कटनी डीपीसी ऑफिस में संविदा लिपिक फैज अहमद की नियुक्ति, नियमों को ताक पर रखकर हुई भर्ती पर उठे सवाल
कटनी | लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालयों में नियुक्तियां पारदर्शिता, योग्यता और नियमों के आधार पर होना अनिवार्य है। किंतु जब नियुक्तियां नियमों की धज्जियां उड़ाकर, सिफारिश और सांठगांठ के आधार पर होती हैं, तब व्यवस्था पर सवाल खड़े होना स्वाभाविक है। कटनी जिले के डीपीसी कार्यालय में पदस्थ संविदा लिपिक फैज अहमद की नियुक्ति इसी तरह का मामला माना जा रहा है।स्थानीय स्तर पर यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि उनकी नियुक्ति में नियमों की अनदेखी की गई और पूरे मामले में गहरी जांच की ज़रूरत है।
*डीपीसी कार्यालय का महत्व*
कटनी जिले का डीपीसी कार्यालय शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित होता है। यहां से प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की योजनाओं, शिक्षकों की नियुक्तियों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, मध्याह्न भोजन योजना, छात्रवृत्ति और अन्य कई महत्वपूर्ण कार्यों का संचालन किया जाता है। ऐसे में इस दफ्तर में पदस्थ हर कर्मचारी की नियुक्ति निष्पक्ष और योग्यता के आधार पर होना बेहद ज़रूरी है। यदि किसी कर्मचारी की भर्ती ही विवादों में हो, तो उसकी पारदर्शिता पर सवाल उठना स्वाभाविक है।
*फैज अहमद की नियुक्ति पर सवाल*
जानकारी के अनुसार, फैज अहमद को डीपीसी ऑफिस में संविदा लिपिक के पद पर नियुक्त किया गया। संविदा लिपिक की भर्ती के लिए सामान्यत: खुली विज्ञप्ति, मेरिट लिस्ट, आरक्षण नियम, साक्षात्कार और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाती है। कोई विज्ञापन सार्वजनिक नहीं हुआ। भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया। मेरिट लिस्ट पारदर्शी ढंग से प्रदर्शित नहीं की गई। नियुक्ति में सिफारिश और प्रभावशाली लोगों की भूमिका सामने आ रही है। इन बिंदुओं से साफ झलकता है कि नियमों को दरकिनार करके किसी ख़ास व्यक्ति को फायदा पहुंचाने के लिए यह नियुक्ति की गई।
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