भूलेख पोर्टल में वांछित सुधार न होने पर पटवारियों का आंदोलन, 1 सितंबर से पोर्टल पर कार्य बहिष्कार की चेतावनी
भूलेख पोर्टल में वांछित सुधार न होने पर पटवारियों का आंदोलन, 1 सितंबर से पोर्टल पर कार्य बहिष्कार की चेतावनी
ढीमरखेड़ा | मध्यप्रदेश में भूलेख व्यवस्था लंबे समय से डिजिटलीकरण की प्रक्रिया से गुजर रही है। शासन-प्रशासन ने इसे पारदर्शी, सुलभ और आधुनिक बनाने के लिए विभिन्न प्रयास किए हैं। इसी कड़ी में नया Web GIS 2.0 पोर्टल लागू किया गया, जिसका उद्देश्य किसानों और आम नागरिकों को ऑनलाइन भू-अभिलेख संबंधी सेवाएँ उपलब्ध कराना था। लेकिन ज़मीनी हकीकत में यह पोर्टल पटवारियों और आम जनता दोनों के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। कामकाज में कठिनाई, तकनीकी त्रुटियाँ, और यूज़र फ्रेंडली न होना जैसे आरोप पटवारियों द्वारा लगातार लगाए जा रहे हैं। परिणामस्वरूप, अब पटवारियों ने आंदोलन की राह पकड़ ली है और चेतावनी दी है कि यदि 1 सितंबर तक सुधार नहीं हुआ तो वे पोर्टल का उपयोग बंद कर देंगे।ढीमरखेड़ा तहसील में कार्यकारी जिलाध्यक्ष अशोक सिंह बागरी के नेतृत्व में पटवारियों का प्रतिनिधिमंडल तहसीलदार नितिन पटेल को ज्ञापन सौंपने पहुँचा । नया पोर्टल यूज़र फ्रेंडली नहीं है। बार-बार सर्वर डाउन रहने से कार्य बाधित होता है। किसानों को समय पर खसरा, बी-1, नामांतरण और नकल जैसी सेवाएँ नहीं मिल पा रही हैं। पूर्व में जिला स्तर पर भी कई बार ध्यान आकर्षित कराया गया था, लेकिन अब तक सुधार नहीं हुआ। यदि शासन-प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई तो 1 सितंबर से पूरे प्रदेश के पटवारी पोर्टल पर कार्य करना बंद कर देंगे। इस अवसर पर कई पटवारी उपस्थित रहे, जिनमें आनंद डेहरिया, नीरज झारिया, शहर बानो, लम्मू सिंह, महेंद्र अलावा, विश्वनाथ सिंह, नीरज सिंह, अनेश कोल, आकांक्षा दुबे, जया मौर्य, महेंद्र थूल, अजीत बागरी, अभिलाष बैरागी, सुमित कुशवाहा, शशांक मिश्रा प्रमुख रहे।
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