सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

निर्माण कार्य के नाम पर निकल रही राशि निर्माण कार्य हुएं ही नहीं राशि पूरी निकालकर, निर्माण कार्य छोड़ा अधूरा ग्राम पंचायत हरदी का मामला तत्कालीन सरपंच और सचिव का एक और कारनामा उजागर सामुदायिक भवन बनाने के नाम पर हो गया खेला

 निर्माण कार्य के नाम पर निकल रही राशि निर्माण कार्य हुएं ही नहीं राशि पूरी निकालकर, निर्माण कार्य छोड़ा अधूरा ग्राम पंचायत हरदी का मामला तत्कालीन सरपंच और सचिव का एक और कारनामा उजागर सामुदायिक भवन बनाने के नाम पर हो गया खेला



ढीमरखेड़ा। ढीमरखेड़ा जनपद की ग्राम पंचायत हरदी में पिछले कार्यकाल में तत्कालीन सरपंच और सचिव के द्वारा व्यापक पैमाने में आर्थिक अनियमित्ताएं की गई है, जिसका खुलासा धीरे-धीरे उजागर हो रहा है और इनके द्वारा नियमों को ताक पर रखकर शासकीय राशि की होली खेली गई है जिसमें विभागीय अधिकारियों की कृपा भी जमकर बरसी है।उल्लेखनीय है कि पिछले कार्यकाल में ग्राम पंचायत हरदी के आश्रित ग्राम अमकुंही में ग्रामीणों की मांग को दृष्टिगत रखते हुये शासन द्वारा 14 वें वित्त से 10 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की गई थी। सूत्रों ने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री के द्वारा इस संबंध में घोषणा की गई जिसमें शासन स्तर में अलग से 3 लाख रूपये अर्थात कुल 13 लाख रूपये लागत से सामुदायिक भवन का निर्माण किया जाना था जिसमें तत्कालीन सरपंच संध्या मनोज दीक्षित एवं तत्कालीन सचिव राजेश पोर्ते के द्वारा संबंधित मद की राशि का आहरण किया गया लेकिन मौके पर दिखावे के लिए कुछ कार्य कराकर बाकि कार्य अधूरा छोड़ दिया गया और राशि आहरित कर ली गई।

*नशेड़ियों का बन गया अड्डा*

सामुदायिक भवन का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण यहां पर असामाजिक तत्व एवं नशेड़ियों ने अपना अड्डा बना लिया है और रोज शाम होते ही यहां पर खुलेआम दारू एवं गांजे के शौकीन लोगों का जमावड़ा भी शुरू हो जाता है जिस कारण आये दिन विवाद की स्थिति भी निर्मित होती है।

*घोटालों की जांच करने जल्द पहुंचेगी टीम*

पिछले कार्यकाल के दौरान किस तरह से ग्राम पंचायत हरदी में घोटालें किये गये हैं वह लगातार सामने आ रहे है। ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि लाखों रूपये की राशि आहरित करने के बाद सरपंच-सचिव के द्वारा निर्माण कार्य नहीं कराये गये है। जिसमें संज्ञान लेते हुये जनपद सीईओ के द्वारा जांच टीम का गठन कर दिया गया है। जांच टीम बहुत जल्द ग्राम पंचायत हरदी पहुंचकर इस संबंध में विस्तृत जांच करेगी।

*रोड़ बनी नहीं और सरपंच-सचिव ने निकाल ली राशि*

ढीमरखेड़ा की ग्राम पंचायत हरदी में पिछले कार्यकाल में तत्कालीन सरपंच और सचिव के द्वारा व्यापक पैमाने में आर्थिक अनियमित्ताएं की गई है जिसका खुलासा धीरे-धीरे उजागर हो रहा है और इनके द्वारा नियमों को ताक पर रखकर शासकीय राशि की होली खेली गई है जिसमें विभागीय अधिकारियों की कृपा भी जमकर बरसी है। उल्लेखनीय है कि पिछले कार्यकाल में ग्राम पंचायत हरदी के आश्रित ग्राम डूड़ी में सीसी मुख्य रोड़ स्वीकृत हुई थी। सड़क बनाने के लिये 14 वें वित्त से 5 लाख 4 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की गई थी जिसमें तत्कालीन सरपंच संध्या मनोज दीक्षित एवं तत्कालीन सचिव राजेश पोर्ते के द्वारा संबंधित मद की राशि का आहरण किया गया लेकिन मौके पर सीसी सड़क नहीं बनाई गई और स्वीकृत राशि में से 4 लाख 14 हजार रूपये बिना निर्माण कराये आहरित कर लिया गया।

*लगातार घोटाले हो रहे उजागर*

पिछले कार्यकाल के दौरान किस तरह से ग्राम पंचायत हरदी में घोटाला किया गया है वह लगातार सामने आ रहे है। लिहाज़ा लाखों रूपये की राशि आहरित करने के बाद सरपंच-सचिव के द्वारा निर्माण कार्य नहीं कराये गये है। इस संबंध में ग्रामीणों के द्वारा जनपद में शिकायत की गई लेकिन सब कुछ पता होने के बाद भी अधिकारी बेखबर रहे और अपनी मौन स्वीकृति देकर, अपने संरक्षण में घोटालें करवाये गये।

*जनपद के इंजीनियरों की भूमिका संदिग्ध*

जिस तरह से एक के बाद एक मामले ग्राम पंचायत हरदी के सामने आ रहे है ऐसे में जनपद के इंजीनियरों की भूमिका भी संदिग्ध प्रतीत हो रही है और लाखों रूपये के घोटाले में इनकी भूमिका होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। चूंकि ग्राम पंचायत में कोई भी निर्माण कार्य होने के बाद उसका मूल्यांकन इंजीनियर के द्वारा किया जाता है तभी राशि स्वीकृत होती है। ग्राम पंचायत हरदी के आश्रित ग्राम डूड़ी में जिस तरह से बिना निर्माण कार्य के राशि आहरित की गई है ऐसे में तत्कालीन इंजीनियर की संलिप्ता स्पष्ट परिलक्षित हो रही है और नियमों को ताक पर रखकर तत्कालीन सरपंच, तत्कालीन सचिव और तत्कालीन इंजीनियर के द्वारा शातिर तरीके से स्वीकृति राशि 5 लाख 4 हजार रूपये में से कुछ राशि छोड़कर अर्थात 4 लाख 14 हजार रूपये का आहरण किया गया है जबकि मौके पर जिस कार्य के लिये राशि स्वीकृत हुई थी वह कार्य हुआ ही नहीं है और आज भी अधूरा पड़ा है।

टिप्पणियाँ

popular post

झाड़ियों में मिला नवजात शिशु, रंडीबाजी की चुप्पी और नवजात की चीख

 झाड़ियों में मिला नवजात शिशु, रंडीबाजी की चुप्पी और नवजात की चीख ढीमरखेड़ा |  मध्यप्रदेश के कटनी जिले के ढीमरखेड़ा जनपद की ग्राम पंचायत भटगवां के आश्रित ग्राम भसेड़ा में एक हृदयविदारक घटना सामने आई। गांव के बाहरी हिस्से में स्थित घनी झाड़ियों में एक नवजात शिशु लावारिस अवस्था में पड़ा मिला। उसकी किलकारियों ने वहां से गुजर रहे ग्रामीणों का ध्यान खींचा और जल्द ही यह खबर पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। आनन-फानन में सरपंच अशोक दाहिया ने अपनी सक्रियता दिखाई और नवजात को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उमरियापान पहुंचाया, जहां उसका इलाज जारी है।यह घटना केवल एक बच्चे के मिलने भर की नहीं है; यह उस सामाजिक विडंबना की ओर इशारा करती है जहां अनैतिक संबंधों, देह व्यापार और सामाजिक डर के कारण नवजातों को उनके भाग्य के भरोसे छोड़ दिया जाता है। ग्राम भसेड़ा में सुबह के समय कुछ ग्रामीण लकड़ी बीनने निकले थे। तभी उन्हें झाड़ियों से किसी नवजात की रोने की आवाज सुनाई दी। पहले तो उन्हें भ्रम हुआ, पर जब वे पास पहुंचे तो वहां एक नवजात शिशु खून और माटी से सना हुआ पड़ा मिला। उसे देखकर सबके रोंगटे खड़े हो गए...

उमरियापान पुलिस की शानदार कार्यवाही, चोरी के 72 घंटे के भीतर आरोपी गिरफ्तार, लाखों के जेवरात व नगदी बरामद

 उमरियापान पुलिस की शानदार कार्यवाही, चोरी के 72 घंटे के भीतर आरोपी गिरफ्तार, लाखों के जेवरात व नगदी बरामद ढीमरखेड़ा |  उमरियापान थाना क्षेत्र के ग्राम महनेर में 22 अप्रैल को घटित चोरी की घटना ने न केवल पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी, बल्कि पुलिस के सामने भी एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी थी। चोरी की यह वारदात एक बुजुर्ग व्यक्ति के घर में हुई थी, जहां से लाखों रुपये मूल्य के सोने-चांदी के जेवरात और नगदी चोरी कर ली गई थी। किंतु उमरियापान पुलिस ने महज 72 घंटे के भीतर इस गंभीर मामले का खुलासा कर यह साबित कर दिया कि यदि नीयत और निगरानी सशक्त हो तो कोई भी अपराधी कानून के लंबे हाथों से बच नहीं सकता।  *बुजुर्ग के घर से लाखों की चोरी* 22 अप्रैल की रात ग्राम महनेर निवासी हरभजन काछी पिता राम गोपाल काछी, उम्र 70 वर्ष, जब अपने किसी पारिवारिक कार्य में व्यस्त थे, तभी उनके घर का ताला तोड़कर अज्ञात चोर ने कमरे में घुसकर घर में रखे बहुमूल्य सामान पर हाथ साफ कर दिया। हरभजन काछी द्वारा दर्ज की गई रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि चोर ने घर से सोने की पंचाली, पेंडल, अंगूठी, झुमकी, सोने की चेन, द...

कंपनी को हड़पने की महेन्द्र गोयनका की साजिश हुई नाकाम कटनी के विधायक संजय पाठक के पूर्व कर्मचारी गोयनका ने रची थी साजिश,कंपनी के 3 डायरेक्टरों की गिरफ्तारी को रोकने आईजी के पत्र पर हाईकोर्ट ने जताई हैरानी, कंपनी के डायरेक्टरों की अपील खारिज कर हाईकोर्ट ने कहा आईजी सिर्फ विवेचना अधिकारी बदल सकते हैं, गिरफ्तारी नहीं रोक सकते अब गिरफ्तार हो सकेंगे यूरो प्रतीक इस्पात कंपनी के तीनों फरार डायरेक्टर

 कंपनी को हड़पने की महेन्द्र गोयनका की साजिश हुई नाकाम कटनी के विधायक संजय पाठक के पूर्व कर्मचारी गोयनका ने रची थी साजिश,कंपनी के 3 डायरेक्टरों की गिरफ्तारी को रोकने आईजी के पत्र पर हाईकोर्ट ने जताई हैरानी, कंपनी के डायरेक्टरों की अपील खारिज कर हाईकोर्ट ने कहा  आईजी सिर्फ विवेचना अधिकारी बदल सकते हैं, गिरफ्तारी नहीं रोक सकते अब गिरफ्तार हो सकेंगे यूरो प्रतीक इस्पात कंपनी के तीनों फरार डायरेक्टर जबलपुर । कटनी की एक इस्पात कंपनी को हड़पने के संबंध में महेन्द्र गोयनका की साजिश नाकाम हो गई है। कटनी के भाजपा विधायक संजय पाठक के पूर्व कर्मचारी गोयनका ने कंपनी हड़पने का यह पूरा ताना बाना रचा था इस साजिश में शामिल कंपनी के 4 डायरेक्टरों की अपील हाईकोर्ट से खारिज हो गई है।  मामले में आईजी की भूमिका पर सवाल उठने के बाद मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायाधीश विवेक जैन की युगलपीठ ने अपने विस्तृत फैसले में कहा है कि आईजी वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते किसी भी मामले का विवेचना अधिकारी तो बदल सकते हैं, लेकिन अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद वे आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं रोक सकते। इसके सा...