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आरोग्य मंदिर की नई बिल्डिंग में रिसाव, गुणवत्ता पर सवाल और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं पर गहराता संकट, ठेकेदार के ऊपर होना चाहिए कार्यवाही, कमीशन की खुलना चाहिए पोल आखिर कौन - कौन अधिकारी के पास गया पैसा

 आरोग्य मंदिर की नई बिल्डिंग में रिसाव, गुणवत्ता पर सवाल और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं पर गहराता संकट, ठेकेदार के ऊपर होना चाहिए कार्यवाही, कमीशन की खुलना चाहिए पोल आखिर कौन - कौन अधिकारी के पास गया पैसा कटनी |  ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और उनकी गुणवत्ता लंबे समय से चिंता का विषय रही है। सरकार ने बीते वर्षों में "आयुष्मान भारत" जैसी योजनाओं के तहत गाँव-गाँव तक उप-स्वास्थ्य केंद्र और आरोग्य मंदिर पहुँचाने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई, ताकि ग्रामीण अंचल में रहने वाले लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएँ नज़दीक ही मिल सकें। मगर सवाल यह है कि यदि इन स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण ही घटिया सामग्री और लापरवाही से किया जाए, तो क्या ये वास्तव में अपने उद्देश्य को पूरा कर पाएँगे? रीठी विकासखंड की ग्राम पंचायत उमरिया में हाल ही में नवनिर्मित आयुष्मान आरोग्य मंदिर की इमारत इस सवाल को बेहद गंभीरता से सामने लाती है।महज़ कुछ महीने पहले तैयार हुई यह इमारत पहली ही बारिश में लीक करने लगी, छत से पानी टपकने लगा और मरीजों तथा स्वास्थ्यकर्मियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। ...

मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का सीधा चुनाव, लोकतंत्र की सशक्त दिशा, जिस तरीके से विधायक और सांसद का होता हैं चुनाव उसी तरीके से मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का भी होना चाहिए चुनाव, चुनाव होने से अपना नेता जनता खुद चुन सकेगी और गरीब तबके के व्यक्ति को भी उस कुर्सी में बैठने का मौका मिलेगा तभी होगा विकास

 मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का सीधा चुनाव, लोकतंत्र की सशक्त दिशा, जिस तरीके से विधायक और सांसद  का होता हैं चुनाव उसी तरीके से मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का भी होना चाहिए चुनाव, चुनाव होने से अपना नेता जनता खुद चुन सकेगी और गरीब तबके के व्यक्ति को भी उस कुर्सी में बैठने का मौका मिलेगा तभी होगा विकास कटनी  |  भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यहाँ जनता पाँच साल में एक बार मतदान करती है और अपने क्षेत्र से प्रतिनिधियों को चुनकर विधानसभाओं और संसद में भेजती है। यही विधायक (MLA) और सांसद (MP) मिलकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का चुनाव करते हैं। लेकिन जब देश और प्रदेश का सर्वोच्च नेतृत्व अप्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है, तो इसमें कई बार राजनीतिक समीकरण, जातीय समीकरण, धनबल और दलगत दबाव हावी हो जाते हैं।परिणामस्वरूप जनता को वह नेता नहीं मिल पाता जिसकी वह वास्तव में चाहत रखती है। यदि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का चुनाव भी उसी तरह सीधे जनता द्वारा किया जाए, जैसे विधायक और सांसद का चुनाव होता है, तो लोकतंत्र और मज़बूत होगा।जनता सीधे अपने नेता को चुनेगी, गरीब वर्ग के लोगों...

भूलेख पोर्टल में वांछित सुधार न होने पर पटवारियों का आंदोलन, 1 सितंबर से पोर्टल पर कार्य बहिष्कार की चेतावनी

 भूलेख पोर्टल में वांछित सुधार न होने पर पटवारियों का आंदोलन, 1 सितंबर से पोर्टल पर कार्य बहिष्कार की चेतावनी ढीमरखेड़ा  |   मध्यप्रदेश में भूलेख व्यवस्था  लंबे समय से डिजिटलीकरण की प्रक्रिया से गुजर रही है। शासन-प्रशासन ने इसे पारदर्शी, सुलभ और आधुनिक बनाने के लिए विभिन्न प्रयास किए हैं। इसी कड़ी में नया Web GIS 2.0 पोर्टल लागू किया गया, जिसका उद्देश्य किसानों और आम नागरिकों को ऑनलाइन भू-अभिलेख संबंधी सेवाएँ उपलब्ध कराना था। लेकिन ज़मीनी हकीकत में यह पोर्टल पटवारियों और आम जनता दोनों के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। कामकाज में कठिनाई, तकनीकी त्रुटियाँ, और यूज़र फ्रेंडली न होना जैसे आरोप पटवारियों द्वारा लगातार लगाए जा रहे हैं। परिणामस्वरूप, अब पटवारियों ने आंदोलन की राह पकड़ ली है और चेतावनी दी है कि यदि 1 सितंबर तक सुधार नहीं हुआ तो वे पोर्टल का उपयोग बंद कर देंगे।ढीमरखेड़ा तहसील में कार्यकारी जिलाध्यक्ष अशोक सिंह बागरी के नेतृत्व में पटवारियों का प्रतिनिधिमंडल तहसीलदार नितिन पटेल को ज्ञापन सौंपने पहुँचा । नया पोर्टल यूज़र फ्रेंडली नहीं है। बार-बार सर्वर डाउन र...

जनता बनाम सिस्टम, झंडा बाजार से आजाद चौक रोड की फिर खुदाई, कटनी की सड़कों का ‘काला सच’

 जनता बनाम सिस्टम, झंडा बाजार से आजाद चौक रोड की फिर खुदाई, कटनी की सड़कों का ‘काला सच’ कटनी ।  झंडा बाजार से आजाद चौक तक का रोड आज कटनी शहर की बदहाल व्यवस्था और सिस्टम की लापरवाही का आईना बन चुका है। कुछ ही दिन पहले लाखों खर्च कर नियम विरुद्ध डामरीकरण कराया गया था, लेकिन एक माह भी नहीं बीता और सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई। अब फिर से सीवर कंपनी ने खुदाई शुरू कर दी है। यह नजारा जनता बनाम सिस्टम का है, जहां टैक्स देने वाले नागरिक परेशान हैं और जिम्मेदार सत्ता-प्रतिष्ठान मौन साधे बैठे हैं। *जनता का सवाल – सड़क हमारी, पैसा हमारा, लेकिन मनमानी ठेकेदार की?* पहले सीवर लाइन डालने के नाम पर सड़क खोदी गई, अनुबंध शर्तों के मुताबिक सीवर ठेका कंपनी ने रेस्टोरेशन नहीं किया। आरोप है कि उसके बाद नगर निगम ने कायाकल्प योजना के तहत डामरीकरण करा दिया। लेकिन यह डामरीकरण महज दिखावा साबित हुआ। एक माह में ही गड्ढे बन गए और अब फिर से सीवर कंपनी ने उसी सड़क पर खुदाई शुरू कर दी है। नागरिक पूछ रहे हैं – “जब हर बार जनता की जेब से लाखों करोड़ों रुपये खर्च होते हैं, तो ठेकेदारों और अफसरों से जवाब क्यों नहीं...

25 अगस्त को कटनी को मिलेगी मेडिकल कॉलेज की सौगात, जबलपुर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे. पी. नड्डा चार नए मेडिकल कॉलेज के लिए एमओयू साइन

 25 अगस्त को कटनी को मिलेगी मेडिकल कॉलेज की सौगात, जबलपुर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे. पी. नड्डा चार नए मेडिकल कॉलेज के लिए एमओयू साइन जबलपुर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा 25 अगस्त सोमवार को दो दिवसीय प्रवास पर जबलपुर आ रहे हैं। उनके स्वागत और कार्यक्रमों को लेकर भाजपा संगठन और जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। नड्डा सोमवार दोपहर 12 बजे विशेष विमान से नई दिल्ली से जबलपुर पहुंचेंगे।आगमन के बाद वे 12.45 बजे रानीताल स्थित भाजपा कार्यालय में आयोजित बैठक में शामिल होंगे। इसके बाद दोपहर 3.10 बजे नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।*इस अवसर पर पीपीपी मॉडल पर प्रदेश में कटनी सहित चार नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। नड्डा प्रवास के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात करेंगे।

रूपनाथ का झरना, प्रकृति की गोद में एक अलौकिक अनुभव, प्रकृति की पहली झलक

 रूपनाथ का झरना, प्रकृति की गोद में एक अलौकिक अनुभव, प्रकृति की पहली झलक कटनी  |  दैनिक ताजा खबर के प्रधान संपादक राहुल पाण्डेय जब रूपनाथ की धरती पर पहुँचे, तो उनके मन में केवल एक ही जिज्ञासा थी आखिर वह कौन-सा आकर्षण है जो इस स्थान को केवल एक जलप्रपात नहीं, बल्कि आत्मा की शांति का केन्द्र बना देता है? जैसे ही उन्होंने झरने की ओर कदम बढ़ाए, चारों ओर फैली हरियाली, पक्षियों की चहचहाहट, और ठंडी हवा के झोंके ने उनका स्वागत किया। सामने बहता हुआ झरना मानो प्रकृति का कोई शाश्वत संगीत गा रहा था। पानी की कल-कल ध्वनि केवल कानों तक सीमित नहीं थी, बल्कि दिल की धड़कनों के साथ मिलकर एक अनोखी लय बना रही थी। झरना जब ऊँचाई से नीचे गिरता, तो छोटे-छोटे जलकण आसमान में उड़कर इंद्रधनुषी रंगों की छटा बिखेर देते। यह दृश्य देखकर राहुल पाण्डेय दंग रह गए। यह केवल एक यात्रा नहीं थी, बल्कि जीवन की उस मासूम हँसी की वापसी थी जो कहीं बचपन की यादों में खो गई थी। *रूपनाथ की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान* रूपनाथ केवल प्राकृतिक सौंदर्य का स्थल नहीं, बल्कि इतिहास और आस्था से भी जुड़ा है। स्थानीय मान्यताओं के अ...

शिक्षा के मंदिर में सोती संवेदनाएँ, सो रहे शिक्षक रो रहा बच्चो का भविष्य जब बच्चो की नींव ही अच्छी नहीं होगी तो बच्चे कैसे बनेंगे समझदार बहोरीबंद जनपद शिक्षा केंद्र के अंतर्गत आने वाली शासकीय ए.एल. राय हायर सेकेंडरी स्कूल बचैया का मामला

 शिक्षा के मंदिर में सोती संवेदनाएँ, सो रहे शिक्षक रो रहा बच्चो का भविष्य जब बच्चो की नींव ही अच्छी नहीं होगी तो बच्चे कैसे बनेंगे समझदार बहोरीबंद जनपद शिक्षा केंद्र के अंतर्गत आने वाली शासकीय ए.एल. राय हायर सेकेंडरी स्कूल बचैया का मामला कटनी |  शिक्षा किसी भी समाज का सबसे मजबूत स्तंभ है। यह वह आधार है जिस पर राष्ट्र की नींव खड़ी होती है, लेकिन कटनी जिले के बहोरीबंद जनपद शिक्षा केंद्र के अंतर्गत आने वाली शासकीय ए.एल. राय हायर सेकेंडरी स्कूल बचैया से जो तस्वीरें सामने आईं, उन्होंने शिक्षा की पवित्रता और शिक्षक की गरिमा दोनों को कठघरे में खड़ा कर दिया है।विद्यालय, जिसे ‘ज्ञान का मंदिर’ कहा जाता है, वहाँ बच्चों को दिशा देने वाले शिक्षक स्वयं गहरी नींद में सोए मिले।कुछ ने बाकायदा बिस्तर बिछा लिया था, तो कुछ मोबाइल स्क्रीन पर डूबे हुए थे। और सबसे हैरानी की बात यह रही कि प्राचार्य महोदय भी कक्षा के समय खर्राटे भरते नज़र आए। यह दृश्य केवल शर्मनाक ही नहीं बल्कि शिक्षा व्यवस्था की आत्मा को झकझोर देने वाला है। *जब गुरु ही सो जाए तो शिष्य किससे सीखे?* हमारी परंपरा में गुरु को देवता का स्...