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रीठी क्षेत्र में गांव-गांव बिक रही अवैध शराब, जिम्मेदार खामोश, आखिरकार कैसे पहुंच रही गांवों में शराब, खराब हो रहा क्षेत्र का माहौल

 रीठी क्षेत्र में गांव-गांव बिक रही अवैध शराब, जिम्मेदार खामोश, आखिरकार कैसे पहुंच रही गांवों में शराब, खराब हो रहा क्षेत्र का माहौल 



*कटनी, रीठी।।* रीठी के ग्रामीण अंचलों में अवैध पैकारियां संचालित हो रही हैं। अब सवाल यह उठ रहे हैं कि आखिरकार किस अधिकारी ने गांव-गांव शराब बेचने के आदेश दे दिए। जबकि मुख्यालय में लाइसेंसी देशी व अंग्रेजी शराब की दुकानें संचालित हैं। बावजूद इसके गांव-गांव में गली-गली अवैध शराब की पैकारियां संचालित की जा रही हैं। जिससे गांवों का माहौल भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। ग्राम महिलाएं व युवतियां सड़क पर नहीं निकल पा रही हैं। खास बात तो यह है कि अधिकारियों को इसकी जानकारी होने के बावजूद किसी भी प्रकार की कोई मुहिम नहीं चलाई जा रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण बीते दिनों गांव में अवैध शराब की बिक्री बंद कराने बड़ी संख्या में रीठी जनपद की ग्राम पंचायत देवरी कला के रहवासी छोटू विश्वकर्मा, शुभम सिंह, नरेश राय, सोनू, सुनीता राय, राजेंद्र बर्मन, जितेन्द्र कुमार सहित बड़ी संख्या में महिलाएं शिकायत लेकर रीठी थाने पहुंचे थे। बावजूद इसके क्षेत्र में खुलेआम यह अवैध कारोबार जमकर फलफूल रहा है।

*बिगड़ी कानून व्यवस्था, फल-फूल रहे अवैध कारोबार*

क्षेत्र में कानून व्यवस्था इस तरह बिगड़ी है कि आपराधिक गतिविधियों में लिप्त लोगों को पुलिस का जरा भी भय नहीं है। रीठी मुख्यालय सहित अंतर्गत आने वाले बड़गांव, सलैया, खम्हरिया, मुहांस, देवरी कला, देवगांव, हरदुआ, भरतपुर, गुरजी, बरहटा, खिरवा, डांग, सिमड़ारी, हथकुरी, उमरिया, निटर्रा, बकलेहटा, बरजी, टोला, गोदाना, बड़गांव सहित सैकड़ों गांवों में जुआ के साथ-साथ ओपन-क्लोज व रनिंग के नाम से चर्चित सट्टे का खेल खुलेआम चल रहा है। इतना ही नहीं इन गांवों की गली-गली में अवैध पैकारियां भी संचालित हो रही हैं। बताया जाता है कि पहले तो कभी कभार एक-दो छोटे-मोटे प्रकरण बनाकर खानापूर्ति कर दी जाती थी, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में ऐसी किसी भी प्रकार की मुहिम को अंजाम नहीं दिया जाता है। इस कारण जुए के अड्डे व सट्टे की खाईवाल के हौसले बुलंद हैं। वे अपने काम को खुलेआम संचालित कर रहे हैं।

*नजर चुराता प्रशासन*

क्षेत्र में खुलेआम हो रहे अवैध कारोबार को देखकर ऐसा लगता है जैसे स्थानीय प्रशासन के अलावा जिला प्रशासन ने भी आंखें बंद कर ली हो। रीठी मुख्यालय सहित आसपास के गांवों में चल रहे अवैध कारोबार से कई परिवार बर्बाद हो रहे हैं और कुछ बर्बादी की कगार पर है। इस मामले पर प्रशासन की रवैया देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे क्षेत्र में चल रहे अवैध कारोबार से प्रशासन नजर चुरा रहा है और वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह कर रहा है। सूत्रों की माने तो रीठी थाना मुख्यालय से ही जब पैकारियों में अवैध रूप से शराब पहुंचाई जाती है , तभी दबोचा जा सकता है। लेकिन इस ओर प्रशासन की नजरें इनायत नहीं कर पा रही हैं, जिससे गांवों का माहौल खराब हो रहा है। सूत्रों की मानें तो रीठी मुख्यालय से गांव-गांव यूपी पासिंग काली फिल्म लगी फोरविलर व बिना नंबर की मोटरसाइकिलों में शराब की पेटियां भरकर पहुंचाई जाती हैं, बताया गया कि उक्त वाहनों पर आज तक प्रशासन की पकड़ से दूर हैं। जबकि यह दिनभर रीठी मुख्यालय में भी फर्राटे भरते हैं।

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