ढीमरखेड़ा क्षेत्र में नदी को बांधकर कर रहे सिंचाई, सिंचाई के कारण नदी ने तोड़ा दम, नदी के सूख जाने के कारण पशु पक्षी जानवर सब प्यास के कारण जा रहे हैं मौत के मुंह में, प्रशासन को करना चाहिए कार्यवाही
ढीमरखेड़ा क्षेत्र में नदी को बांधकर कर रहे सिंचाई, सिंचाई के कारण नदी ने तोड़ा दम, नदी के सूख जाने के कारण पशु पक्षी जानवर सब प्यास के कारण जा रहे हैं मौत के मुंह में, प्रशासन को करना चाहिए कार्यवाही ढीमरखेड़ा | ढीमरखेड़ा क्षेत्र में नदियों को अवैध रूप से बाँधकर की जा रही सिंचाई ने एक गंभीर संकट को जन्म दिया है।जल केवल खेतों के लिए नहीं, बल्कि जीवन के हर रूप के लिए अनिवार्य है चाहे वह इंसान हो, पशु हो या वनस्पति। यदि हमने अभी भी समय रहते कदम नहीं उठाए, तो यह संकट विकराल रूप ले सकता है। प्रशासन को चाहिए कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करे और नदियों की स्वाभाविक प्रवाह को पुनः बहाल करे। साथ ही, समाज को भी जागरूक होकर जल संरक्षण की दिशा में पहल करनी होगी। नदी को अवैध रूप से बांधकर उसका जल केवल खेतों की सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे नीचे के इलाकों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा। लगातार जल निकासी के कारण नदी सूख गई है, जिससे उसका प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र नष्ट हो रहा है। जल के अभाव में वन्य जीव-जंतु और पक्षी प्यास से मर रहे हैं। ये जीव अपनी प्यास बुझाने के लि...