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ढीमरखेड़ा क्षेत्र में नदी को बांधकर कर रहे सिंचाई, सिंचाई के कारण नदी ने तोड़ा दम, नदी के सूख जाने के कारण पशु पक्षी जानवर सब प्यास के कारण जा रहे हैं मौत के मुंह में, प्रशासन को करना चाहिए कार्यवाही

 ढीमरखेड़ा क्षेत्र में नदी को बांधकर कर रहे सिंचाई, सिंचाई के कारण नदी ने तोड़ा दम, नदी के सूख जाने के कारण पशु पक्षी जानवर सब प्यास के कारण जा रहे हैं मौत के मुंह में, प्रशासन को करना चाहिए कार्यवाही  ढीमरखेड़ा |  ढीमरखेड़ा क्षेत्र में नदियों को अवैध रूप से बाँधकर की जा रही सिंचाई ने एक गंभीर संकट को जन्म दिया है।जल केवल खेतों के लिए नहीं, बल्कि जीवन के हर रूप के लिए अनिवार्य है  चाहे वह इंसान हो, पशु हो या वनस्पति। यदि हमने अभी भी समय रहते कदम नहीं उठाए, तो यह संकट विकराल रूप ले सकता है। प्रशासन को चाहिए कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करे और नदियों की स्वाभाविक प्रवाह को पुनः बहाल करे। साथ ही, समाज को भी जागरूक होकर जल संरक्षण की दिशा में पहल करनी होगी। नदी को अवैध रूप से बांधकर उसका जल केवल खेतों की सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे नीचे के इलाकों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा। लगातार जल निकासी के कारण नदी सूख गई है, जिससे उसका प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र नष्ट हो रहा है। जल के अभाव में वन्य जीव-जंतु और पक्षी प्यास से मर रहे हैं। ये जीव अपनी प्यास बुझाने के लि...

ग्राम निमास में अवैध बिड़ी कारखाना, प्रशासन की मिलीभगत से हों रहा कार्य, कार्यवाही के नाम पर हीलाहवाली, ढीमरखेड़ा क्षेत्र में भी होना चाहिए कार्यवाही कई जगह चल रहे कार्य

 ग्राम निमास में अवैध बिड़ी कारखाना,  प्रशासन की मिलीभगत से हों रहा कार्य, कार्यवाही के नाम पर हीलाहवाली, ढीमरखेड़ा क्षेत्र में भी होना चाहिए कार्यवाही कई जगह चल रहे कार्य  कटनी |  भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र है, जहां कानून सबके लिए बराबर है, लेकिन जब इन्हीं कानूनों को ताक पर रखकर कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए अवैध गतिविधियों को अंजाम देते हैं और शासन-प्रशासन की आंखों में धूल झोंकते हैं, तब यह सवाल उठना लाज़िमी हो जाता है कि क्या देश में नियम-कानून सिर्फ गरीबों के लिए हैं? ऐसा ही एक मामला सामने आया है मध्यप्रदेश के कटनी जिले की बहोरीबंद तहसील के ग्राम निमास से, जहां वर्षों से रामस्वरूप जायसवाल उर्फ गुड्डा नामक व्यक्ति बिना किसी लाइसेंस, जीएसटी पंजीकरण या कानूनी स्वीकृति के अवैध बीड़ी कारखाने का संचालन कर रहा है। *कारोबार का गोरखधंधा* रामस्वरूप जायसवाल द्वारा संचालित बीड़ी का यह अवैध कारोबार केवल ग्राम निमास तक सीमित नहीं है, बल्कि इसकी जड़ें उत्तर प्रदेश के रायबरेली, राजस्थान और अन्य शहरों तक फैली हुई हैं। बताया जाता है कि गुड्डा द्वारा कई कमरों में बीड़ी तैयार करवाई ज...

बहोरीबंद ओपन कैप में धान चोरी पर चुप्पी, क्या जिला प्रशासन का न्याय सबके लिए समान है? क्या बहोरीबंद में न्याय ‘विशेष’ बन गया है? क्या धर्मकांटे की चोरी को प्रशासन की ‘मूक स्वीकृति’ मिली हुई है?

 बहोरीबंद ओपन कैप में धान चोरी पर चुप्पी, क्या जिला प्रशासन का न्याय सबके लिए समान है? क्या बहोरीबंद में न्याय ‘विशेष’ बन गया है? क्या धर्मकांटे की चोरी को प्रशासन की ‘मूक स्वीकृति’ मिली हुई है? ढीमरखेड़ा |  मध्यप्रदेश के कटनी जिले में धान चोरी के मामलों की बाढ़-सी आ गई है। मझगवां, तेवरी और स्लीमनाबाद बायपास में धान चोरी की घटनाएं हुईं, जिन पर त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज की गई। इन घटनाओं को प्रशासन ने गंभीरता से लिया, और कानून के दायरे में लाकर कार्यवाही की गई। लेकिन जब बात बहोरीबंद के ओपन कैप की आती है, जहां बड़े पैमाने पर सरकारी गेंहू और धान का भंडारण होता है, तो मामला अलग नजर आता है। धर्मकांटे से छेड़छाड़ कर धान की चोरी की जानकारी होने के बावजूद न तो एफआईआर होती है और न ही मध्यप्रदेश स्टेट वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन (SWC) के जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई ठोस कार्रवाई होती है। *एक समान न्याय की बात, लेकिन दोहरे मापदंड क्यों?* भारतीय संविधान सभी नागरिकों को समान न्याय का अधिकार देता है। कानून के सामने सब बराबर हैं राजा हो या रंक। फिर क्या कारण है कि...

ढीमरखेड़ा एवं सिलौड़ी क्षेत्र में अवैध शराब पैकारियों पर ताबड़तोड़ कार्यवाही

 ढीमरखेड़ा एवं सिलौड़ी क्षेत्र में अवैध शराब पैकारियों पर ताबड़तोड़ कार्यवाही ढीमरखेड़ा |  मध्यप्रदेश के कटनी जिले के ढीमरखेड़ा और सिलौड़ी क्षेत्र लंबे समय से अवैध शराब बिक्री की समस्या से जूझ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब की पैकारी न केवल सामाजिक विकृति फैला रही थी, बल्कि इससे युवा पीढ़ी भी बर्बादी की ओर अग्रसर हो रही थी। इसके साथ ही महिलाओं, किसानों और आम नागरिकों का जीवन भी प्रभावित हो रहा था। जब शासन और प्रशासन की आँखों से यह समस्या ओझल होती प्रतीत हो रही थी, तभी सिलौड़ी मंडल अध्यक्ष मनीष बागरी ने इस विषय पर संज्ञान लेते हुए प्रदेश के प्रभारी मंत्री उदय प्रताप सिंह को पत्र सौंपकर सिलौड़ी क्षेत्र में चल रही अवैध शराब पैकारी को बंद कराने की मांग की। *मंत्री के हस्तक्षेप से जागी उम्मीदें* 20 अप्रैल 2025 को प्रभारी मंत्री के अल्प प्रवास के दौरान जब सिलौड़ी मंडल अध्यक्ष मनीष बागरी ने उन्हें यह पत्र सौंपा, तो यह केवल एक औपचारिक कार्यवाही नहीं थी। इसके पीछे वर्षों की पीड़ा, स्थानीय जनता की तकलीफें, और समाज को शराब के प्रभाव से मुक्त करने की तड़प थी। मंत्री ने इस पर गंभ...

सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण में कटनी तीन अग्रणी जिलों में शामिल

 सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण में कटनी तीन अग्रणी जिलों में शामिल कटनी  |   सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के संतुष्टिपूर्ण निराकरण के मामले में कटनी जिला प्रदेश के प्रथम समूह के 28 जिलों में ए ग्रेड के साथ तीसरे स्थान पर है। राज्य शासन द्वारा सीएम हेल्पलाइन के मार्च माह तक की प्रगति के पर्यवेक्षण और अनुश्रवण के बाद जारी रैंकिंग में कटनी जिले ने 84.55 वेटेज स्कोर के साथ ए ग्रेड अर्जित किया है। कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव द्वारा सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों की निरंतर की जा रही समीक्षा की वजह से कटनी जिले ने मार्च माह में प्रथम समूह के 28 जिलों में तीसरा स्थान हासिल किया है। कलेक्टर श्री यादव ने सभी विभागों के जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण में पूरी संवेदनशीलता के साथ संतुष्टिपूर्ण निराकरण सुनिश्चित करें। लोकसेवा के जिला प्रबंधक श्री दिनेश कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि राज्य शासन द्वारा जारी मार्च माह की ग्रेडिंग में आलोच्य अवधि तक कटनी जिले को कुल मिली 8280 शिकायतों मे से 50.53 वेटेज स्कोर के साथ शिकायतों का संतुष्टि...

अति का होता हैं अंत अपने लोगों को प्रभार देकर के काटते थे मलाई, भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे डीपीसी केके डेहरिया पद से हटाए गए, शिक्षा जगत में पारदर्शिता की ओर एक बड़ा कदम उठाया

 अति का होता हैं अंत अपने लोगों को प्रभार देकर के काटते थे मलाई, भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे डीपीसी केके डेहरिया पद से हटाए गए,  शिक्षा जगत में पारदर्शिता की ओर एक बड़ा कदम ढीमरखेड़ा |  भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में शिक्षा को राष्ट्र निर्माण की रीढ़ कहा जाता है। लेकिन जब शिक्षा व्यवस्था को संचालित करने वाले अधिकारी ही भ्रष्टाचार में लिप्त हों, तो उस व्यवस्था की नींव हिलने लगती है। कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है मध्य प्रदेश के कटनी जिले से, जहां जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) केके डेहरिया को भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते उनके पद से हटा दिया गया है। इस पूरे मामले में जिला पंचायत सदस्य मोहिनी देवी की भूमिका सराहनीय रही, जिन्होंने न सिर्फ शिकायत दर्ज कराई बल्कि इस मुद्दे को न्याय तक पहुँचाया।  *डीपीसी का पद और उसकी जिम्मेदारियाँ* डीपीसी यानी जिला परियोजना समन्वयक वह अधिकारी होता है जो जिला स्तर पर शिक्षा विभाग की योजनाओं, परियोजनाओं, छात्रों की सुविधाओं, छात्रावास संचालन, वार्डन नियुक्ति, सामग्री खरीदी, शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार जैसे कार्यों की निगरानी करता है। इस ...

अमीरगंज तालाब सौंदर्यीकरण, जब सरकारी फाइलों में हुस्न खिलता है और जमीनी हकीकत बदसूरत होती है

 अमीरगंज तालाब सौंदर्यीकरण, जब सरकारी फाइलों में हुस्न खिलता है और जमीनी हकीकत बदसूरत होती है ढीमरखेड़ा |  मध्यप्रदेश के कटनी जिले के माधवनगर के पास स्थित ऐतिहासिक अमीरगंज तालाब आज सरकारी फाइलों में "अति रमणीक" और "सौंदर्य से भरपूर" दिखता है, लेकिन धरातल पर इसकी हालत किसी उपेक्षित वीरान से कम नहीं।सरकारी घोषणाएं, करोड़ों की योजनाएं, वर्क ऑर्डर और फाइलों में रंग-बिरंगे चित्रों के बावजूद, तालाब की स्थिति दिन-ब-दिन और भी बदतर होती जा रही है। यह तालाब न केवल प्राकृतिक जल स्रोत है, बल्कि आसपास की आबादी के लिए जीवनरेखा भी है। लेकिन अफसरशाही की नेत्रहीनता और ठेकेदारों की लापरवाही ने इसे एक उपहास का केंद्र बना दिया है। *मुख्यमंत्री की घोषणा और उसके बाद की कहानी* वर्ष 2021 में मुख्यमंत्री द्वारा अमीरगंज तालाब के उन्नयन एवं सौंदर्यीकरण की घोषणा की गई। घोषणा के अनुसार तालाब का कायाकल्प होना था—वाटर ट्रीटमेंट, फुहारा, सोलर लाइट, पेवर ब्लॉक, गार्डन, स्टील रेलिंग, सीमेंट गार्डन बैंच और चौपाटी आदि लगाई जानी थीं। इसके लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल द्वारा सवा करोड़ रुपये क...