सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

गनियारी सरपंच गोकर्ण पंकज मिश्रा एक फिर चर्चा में उनके कार्यों की जगह - जगह हो रही सराहना

 गनियारी सरपंच गोकर्ण पंकज मिश्रा एक फिर चर्चा में उनके कार्यों की जगह - जगह हो रही सराहना 



ढीमरखेड़ा | ग्राम पंचायत गनियारी के सरपंच गोकर्ण पंकज मिश्रा का नाम ग्रामवासियों के बीच आज एक आदर्श नेतृत्वकर्ता के रूप में उभरकर सामने आ रहा है। शासन और प्रशासन के आदेशों का पालन करते हुए उन्होंने जो कदम उठाए हैं, वह न केवल ग्राम की सुरक्षा और विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि समाज में अनुशासन और व्यवस्था बनाए रखने का भी एक उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। उनके द्वारा ग्रामवासियों को अपने जानवरों को घर में बांधने की सलाह देना, और इसके लिए प्रशासनिक सख्ती की बात करना, उनके सजग और संवेदनशील नेतृत्व की मिसाल है।

*गोकर्ण पंकज मिश्रा का नेतृत्व और जनसेवा*

ग्राम पंचायत गनियारी के सरपंच के रूप में गोकर्ण पंकज मिश्रा ने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं जो ग्रामवासियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए समर्पित हैं। उनकी प्राथमिकता हमेशा से ही ग्राम की समृद्धि और सुरक्षा रही है। इसके लिए उन्होंने शासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया है और ग्रामवासियों को भी इस दिशा में जागरूक किया है। उनका मानना है कि एक अच्छे सरपंच की जिम्मेदारी केवल विकास कार्यों तक सीमित नहीं होती, बल्कि ग्रामवासियों के जीवन में अनुशासन और नियमों का पालन सुनिश्चित करना भी उनकी जिम्मेदारी है।

*जानवरों के खुले में छोड़ने पर सख्ती*

गोकर्ण पंकज मिश्रा ने समझा कि गाँव में जानवरों का खुले में छोड़ना एक गंभीर समस्या हो सकती है। जानवरों के खुले में घूमने से सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है, साथ ही फसलों को भी नुकसान पहुंचता है। इसलिए उन्होंने सभी ग्रामवासियों को सख्त निर्देश दिए कि वे अपने-अपने जानवरों को घर में बांधकर रखें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई इस आदेश का उल्लंघन करता है तो उनके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी। यह कदम न केवल सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे ग्राम में अनुशासन और सामुदायिक जिम्मेदारी का भाव भी बढ़ता है। पंकज मिश्रा ने यह सुनिश्चित किया कि इस आदेश का सख्ती से पालन हो, और इसके लिए ग्राम स्तर पर जागरूकता अभियान भी चलाया गया। इसके परिणामस्वरूप, ग्रामवासियों ने अपने जानवरों को घर में बांधने की व्यवस्था की, जिससे सड़क दुर्घटनाओं का खतरा कम हुआ और फसलों को भी सुरक्षित रखा जा सका।

*मेन रोड पर विशेष ध्यान*

गोकर्ण पंकज मिश्रा ने विशेष रूप से मेन रोड बिजौरा से जानवरों को अलग करवाने का अभियान चलाया। यह मार्ग ग्राम की मुख्य सड़कों में से एक है, और यहां पर जानवरों का घूमना दुर्घटनाओं का कारण बन सकता था। उन्होंने इस मार्ग पर जानवरों के विचरण को रोकने के लिए ग्रामवासियों से सहयोग लिया और सुनिश्चित किया कि जानवरों को घरों में बांधा जाए। इसके लिए उन्होंने पंचायत के माध्यम से लोगों को जागरूक किया और इस बात पर जोर दिया कि इस कदम से ग्रामवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

*ग्रामवासियों का समर्थन और सराहना*

ग्राम पंचायत गनियारी के सरपंच गोकर्ण पंकज मिश्रा के इन प्रयासों को ग्रामवासियों का पूरा समर्थन मिला। लोगों ने उनके इस कदम की सराहना की और उन्हें एक जिम्मेदार और सजग सरपंच के रूप में देखा। उनका यह प्रयास न केवल ग्राम की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि इससे ग्राम में अनुशासन और सामुदायिक भावना का विकास भी हुआ। ग्रामवासियों ने इसे अपने लिए एक सौभाग्य माना कि उन्हें ऐसा सरपंच मिला है जो उनकी भलाई के लिए तत्पर रहता है और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहता है।

*पंकज मिश्रा की कार्यशैली और ग्राम विकास*

गोकर्ण पंकज मिश्रा की कार्यशैली की बात करें तो वे हमेशा से ही ग्रामवासियों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं। उन्होंने ग्राम पंचायत के विकास के लिए कई योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया है। उनकी प्राथमिकता में हमेशा से ही ग्राम की समस्याओं का समाधान और ग्रामवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना रहा है। उन्होंने ग्राम में स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य, और आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए कई कदम उठाए हैं। उनके द्वारा शुरू किए गए स्वच्छता अभियान ने ग्रामवासियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया और ग्राम को स्वच्छ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी कई सुधार किए हैं, जिससे ग्राम के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल रही है।

*अनुशासन और नियमों का पालन*

गोकर्ण पंकज मिश्रा का मानना है कि किसी भी समाज के विकास के लिए अनुशासन और नियमों का पालन अत्यंत आवश्यक है। उनके नेतृत्व में ग्राम पंचायत गनियारी में इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।उन्होंने ग्रामवासियों को यह संदेश दिया कि नियमों का पालन करना उनकी स्वयं की भलाई के लिए है, और इसके लिए उन्होंने प्रशासन की मदद से सख्ती भी बरती। उनकी इस सोच और कार्यशैली ने ग्रामवासियों के बीच उनके प्रति सम्मान और विश्वास को बढ़ाया है। ग्रामवासी उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में देखते हैं जो उनकी समस्याओं को समझता है और उनके समाधान के लिए सदैव तत्पर रहता है।पंकज मिश्रा ने अपने कार्यों से यह साबित किया है कि एक अच्छे सरपंच की पहचान उसके कार्यों से होती है, न कि केवल उसकी बातों से।

*गनियारी ग्राम पंचायत का उज्ज्वल भविष्य*

गोकर्ण पंकज मिश्रा के नेतृत्व में ग्राम पंचायत गनियारी का भविष्य उज्ज्वल दिखाई देता है। उनके द्वारा उठाए गए कदमों से न केवल ग्राम में सुरक्षा और अनुशासन की भावना का विकास हुआ है, बल्कि ग्रामवासियों के जीवन स्तर में भी सुधार हुआ है। उनकी कार्यशैली और ग्राम के प्रति समर्पण ने उन्हें एक आदर्श सरपंच के रूप में स्थापित किया है, जिसकी सराहना पूरे ग्राम में की जा रही है। उनके प्रयासों से ग्राम पंचायत गनियारी एक आदर्श ग्राम पंचायत के रूप में उभर रहा है, जहां पर ग्रामवासियों के हितों का ध्यान रखा जा रहा है और उनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। पंकज मिश्रा की यह सोच और कार्यशैली अन्य ग्राम पंचायतों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत है। ग्राम पंचायत गनियारी के सरपंच गोकर्ण पंकज मिश्रा का नेतृत्व और उनके द्वारा उठाए गए कदम ग्रामवासियों के लिए एक आदर्श उदाहरण हैं। उनके द्वारा ग्रामवासियों को अपने जानवरों को घर में बांधने की सलाह देना और मेन रोड बिजौरा से जानवरों को अलग करवाना उनके सजग और संवेदनशील नेतृत्व का परिचायक है। उनकी इस पहल से ग्रामवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है और ग्राम में अनुशासन का विकास हुआ है। गोकर्ण पंकज मिश्रा का समर्पण और उनकी कार्यशैली ग्रामवासियों के लिए सौभाग्य की बात है, और उनकी सराहना पूरे ग्राम में की जा रही है। उनके नेतृत्व में ग्राम पंचायत गनियारी का भविष्य उज्ज्वल और सुरक्षित दिखाई देता है, और यह सभी ग्रामवासियों के लिए गर्व की बात है कि उन्हें गोकर्ण पंकज मिश्रा जैसा सरपंच मिला है।

टिप्पणियाँ

popular post

पोड़ी कला बी निवासी अजय पटैल का निधन, रोने वालों ने उठा रक्खा था घर सर पर मगर, उम्र भर का जागने वाला पड़ा सोता रहा

 पोड़ी कला बी निवासी अजय पटैल का निधन, रोने वालों ने उठा रक्खा था घर सर पर मगर, उम्र भर का जागने वाला पड़ा सोता रहा ढीमरखेड़ा  |  पोड़ी कला बी ग्राम के प्रतिष्ठित एवं लोकप्रिय शिक्षक अजय पटैल का असामयिक निधन हो गया। उनके निधन से समूचे क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त हो गई है। अजय पटैल अपने पीछे पुत्र योगेश पटैल तथा पुत्रियाँ अनुराधा पटैल, पूजा पटैल और आस्था पटैल को शोकाकुल छोड़ गए हैं। परिवार के साथ ही पूरा समाज उनकी इस अनुपम क्षति से व्यथित है। शिक्षण क्षेत्र में अजय पटैल का योगदान अमूल्य माना जाता है। गणित जैसे कठिन विषय को वे इतनी सरलता और सहजता से समझाते थे कि छात्र न केवल विषय में दक्ष होते, बल्कि पढ़ाई के प्रति उनमें रुचि भी जागृत होती। उनके पढ़ाने का अंदाज़ विद्यार्थियों के दिल को छू लेने वाला था। दैनिक ताज़ा खबर के संपादक राहुल पाण्डेय ने गहरे दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि जब मैं स्वयं पढ़ाई करता था, तब अजय पटैल जी से गणित पढ़ना मेरे लिए सौभाग्य था। उनकी शिक्षा देने की कला अद्वितीय थी। आज यह समाचार लिखते समय मेरी आँखें बार-बार भर आ रही हैं और आँसू रुकने का नाम नहीं ले...

थाना उमरियापान पुलिस ने हत्या के प्रयास के आरोपियों को किया गिरफ्तार, भेजा जेल

 थाना उमरियापान पुलिस ने हत्या के प्रयास के आरोपियों को किया गिरफ्तार, भेजा जेल   कटनी |  थाना उमरियापान पुलिस ने हत्या के प्रयास के मामले में फरार चल रहे आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने में सफलता प्राप्त की है, लिहाजा दिनांक 18 अगस्त 2025 को प्रार्थी बेडीलाल चौधरी निवासी पकरिया थाना उमरियापान ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि गांव के ही सूरज चौधरी, सुरेन्द्र चौधरी एवं सोनाबाई चौधरी ने उसे गंदी-गंदी गालियां दीं और जान से मारने की नीयत से मारपीट कर गंभीर चोटें पहुंचाईं। प्रार्थी की रिपोर्ट पर थाना उमरियापान में अपराध क्रमांक 293/25 धारा 296, 109(1), 3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक कटनी श्री अभिनय विश्वकर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री संतोष डेहरिया तथा अनुविभागीय अधिकारी पुलिस स्लीमनाबाद श्रीमती आकांक्षा चतुर्वेदी के निर्देशन में आरोपियों की तलाश शुरू की गई। इस दौरान लगातार प्रयासों के बाद थाना उमरियापान पुलिस ने फरार चल रहे आरोपी सूरज चौधरी पिता शिवकुमार चौधरी उम्र 35 वर्ष एवं सुरेन्द्र चौधरी पिता शिवकुमार चौध...

कटनी में पदस्थ बीईओ ऑफिस में फैज़ अहमद संविदा लिपिक की नियुक्ति नियमों को ताक पर रखकर हुआ खेल, जांच हुई तो खुलेंगे बड़े राज

 कटनी में पदस्थ बीईओ ऑफिस में फैज़ अहमद संविदा लिपिक की नियुक्ति नियमों को ताक पर रखकर हुआ खेल, जांच हुई तो खुलेंगे बड़े राज कटनी  |  मध्यप्रदेश में शिक्षा विभाग हमेशा चर्चा में रहा है। एक ओर जहां सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने, पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार खत्म करने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर विभागीय कार्यालयों से आए दिन ऐसे समाचार सामने आते हैं जो पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर देते हैं।खासकर संविदा नियुक्तियाँ, जिन्हें बेरोजगार युवाओं के लिए अवसर माना जाता है, वे ही भ्रष्टाचार और मनमानी का अड्डा बन गई हैं। कटनी जिले के बीईओ ऑफिस में पदस्थ संविदा लिपिक फैज़ अहमद की नियुक्ति का मामला भी इसी तरह का है। आरोप है कि उनकी नियुक्ति नियमों और प्रक्रिया को ताक पर रखकर की गई। अगर इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो, तो कई ऐसे राज सामने आ सकते हैं जो यह साबित करेंगे कि संविदा नियुक्तियाँ पारदर्शी नहीं बल्कि “संपर्क और सिफारिश तंत्र” पर आधारित होती जा रही हैं। *बीईओ ऑफिस और उसकी भूमिका* बीईओ ऑफिस किसी भी ब्लॉक की शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी होता है। यहाँ से प्राथमिक और माध...