सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अमीरगंज तालाब सौंदर्यीकरण, जब सरकारी फाइलों में हुस्न खिलता है और जमीनी हकीकत बदसूरत होती है

 अमीरगंज तालाब सौंदर्यीकरण, जब सरकारी फाइलों में हुस्न खिलता है और जमीनी हकीकत बदसूरत होती है



ढीमरखेड़ा |  मध्यप्रदेश के कटनी जिले के माधवनगर के पास स्थित ऐतिहासिक अमीरगंज तालाब आज सरकारी फाइलों में "अति रमणीक" और "सौंदर्य से भरपूर" दिखता है, लेकिन धरातल पर इसकी हालत किसी उपेक्षित वीरान से कम नहीं।सरकारी घोषणाएं, करोड़ों की योजनाएं, वर्क ऑर्डर और फाइलों में रंग-बिरंगे चित्रों के बावजूद, तालाब की स्थिति दिन-ब-दिन और भी बदतर होती जा रही है। यह तालाब न केवल प्राकृतिक जल स्रोत है, बल्कि आसपास की आबादी के लिए जीवनरेखा भी है। लेकिन अफसरशाही की नेत्रहीनता और ठेकेदारों की लापरवाही ने इसे एक उपहास का केंद्र बना दिया है।

*मुख्यमंत्री की घोषणा और उसके बाद की कहानी*

वर्ष 2021 में मुख्यमंत्री द्वारा अमीरगंज तालाब के उन्नयन एवं सौंदर्यीकरण की घोषणा की गई। घोषणा के अनुसार तालाब का कायाकल्प होना था—वाटर ट्रीटमेंट, फुहारा, सोलर लाइट, पेवर ब्लॉक, गार्डन, स्टील रेलिंग, सीमेंट गार्डन बैंच और चौपाटी आदि लगाई जानी थीं। इसके लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल द्वारा सवा करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई। कटनी नगर निगम ने एस.एन. कंस्ट्रक्शन कंपनी को इस परियोजना का वर्क ऑर्डर 22 मार्च 2022 को जारी कर कार्य आरंभ किया।

*कागजों पर तालाब की खूबसूरती, हकीकत में खंडहर*

अगर कोई सरकारी फाइल खोलकर अमीरगंज तालाब का प्रगति प्रतिवेदन देखे, तो वहां तालाब में चारों ओर कमल खिले नजर आते हैं। तल्ला स्वच्छ है, किनारे पक्के हैं, चारों ओर सुगंधित पौधों का बागीचा है, लोग बैठकर हवा खा रहे हैं, बेंच पर बच्चे खेल रहे हैं और फुहारा जल की बूंदों से वातावरण को शीतल कर रहा है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति वास्तव में तालाब तक पहुंच जाए, तो नजारा बिल्कुल विपरीत होता है। यहाँ बोल्डर बेतरतीब बिखरे हैं, कीचड़ पसरा है, तालाब में घरों की गंदगी वाले नाले सीधे जा रहे हैं, गाजरघास की भरमार है और आसपास कीचड़ और बदबू फैली हुई है। तालाब का जल पीने योग्य तो छोड़िए, छूने योग्य भी नहीं रहा।

*मनमानी की मिसाल अफसरशाही और ठेकेदार की जुगलबंदी*

जहां जनता तालाब की बदहाल सूरत से परेशान है, वहीं अफसर और ठेकेदार के चेहरे पर "नया नूर" देखा जा सकता है। वजह साफ है—सवा करोड़ की योजना में बिना काम किए ही मोटी रकम पार कर ली गई है। जब बारिश की पहली बूँदें गिरीं, तो तालाब के किनारों की पिचिंग बह गई, बोल्डर बहकर इधर-उधर हो गए, पानी की निकासी का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं था। मगर अफसरों के लिए ये सब "मानक" कार्य थे, क्योंकि फाइलों में सब कुछ दुरुस्त है।

*तालाब या गंदे नालों का संग्रह केंद्र?*

तालाब में आज चारों ओर से खुले नालों का पानी मिल रहा है। घरेलू गंदगी, नालियों का बहाव, पशुओं का जमावड़ा, सब कुछ तालाब में समाहित हो गया है। जल स्रोत नहीं, यह अब एक गंदे नाले का स्वरूप ले चुका है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसा जल न केवल हानिकारक है बल्कि महामारी फैलाने का कारण भी बन सकता है।

*जनता की नाराजगी और आंदोलन की चेतावनी*

स्थानीय निवासियों ने नगर निगम और राज्य सरकार तक कई बार शिकायतें भेजी हैं। परन्तु हुआ सिर्फ "कागजी खानापूर्ति"। कोई जांच नहीं, कोई ठोस कार्यवाही नहीं। लोग अब आक्रोशित हैं और मांग कर रहे हैं कि अधूरे कार्यों को पूर्ण कराया जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। कई समाजसेवी संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही काम शुरू नहीं हुआ, तो जनता आंदोलन करेगी।

*राजनीति और ठेकेदारी की साठगांठ*

तालाब सौंदर्यीकरण की यह कहानी किसी एक परियोजना की नहीं, बल्कि सिस्टम में फैले उस भ्रष्टाचार की कहानी है, जिसमें जनता का पैसा बिना काम के हड़प लिया जाता है। अफसरों और ठेकेदारों के बीच की अघोषित समझदारी के चलते परियोजनाएं सालों अधूरी रहती हैं, और जनता ठगी महसूस करती है।

टिप्पणियाँ

popular post

शिक्षा के मंदिर में सोती संवेदनाएँ, सो रहे शिक्षक रो रहा बच्चो का भविष्य जब बच्चो की नींव ही अच्छी नहीं होगी तो बच्चे कैसे बनेंगे समझदार बहोरीबंद जनपद शिक्षा केंद्र के अंतर्गत आने वाली शासकीय ए.एल. राय हायर सेकेंडरी स्कूल बचैया का मामला

 शिक्षा के मंदिर में सोती संवेदनाएँ, सो रहे शिक्षक रो रहा बच्चो का भविष्य जब बच्चो की नींव ही अच्छी नहीं होगी तो बच्चे कैसे बनेंगे समझदार बहोरीबंद जनपद शिक्षा केंद्र के अंतर्गत आने वाली शासकीय ए.एल. राय हायर सेकेंडरी स्कूल बचैया का मामला कटनी |  शिक्षा किसी भी समाज का सबसे मजबूत स्तंभ है। यह वह आधार है जिस पर राष्ट्र की नींव खड़ी होती है, लेकिन कटनी जिले के बहोरीबंद जनपद शिक्षा केंद्र के अंतर्गत आने वाली शासकीय ए.एल. राय हायर सेकेंडरी स्कूल बचैया से जो तस्वीरें सामने आईं, उन्होंने शिक्षा की पवित्रता और शिक्षक की गरिमा दोनों को कठघरे में खड़ा कर दिया है।विद्यालय, जिसे ‘ज्ञान का मंदिर’ कहा जाता है, वहाँ बच्चों को दिशा देने वाले शिक्षक स्वयं गहरी नींद में सोए मिले।कुछ ने बाकायदा बिस्तर बिछा लिया था, तो कुछ मोबाइल स्क्रीन पर डूबे हुए थे। और सबसे हैरानी की बात यह रही कि प्राचार्य महोदय भी कक्षा के समय खर्राटे भरते नज़र आए। यह दृश्य केवल शर्मनाक ही नहीं बल्कि शिक्षा व्यवस्था की आत्मा को झकझोर देने वाला है। *जब गुरु ही सो जाए तो शिष्य किससे सीखे?* हमारी परंपरा में गुरु को देवता का स्...

शराब ठेकेदार मंचू असाटी ने दबंगता के साथ पैकारी का विरोध करने वाले ग्रामीणों पर कार चढ़ाई , रौंदा घायल नागरिकों ने आंदोलन तेज किया कहा - सभी गुर्गों सहित सरगना पर संगीन धाराओं में केस दर्ज करो पुलिस- प्रशासन के पसीने छूटे , कारण बेईमान अफसरों के पैसे से चलते हैं शराब ठेके तो मंचू उनका अज़ीज़ है

 शराब ठेकेदार मंचू असाटी ने दबंगता के साथ पैकारी का विरोध करने वाले ग्रामीणों पर कार चढ़ाई , रौंदा घायल नागरिकों ने आंदोलन तेज किया कहा - सभी गुर्गों सहित सरगना पर संगीन धाराओं में केस दर्ज करो पुलिस- प्रशासन के पसीने छूटे , कारण  बेईमान  अफसरों के पैसे से चलते हैं शराब ठेके तो मंचू उनका अज़ीज़ है  कटनी ।  स्लीमनाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम संसारपुर में  अवैध पैकारियों का विरोध करने वाले ग्रामीणों के ऊपर शराब ठेकेदार मंचू असाटी ने अपनी कार चढ़ाकर उन्हें घायल कर दिया और चला भी गया l  घटना मंगलवार देर रात को हुई और दो दिन बाद तक पुलिस और प्रशासन हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है कि  ठेकेदार  मंचू की दबंगई के खिलाफ चूँ भी कर सके l कारण यही चर्चित है कि कटनी सहित एमपी के अधिकांश जिलों में महाभृष्ट पुलिस और आबकारी अधिकारियों की हराम की पूंजी शराब के ठेकों में लगती है और गुंडे मवाली टाइप के लोग ठेके चलाते हैं, मारपीट उपद्रव का तांडव मचाते हैं पुलिस की हिम्मत नहीं होती कि उनकी गुंडई को रोक सके । कुछ दिन पहले कटनी में शराब ठेकेदार एंड गैंग ने मिशन चौक पर कार सवार...

ढीमरखेड़ा थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद खान का स्थानांतरण, विदाई समारोह में छलकते जज़्बात

 ढीमरखेड़ा थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद खान का स्थानांतरण, विदाई समारोह में छलकते जज़्बात कटनी |  ढीमरखेड़ा पुलिस थाने का वह दिन बेहद भावुक कर देने वाला था, जब थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद खान का स्थानांतरण रीठी के लिए हो गया और उनके सम्मान में एक विदाई समारोह आयोजित किया गया। पूरे थाना प्रांगण से लेकर क्षेत्रीय जनता तक में निराशा और उदासी का माहौल था, क्योंकि शाहिद खान न केवल एक कुशल अधिकारी थे बल्कि अपनी हंसमुख प्रवृत्ति, मिलनसार स्वभाव और भाईचारे की भावना के कारण सबके दिलों में एक खास जगह बना चुके थे। *हंसमुख और प्रतिभाशाली व्यक्तित्व* मोहम्मद शाहिद खान का व्यक्तित्व हमेशा से ही उनकी पहचान रहा है। वे हर परिस्थिति में हंसी-खुशी और सकारात्मक ऊर्जा के साथ कार्य करते थे। यही कारण था कि थाने का हर कर्मचारी उन्हें केवल एक अधिकारी नहीं बल्कि भाई जैसा साथी मानता था। उनकी यह शैली पुलिस महकमे में बहुत कम दिखाई देती है, जहाँ अनुशासन और कठोरता आमतौर पर छवि को परिभाषित करते हैं। *हीरा जहाँ भी जाएगा, चमकेगा* विदाई समारोह में बार-बार यह भाव सुनाई दिया कि शाहिद खान वास्तव में एक हीरे की तरह है...