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भाजपा नेता योगेंद्र सिंह ( दादा ) ठाकुर का राजनीति में कार्य करने का अलग अंदाज, सबसे ज्यादा सतह पर कर रहे हैं मेहनत, मेहनत ला रही हैं रंग जनता के चेहरे पर दिख रही है मुस्कान

 भाजपा नेता योगेंद्र सिंह ( दादा ) ठाकुर का राजनीति में कार्य करने का अलग अंदाज, सबसे ज्यादा सतह पर कर रहे हैं मेहनत, मेहनत ला रही हैं रंग जनता के चेहरे पर दिख रही है मुस्कान 



ढीमरखेड़ा | भाजपा नेता योगेंद्र सिंह ठाकुर, जिन्हें दादा ठाकुर के नाम से भी जाना जाता है, अपने कार्यक्षेत्र में निरंतर सक्रियता और जनसेवा के कार्यों के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने समाज के लिए जो कार्य किए हैं, उनमें से सबसे प्रमुख हैं ट्रांसफार्मर बदलवाना और नल-जल योजना को चालू करवाना। इन दोनों कार्यों ने गांवों और कस्बों के लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं। ग्रामीण इलाकों में बिजली की समस्या लंबे समय से चली आ रही है। बिजली की कमी और खराब ट्रांसफार्मर के कारण न केवल लोगों को अंधेरे में जीवन व्यतीत करना पड़ता है, बल्कि इसका असर शिक्षा, स्वास्थ्य, और कृषि पर भी पड़ता है। खराब ट्रांसफार्मर अक्सर बिजली आपूर्ति में बाधा डालते हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में जीवन कठिन हो जाता है। दादा ठाकुर ने इस समस्या को गंभीरता से लिया और जगह-जगह पर खराब ट्रांसफार्मरों को बदलवाने का काम शुरू किया। योगेंद्र सिंह ठाकुर ने ना केवल प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर ट्रांसफार्मरों को बदलवाने के लिए दबाव बनाया, बल्कि स्वयं भी सक्रिय रूप से जनता की समस्याओं को उठाया। उन्होंने गांव-गांव में दौरा कर लोगों से उनकी समस्याओं को सुना और फिर उन समस्याओं का समाधान करने के लिए आवश्यक कदम उठाए। कई बार उन्होंने व्यक्तिगत रूप से अधिकारियों के पास जाकर फॉल्ट ट्रांसफार्मरों को बदलवाने के आदेश दिलवाए। उनकी इस सक्रियता के कारण आज कई गांवों में बिजली की आपूर्ति में सुधार हुआ है और लोग इसका लाभ उठा रहे हैं।

*नल-जल योजना को चालू करवाने में योगदान*

नल-जल योजना का उद्देश्य गांवों तक स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। लेकिन योजना के क्रियान्वयन में कई बार विलंब हो जाता है या फिर यह योजना अधूरी रह जाती है। दादा ठाकुर ने इस योजना को प्राथमिकता दी और कई गांवों में इसे प्रभावी रूप से चालू करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नल-जल योजना के तहत पाइपलाइन बिछाने और पानी की टंकियों का निर्माण करवाने में ठाकुर ने अपने प्रभाव का उपयोग किया। कई स्थानों पर उन्होंने अधिकारियों और पंचायत सदस्यों के साथ बैठकें कीं, ताकि योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाई जा सके। उनका मानना है कि स्वच्छ पेयजल हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है और इसके लिए सरकार की योजनाओं का सही क्रियान्वयन होना चाहिए। योगेंद्र सिंह ठाकुर ने इस बात पर भी ध्यान दिया कि योजना का लाभ केवल कागजों तक सीमित न रहे, बल्कि जमीनी स्तर पर इसका असर दिखे। इसके लिए उन्होंने नियमित रूप से योजना के कार्यों की निगरानी की और जहां कहीं कोई कमी पाई गई, वहां त्वरित कार्रवाई की। उनकी इस सक्रियता के कारण आज कई गांवों में नल-जल योजना सुचारु रूप से चल रही है, जिससे लोगों को स्वच्छ पेयजल मिल रहा है और बीमारियों का खतरा भी कम हुआ है।

*जनसेवा में दादा ठाकुर का योगदान*

योगेंद्र सिंह ठाकुर केवल ट्रांसफार्मर बदलवाने और नल-जल योजना को चालू करवाने तक ही सीमित नहीं रहे हैं। उन्होंने समाज के अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया है। चाहे वह सड़क निर्माण हो, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो, या फिर शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देना हो, ठाकुर ने हर मोर्चे पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। विशेष रूप से कोरोना महामारी के दौरान, जब लोग अपने घरों से बाहर निकलने से डर रहे थे, तब भी दादा ठाकुर ने खुद को समाज की सेवा में समर्पित किया। उन्होंने ग्रामीण इलाकों में मास्क, सैनिटाइज़र और राशन सामग्री वितरित की। इसके अलावा, उन्होंने लोगों को महामारी के बारे में जागरूक किया और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रयास किए।

*राजनीति में कार्य करने का अलग अंदाज*

राजनीति में योगेंद्र सिंह ठाकुर की उपस्थिति केवल एक नेता के रूप में नहीं, बल्कि एक समाजसेवी के रूप में मानी जाती है। वे हमेशा से इस बात पर जोर देते आए हैं कि राजनीति केवल सत्ता का साधन नहीं, बल्कि समाज की सेवा का माध्यम है। उनके इस दृष्टिकोण के कारण वे जनता के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हैं और लोग उनकी ईमानदारी और समर्पण की प्रशंसा करते हैं। दादा ठाकुर की इस निष्ठा और समाजसेवा के प्रति उनके लगाव के कारण ही उन्हें भाजपा में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। वे अपने कार्यों से पार्टी की नीतियों को जमीनी स्तर पर पहुंचाने में सफल रहे हैं। उनके नेतृत्व में कई योजनाएं सफलतापूर्वक लागू हुई हैं, जो कि ग्रामीण इलाकों में विकास का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं।

*सतह पर मेहनत कर रहे दादा ठाकुर नेता*

योगेंद्र सिंह ठाकुर ने हमेशा से यह दिखाया है कि वे केवल भाषणों तक सीमित नेता नहीं हैं, बल्कि जमीन पर मेहनत करने वाले जनसेवक हैं। वे लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को समझते हैं और फिर उनके समाधान के लिए त्वरित कदम उठाते हैं। उनकी यह खासियत उन्हें अन्य नेताओं से अलग बनाती है।उनकी सतह पर मेहनत करने की आदत और गांव-गांव में जाकर लोगों से मिलना, उनकी समस्याओं को सुनना, और फिर उन्हें हल करने का प्रयास करना, यह सब उन्हें एक सच्चा जननेता बनाता है। वे उन नेताओं में से हैं जो जनता की सेवा को अपना धर्म मानते हैं और इसके लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं। भाजपा नेता योगेंद्र सिंह ठाकुर का योगदान ट्रांसफार्मर बदलवाने और नल-जल योजना को चालू करवाने में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उनकी सतत मेहनत और समाज के प्रति उनकी निष्ठा ने उन्हें जनता के बीच एक लोकप्रिय नेता बना दिया है। उनकी सतह पर मेहनत करने की प्रवृत्ति और समाज के हर वर्ग की भलाई के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उन्हें एक सच्चा जनसेवक साबित करती है। योगेंद्र सिंह ठाकुर का योगदान केवल विकास कार्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि वे समाज के हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। चाहे वह बिजली की समस्या हो, पेयजल की कमी हो, या फिर स्वास्थ्य और शिक्षा का मामला हो, ठाकुर ने हर समस्या का समाधान करने का प्रयास किया है। उनके द्वारा किए गए कार्य निश्चित रूप से उनके क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और उन्हें एक सच्चे और निष्ठावान नेता के रूप में स्थापित कर रहे हैं।

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