्ला का सम्मान यह दिखाता है कि वन सुरक्षा केवल विभागीय कार्य नहीं है, बल्कि यह समाज के प्रत्येक सदस्य की जिम्मेदारी है। उनके कार्यों ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि हम सब मिलकर काम करें तो हम जंगलों, वन्यजीवों और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा कर सकते हैं। यह सम्मान उनके अथक प्रयासों का प्रतीक है और उनके कार्यों ने न केवल वन सुरक्षा के क्षेत्र में एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया है, बल्कि समाज के हर सदस्य को प्रेरित किया है कि वे भी पर्यावरण की रक्षा में अपना योगदान दें।

टिप्पणियाँ

popular post

पोड़ी कला बी निवासी अजय पटैल का निधन, रोने वालों ने उठा रक्खा था घर सर पर मगर, उम्र भर का जागने वाला पड़ा सोता रहा

 पोड़ी कला बी निवासी अजय पटैल का निधन, रोने वालों ने उठा रक्खा था घर सर पर मगर, उम्र भर का जागने वाला पड़ा सोता रहा ढीमरखेड़ा  |  पोड़ी कला बी ग्राम के प्रतिष्ठित एवं लोकप्रिय शिक्षक अजय पटैल का असामयिक निधन हो गया। उनके निधन से समूचे क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त हो गई है। अजय पटैल अपने पीछे पुत्र योगेश पटैल तथा पुत्रियाँ अनुराधा पटैल, पूजा पटैल और आस्था पटैल को शोकाकुल छोड़ गए हैं। परिवार के साथ ही पूरा समाज उनकी इस अनुपम क्षति से व्यथित है। शिक्षण क्षेत्र में अजय पटैल का योगदान अमूल्य माना जाता है। गणित जैसे कठिन विषय को वे इतनी सरलता और सहजता से समझाते थे कि छात्र न केवल विषय में दक्ष होते, बल्कि पढ़ाई के प्रति उनमें रुचि भी जागृत होती। उनके पढ़ाने का अंदाज़ विद्यार्थियों के दिल को छू लेने वाला था। दैनिक ताज़ा खबर के संपादक राहुल पाण्डेय ने गहरे दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि जब मैं स्वयं पढ़ाई करता था, तब अजय पटैल जी से गणित पढ़ना मेरे लिए सौभाग्य था। उनकी शिक्षा देने की कला अद्वितीय थी। आज यह समाचार लिखते समय मेरी आँखें बार-बार भर आ रही हैं और आँसू रुकने का नाम नहीं ले...

थाना उमरियापान पुलिस ने हत्या के प्रयास के आरोपियों को किया गिरफ्तार, भेजा जेल

 थाना उमरियापान पुलिस ने हत्या के प्रयास के आरोपियों को किया गिरफ्तार, भेजा जेल   कटनी |  थाना उमरियापान पुलिस ने हत्या के प्रयास के मामले में फरार चल रहे आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने में सफलता प्राप्त की है, लिहाजा दिनांक 18 अगस्त 2025 को प्रार्थी बेडीलाल चौधरी निवासी पकरिया थाना उमरियापान ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि गांव के ही सूरज चौधरी, सुरेन्द्र चौधरी एवं सोनाबाई चौधरी ने उसे गंदी-गंदी गालियां दीं और जान से मारने की नीयत से मारपीट कर गंभीर चोटें पहुंचाईं। प्रार्थी की रिपोर्ट पर थाना उमरियापान में अपराध क्रमांक 293/25 धारा 296, 109(1), 3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक कटनी श्री अभिनय विश्वकर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री संतोष डेहरिया तथा अनुविभागीय अधिकारी पुलिस स्लीमनाबाद श्रीमती आकांक्षा चतुर्वेदी के निर्देशन में आरोपियों की तलाश शुरू की गई। इस दौरान लगातार प्रयासों के बाद थाना उमरियापान पुलिस ने फरार चल रहे आरोपी सूरज चौधरी पिता शिवकुमार चौधरी उम्र 35 वर्ष एवं सुरेन्द्र चौधरी पिता शिवकुमार चौध...

कटनी में पदस्थ बीईओ ऑफिस में फैज़ अहमद संविदा लिपिक की नियुक्ति नियमों को ताक पर रखकर हुआ खेल, जांच हुई तो खुलेंगे बड़े राज

 कटनी में पदस्थ बीईओ ऑफिस में फैज़ अहमद संविदा लिपिक की नियुक्ति नियमों को ताक पर रखकर हुआ खेल, जांच हुई तो खुलेंगे बड़े राज कटनी  |  मध्यप्रदेश में शिक्षा विभाग हमेशा चर्चा में रहा है। एक ओर जहां सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने, पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार खत्म करने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर विभागीय कार्यालयों से आए दिन ऐसे समाचार सामने आते हैं जो पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर देते हैं।खासकर संविदा नियुक्तियाँ, जिन्हें बेरोजगार युवाओं के लिए अवसर माना जाता है, वे ही भ्रष्टाचार और मनमानी का अड्डा बन गई हैं। कटनी जिले के बीईओ ऑफिस में पदस्थ संविदा लिपिक फैज़ अहमद की नियुक्ति का मामला भी इसी तरह का है। आरोप है कि उनकी नियुक्ति नियमों और प्रक्रिया को ताक पर रखकर की गई। अगर इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो, तो कई ऐसे राज सामने आ सकते हैं जो यह साबित करेंगे कि संविदा नियुक्तियाँ पारदर्शी नहीं बल्कि “संपर्क और सिफारिश तंत्र” पर आधारित होती जा रही हैं। *बीईओ ऑफिस और उसकी भूमिका* बीईओ ऑफिस किसी भी ब्लॉक की शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी होता है। यहाँ से प्राथमिक और माध...