सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

जनशिक्षक संतोष बर्मन चला रहा ग्राम पंचायत सिलौड़ी , कार्यक्रमो में जनशिक्षक की भागीदारी, सरपंच पंचों बाई बर्मन रहतीं हैं नदारद ग्राम पंचायत सिलौड़ी में लगा गंदगी का अंबार जिम्मेदार बेखबर

 जनशिक्षक संतोष बर्मन चला रहा ग्राम पंचायत सिलौड़ी , कार्यक्रमो में जनशिक्षक की भागीदारी, सरपंच पंचों बाई बर्मन रहतीं हैं नदारद ग्राम पंचायत सिलौड़ी में लगा गंदगी का अंबार जिम्मेदार बेखबर 



ढीमरखेड़ा | जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सिलौड़ी में गंदगी का अंबार लगा हुआ हैं। राम - मंदिर के पास गंदगी का अंबार लगा हुआ हैं, जहां हिंदू धर्म में राम सबके आस्था के केंद्र हैं वही गंदगी फैली हुई हैं। लिहाज़ा इस गंदगी से परेशान होकर ग्रामीण 181 में भी शिक़ायत कर रहे हैं अब सोचा जा सकता हैं कि सिलौड़ी के ग्रामीण आखिर किस - हद तक परेशान हैं। साफ - सफाई के नाम पर फर्जी बिल लगाएं गए हैं, जब इस विषय की सूचना ग्रामीणों से ली गई तो बताया गया कि साफ - सफाई के नाम पर फर्जी बिल लगाएं जा रहे हैं लिहाज़ा इन फर्जी बिलों की जांच तलब होनी चाहिए। स्मरण रहे कि गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए पंचायती राज का गठन किया गया है, ताकि समस्या को गांव के लोग आपस मे मिलकर सुलझा सके और गांवों की छोटी, मोटी समस्या को पंचायत के सरपंच-सचिव, ग्रामवासी मिलकर दूर कर सकें। इसके लिए ग्राम पंचायत में मूलभूत चौदहवें वित्त व पंचायत को टैक्स वसूली की योजनाओं से पंचायत के खाते में राशि आती है, जिससे पंचायत की आवश्यकता अनुसार खर्च किया जाता है लेकिन ग्राम पंचायत सिलौड़ी में इस योजना का पैसा विकास के बजाय फर्जी बिल लगाकर किया गया है, जो सरकार व जनता के पैसे को सरपंच, सचिव व संबंधित विभाग में बैठे आला - अफसर की मिलीभगत दर्शाता है। सरपंच-सचिव द्वारा फर्जी भुगतान कर दिया गया। उक्त व्यक्ति की कोई भी दुकान नहीं है। ग्राम पंचायत में आज भी मूलभूत समस्या बनी हुई है। जिसके समाधान करने के बजाए सरकारी धन का खुला दुरुपयोग सरपंच के द्वारा किया जा रहा है। जिस पर कोई भी अंकुश नहीं लगाया जा रहा है। ग्राम पंचायत के सरपंच के द्वारा पंचायती राज अधिनियम को किनारे करते हुए अपने नियम पंचायत में चला रहे हैं। पंचायत में व्यय करने के लिए जो राशि आती है वो राशि पंचायत पदाधिकारियों के लिए चारागाह साबित हो रही है। पंचायती राज अधिनियम के सारे नियम कानून को किनारे कर जिम्मेदार अपना कानून चला रहे हैं लिहाज़ा इसमें कोई अंकुश लगाने वाला नहीं हैं।

*दिखावा साबित हो रहा प्रमुख सचिव का आदेश*

इस संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आदेश क्रमांक 462/176/2015/22/पी/2 भोपाल दिनांक 28/4/2015 के आदेश का पुनः अवलोकन करने के निर्देश कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत व जनपद पंचायतों को दिए हैं। जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने और पंचायतों में महिलाओं के अधिक प्रतिनिधित्व के उद्देश्य जिला जनपद और ग्राम पंचायतों में महिलाओं को 50 प्रतिशत पद आरक्षित किए गए हैं। त्रिस्तरीय पंचायतों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास में उनकी भूमिका को मजबूत बनाने के उद्देश्य यह आवश्यक है कि ग्राम सभा की बैठकों में महिला सरपंचों,पंचों की सक्रिय भागीदारी हो। महिला आरक्षित पदों पर निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के एवज में ग्राम पंचायत और ग्राम सभा की बैठकों का संचालन उनके पुरुष पति एवं अन्य परिजनों द्वारा किया जाना वर्जित है। यदि कोई सरपंच पति या पंच पति महिला सरपंच या पंच के स्थान पर ग्राम सभा की बैठकों में भाग लेता पाया जाता है तो संबंधित महिला सरपंच व पंच के विरुद्ध पद से विधिवत हटाए जाने की कार्रवाई प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए थे। उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिए भी कहा गया था लेकिन इसके बाद भी इस मामले में किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जाती थी। लिहाजा यही कारण है कि वर्तमान में ग्राम पंचायत सिलौड़ी में सरपंच पति पंचायत का संचालन कर रहे है। इस बात की जानकारी जनपद के अधिकारियों को भी है लेकिन जानबूझकर विभाग प्रमुख का आदेश दरकिनार कर कार्यवाही नहीं की जाती है। गौरतलब है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए महिला सशक्तिकरण जैसे कई कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। ताकि महिलाओं की भागीदारी ज्यादा से ज्यादा शासकीय कार्यक्रमों में हो और उन्हें अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध हों लेकिन सरपंच पति की मनमानी के चलते मुख्यमंत्री की इस मंशा पर पानी फेरने का काम ग्राम पंचायत सिलौड़ी में किया जा रहा हैं ।

*सरपंच को पंचायत कार्यालय में रहना होगा उपस्थित*

सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पंचायत मुख्यालय में सरपंच को उपस्थित रहना होगा।  राज्य सरकार के आदेशों के अनुसार स्पष्ट किया है कि सरपंच स्वयं प्रतिदिन कार्यालय समय में कार्यालय में उपस्थित रहेंगे। यदि कुछ सरपंच लगातार तीन दिन तक कार्यालय से अनुपस्थित रहे तो ग्राम पंचायत के सचिव द्वारा इसकी लिखित सूचना विकास अधिकारी पंचायत समिति तथा जिला परिषद के नियंत्रण कक्ष में नोट कराई जाएगी। ऐसे सरपंच को पंचायती राज अधिनियम की धारा 32 (2) (ख) के तहत अनुपस्थित मानकर उपसरपंच को सरपंच का कार्य करने के लिए अधिकृत किया जा सकेगा।

*शिकायत पर हाेगी कार्रवाई*

ग्राम पंचायत सिलौड़ी में जिस तरह का कार्य किया जा रहा हैं उससे ग्राम पंचायत सिलौड़ी के ग्रामीण बेहद परेशान हैं लिहाज़ा ग्राम पंचायतों के सभी कार्मिकों तथा विकास अधिकारियों का विधिक दायित्व है कि पंचायती राज संस्थाओं के दैनिक कार्य संचालन में विधिक प्रावधानों तथा राज्य सरकार के निर्देशों का पालन करावे। यदि किसी जिम्मेदार अधिकारी को शिकायत मिलने के उपरांत भी कार्रवाई नहीं की जाती है तथा अन्य स्त्रोतों से शिकायत की पुष्टि होती है तो ऐसे अधिकारी अवचार व अपकीर्तिकर आचरण का दोषी होगा।

*शिकायत पर विकास अधिकारी करेंगे जांच*

 *आरोप पत्र तैयार कर सीईओ को भिजवाएंगे*

यदि सरपंच कार्यालय से अनुपस्थित है तथा उसका कोई परिजन सरपंच की सीट पर बैठता है, कर्मचारियों को सरपंच की हैसियत बताकर निर्देश करता है या ग्राम पंचायत का रिकॉर्ड सरपंच को अवलोकन करवाने या हस्ताक्षर करवाने के लिए ग्राम पंचायत कार्यालय से बाहर ले जाता है तो सचिव द्वारा इसकी सूचना पंचायत समिति के विकास अधिकारी को की जाएगी। विकास अधिकारी ऐसे मामले में स्वयं जांच करेंगे तथा पंचायती राज अधिनियम की धारा 38 (1) के तहत सरपंच के विरुद्ध आरोप पत्र तैयार कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला परिषद को भिजवाएंगे।

*ग्राम पंचायत सिलौड़ी में सरपंच पति चला रहे पंचायत*

पंचायतीराज विभाग ने इस दिशा में प्रभावी कदम उठाया है। पंचायतीराज चुनाव में शैक्षणिक योग्यता लागू होने से पहले तक ग्राम पंचायतों में महिला सरपंचों की जगह उनके पति ही सरपंच पद का निर्वाहन कर लेते थे, बहाना था कि अनपढ़ होने के कारण वह कामकाज नहीं कर सकती, लेकिन अब ऐसा नहीं चल सकेगा। नए आदेश के तहत निकट संबंधी और रिश्तेदार पंचायतों की बैठकों में भाग ले रहे हों या उनके कार्यालय का कार्य संपादित कर रहे हों, ऐसी सूरत में उनकी सरपंची तक छिन जाएगी। नियम के उल्लंघन होने पर महिला वार्ड पंच, पंचायत समिति जिला परिषद सदस्यों के खिलाफ भी यही कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ग्राम पंचायत सिलौड़ी में सरपंच पति जिस तरह पंचायत का संचालन कर रहे हैं तो पंचायती राज अधिनियम के तहत कार्यवाही का प्रावधान हैं। पंचायतीराज कानून 1994 की धारा 38 में सरपंच को हटाने एवं निलंबन करने का प्रावधान है। इसके तहत सरकार यह कार्रवाई अमल में ला सकती है। इसके तहत दोषी जनप्रतिनिधियों को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी घोषित किया जा सकता है।

*महिला आरक्षण तार-तार*

पंचायत आम निर्वाचन में सरकार द्वारा महिलाओं की भूमिका बढ़ाने के लिये 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है लेकिन अधिकांश पंचायतों में सिलौड़ी जैसे हाल है और जहां भी महिला सरपंच है उन पंचायतों का संचालन उनके पति द्वारा किया जा रहा है या उनके सगे संबंधियों के द्वारा किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि उक्त जनशिक्षक का मन शिक्षा विभाग में कम लगता है। राजनैतिक क्षेत्र में उनको ज्यादा चेष्टा है। लिहाजा जहां एक ओर शासन द्वारा प्रतिमाह भारी भरकम वेतन दिया जा रहा है लेकिन उक्त जनशिक्षक सिलौड़ी सरपंच की भूमिका में काम कर रहे है। ऐसे में सरकार द्वारा महिलाओं को जो आरक्षण दिया जा रहा है उसका कोई औचित्य साबित नहीं हो रहा है । सूत्रों ने बताया कि ढीमरखेड़ा विकासखंड में अधिकांश ऐसे जनशिक्षक है जो अपने मूल कार्य को छोड़कर किसी अन्य कार्य में संलग्न है। जानकारी यह भी लगी है कि ऐसे जनशिक्षकों को नेताओं का संरक्षण है। लिहाजा कुछ उमरियापान के झंडा चौक में बैठकर अपनी डयूटी करते है तो कुछ ढीमरखेड़ा जनपद ऑफिस के पास बैठकर। 

*धारा 40 की कार्यवाही का है प्रावधान*

विदित हो कि यदि पंचायत में महिला सरपंच है और उक्त पंचायत का संचालन और पंचायत की बैठकों में महिला सरपंच के स्थान पर उसका पति या कोई अन्य सगे संबंधी शामिल हो रहे है तो संबंधित सरपंच के विरुद्ध मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 में पंचायत पदाधिकारियों को हटाये जाने का प्रावधान निहित किया गया है। कुछ समय पूर्व ही इस संबंध में प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा समस्त कलेक्टरों को इस संबंध में पत्र जारी किया गया है और ऐसे मामलों में अतिशीघ्र कार्यवाही करने के लिये निर्देशित किया गया है। वहीं अब देखना यह होगा कि सिलौड़ी सरपंच पर किसी तरह की कोई कार्यवाही होती है या फिर इस मामले को भी जिम्मेदार ठंडे बस्ते में डाल देगे।

टिप्पणियाँ

popular post

राजनेता शंकर महतो का खेत जलकर हो गया खाक बहोरीबंद में अमृतकाल तक फायर ब्रिगेड नहीं मिली, स्लीमनाबाद में मिली तो फोन ही नहीं लगा

 राजनेता शंकर महतो का खेत जलकर हो गया खाक बहोरीबंद में अमृतकाल तक फायर ब्रिगेड नहीं मिली, स्लीमनाबाद में मिली तो फोन ही नहीं लगा ढीमरखेड़ा । भाजपा सुशासन से प्रभावित बहोरीबंद-बाकल के प्रभावी राजनेता एवं पूर्व जनपद अध्यक्ष शंकर महतो ने हाल में भाजपा के दुपट्टे से राजनैतिक-वरण किया है। रविवार को सुबह-सुबह उन्हें अमृतकाल के सुशासन के साक्षात दर्शन हुए जब उनके खेत में लगी आग बुझाने के लिए स्लीमनाबाद में चार दिन पहले आई फायर ब्रिगेड गाड़ी को बुझाने के लिए फोन लगाए गए, लेकिन फायर स्टेशन में फोन नहीं लगा और 10 एकड़ का फसली का खेत जलकर स्वाहा हो गया। बताया जाता है कि बहोरीबंद से 15 किमी दूर बाकल थाना के सिंहुंड़ी गांव में 15-20 एकड़ के रकबे पर गेहूं की तैयार फसल खड़ी थी। अचानक रविवार सुबह 10 बजे फसल से धुआं उठने लगा। शोर हुआ तो किसान जयनीत महतो (शंकर महतो के बेटे) भी पहुंचे। सभी ने स्लीमनाबाद फायर ब्रिगेड को फोन कर मदद मांगने का यत्न किया, जहां इसी सप्ताह कलेक्टर ने फायर ब्रिगेड की गाड़ी उपलब्ध कराई है। किसानों का दुर्भाग्य कि अति आवश्यक आपात सेवा को फोन ही नहीं लगा। यहीं से किसान समझ गए थे कि

पुलिसवाले की बहन की शादी का कार्ड वायरल, शादी में जरूर आना की जगह लिख दी अनोखी अपील

 पुलिसवाले की बहन की शादी का कार्ड वायरल, शादी में जरूर आना की जगह लिख दी अनोखी अपील ढीमरखेड़ा |  लोकसभा चुनाव के बीच शादी-ब्याह का सीजन कुछ अलग ही रंग जमा रहा है। ऐसा ही एक अनोखा मामला एमपी के दमोह से सामने आया है, जहां एक शादी का कार्ड खूब चर्चा में है। एक तरफ जिला प्रशासन लगातार ग्रामीण इलाकों से लेकर दूर दराज पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों को मतदान पर्ची या फिर दीवारों पर स्लोगन लिखकर आम जनता में मतदान के प्रति जागरूकता लाने के लिए हर संभव प्रयास में जुटा है। वहीं, इससे प्रेरणा पाकर हटा थाने के आरक्षक मनीष सेन ने अपनी बहन की शादी के कार्ड में सभी से आग्रह किया है कि सभी लोग अपने मतदान का उपयोग अवश्य करें। मनीष की बहन आरती की शादी 23 अप्रैल को है और यहां मतदान 26 अप्रैल को है। आरक्षक मनीष की मानें तो यह उनकी बहन की सोच है, जो आज लोगों के लिए जागरूकता का सबब बनी हुई है। जहां-जहां कार्ड जा रहा है, संदेश पढ़ने के बाद लोग तारीफ कर रहे हैं। *लोग कर रहे सराहना* दरअसल, वोट डालने का मतलब सिर्फ बटन दबाना नहीं होता, बल्कि एक वोट से ही आप अपनी सरकार को चुनते हैं। जिस भी घर में आरती की शादी का निमंत्

घर रिश्तेदारों में बांट आया शादी का कार्ड, रिश्तेदार कार्ड पढ़ते ही हों गए बेहोश, जानिए क्या राज छुपा निमंत्रण पत्र में

 घर रिश्तेदारों में बांट आया शादी का कार्ड, रिश्तेदार कार्ड पढ़ते ही हों गए बेहोश, जानिए क्या राज छुपा निमंत्रण पत्र में मध्यप्रदेश ।   शादियों का सीजन चल रहा है। लोग लगन में काफी व्यस्त है। ऐसे में कभी - कभी शादियों से जुड़े मामले सामने आ जाते है जिन्हे देखने के बाद हर कोई दंग हो जाता है। भारत ही एक ऐसा देश है जहां ऐसे मजेबुल शादी के कार्ड वायरल होते है। लोग अपनी शादी को अनोखा बनाने के लिए कई तरह के छोटे बड़े कार्य करते रहते है। आज हम आपको ऐसी ही एक शादी से रूबरू कराने जा रहे है। यहां एक दोस्त ने अपने दोस्त को शादी में ना बुलाने की अपील लोगों से कर डाली और यह अपील सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगी। दरअसल, एक शादी के कार्ड में इनवाइट किया गया लेकिन एक नोट भी लिखा गया कि सौरभ को शादी में नहीं लाना है। अगर वो आ भी जाता है तो उसको भगा दिया जाएगा। *ऐसी निभाई दुश्मनी* सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस शादी के कार्ड में व्यक्ति ने दोस्तों को निमंत्रण भेजो सेवा में कई लोगों के नाम लिखे गए पर नीचे एक नोट छोड़ा गया जिसमें लिखा गया कि उसकी शादी में सौरभ का आना बिल्कुल मना है अगर वह शादी में कही