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प्रताड़ित और अपमानित महिला डॉक्टर ने आत्महत्या करने का निर्णय लिया , और क्या करे- शिकायत पर जाँच होती ही नहीं

 प्रताड़ित और अपमानित महिला डॉक्टर ने आत्महत्या करने का निर्णय लिया , और क्या करे- शिकायत पर जाँच होती ही नहीं 



कटनी । जिला अस्पताल में सिविल सर्जन के खिलाफ़ लगातार शिकायत दर्ज कराने वाली महिला चिकित्सक सुनीता सिंह आज महिला थाना पहुंच गईं जहां उन्होंने सिविल सर्जन पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए एफ़ आई आर दर्ज करने की गुहार लगाई लेकिन थाना प्रभारी ने मामला दर्ज करने की वजह उल्टा उन्हीं पर दबाव बनाना शुरू कर दिया l जिसके बाद सिविल सर्जन के अलावा महिला थाना से प्रताड़ित सुनीता सिंह ने न्याय नही मिलने की सूरत में आत्म हत्या जैसे गंभीर कदम उठाने की बात कह गईं।  

आपको बता दें कि 14 जून को डॉक्टर सुनीता सिंह ने कटनी कलेक्टर अवि प्रसाद के पास आवेदन देकर न्याय की माँग की थी जिसमें उन्होंने सिविल सर्जन पर प्रताड़ना के आरोप लगाए थे।  कलेक्टर ने अवेदन की जाँच के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन भी कर दिया और मामले की जाँच भी पूरी कर ली गई लेकिन अभी तक जाँच में क्या पाया गया इस बात का खुलासा नही किया गया है। कलेक्टर से न्याय नही हासिल होने के बाद डॉक्टर सुनीता सिंह ने महिला थाना का दरवाजा खटखटाया लेकिन वहाँ भी उन्हें निराशा हीं हाँथ लगी। कलेक्टर और थाना से निराश महिला चिकित्सक ने अब न्यायालय की शरण में जाने की बात कही है। 

*गलत तरीके रोस्टर बना कर लगाई जाती है ड्यूटी*

डॉक्टर सुनीता सिंह के मुताबिक गलत तरीके से रोस्टर बना कर उन्हें 18 – 18 घंटे की ड्यूटी लगाई जाती है जबकि सिविल सर्जन की पत्नी और उनके चहेते चार डॉक्टरों को छूट दी जा रही है। 

*चौबीस घंटे ड्यूटी के रोस्टर से चार खास डॉक्टर फ्री*

सुनीता सिंह के मुताबिक जिला अस्पताल के प्रसूता वार्ड में 24 घंटे एक डॉक्टर के मौजूद रहने के कलेक्टर के फ़रमान के बाद 11 डॉक्टर के नाम से रोस्टर तैयार किया गया था लेकिन 10 दिन के भीतर चार डॉक्टर के नाम लापता हो गए। 

*दिव्यांग महिला डॉक्टर भी प्रताड़ित*

सुनीता सिंह ने सिविल सर्जन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनको और एक महिला चिकित्सक आरती सोंधिया जो दिव्यांग हैं उन्हें भी अनावश्यक रूप से गलत तरीके से ड्यूटी लगाकर प्रताड़ित किया जा रहा है। खास बात ये है कि प्रसूता वार्ड में लगी लिफ़्ट भी बंद कर दी गई है जिसके कारण एक दिव्यांग डॉक्टर को कई माला बिल्डिंग में चढने उतरने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। 

*शिकायतकर्ता लेडी डॉक्टर को किया बेदखल*

डॉक्टर सुनीता सिंह ने बताया कि उनके खिलाफ़ चार महिला चिकित्सकों ने कलेक्टर कटनी के पास शिकायत दर्ज कराई है कि वे मानसिक रूप से बीमार हैं। लेकिन इनमें से कोई भी चिकित्सक मानसिक रोगी का स्पेस्लिस्ट नही है। ऐसे में सवाल उठता है कि उनकी शिकायत को कैसे सही माना जाए। सबसे हैरान करने वाली बात तो ये है कि जिन चार डॉक्टरों ने शिकायत की है उसमें से एक डॉक्टर श्रद्धा द्विवेदी को कलेक्टर कटनी ने एक मामले में दोषी करार देते हुए सरकारी आवास से बेदखल कर दिया है। ऐसे में इनकी शिकायत कितनी वाजिब है? समझा जा सकता है।

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