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ढीमरखेड़ा पुलिस को मिली बड़ी सफ़लता अंधे हत्याकांड का हुआ खुलासा, 52 वर्षीय महिला की निर्मम हत्या का पर्दाफाश प्रेम, विश्वास और लालच के खौफनाक मिलन की कहानी

 ढीमरखेड़ा पुलिस को मिली बड़ी सफ़लता अंधे हत्याकांड का हुआ खुलासा, 52 वर्षीय महिला की निर्मम हत्या का पर्दाफाश प्रेम, विश्वास और लालच के खौफनाक मिलन की कहानी 



ढीमरखेड़ा |  ढीमरखेड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम दशरमन में हुई 52 वर्षीय महिला नीतू जायसवाल की निर्मम हत्या ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया। यह महज एक साधारण आपराधिक मामला नहीं था, बल्कि प्रेम, छल, लालच और विश्वासघात की पराकाष्ठा का भयावह रूप था। एक ऐसा अपराध जिसमें हत्यारा न केवल महिला का प्रेमी था, बल्कि उसने पहले उसके साथ शारीरिक संबंध बनाकर विश्वास हासिल किया और फिर लालच में आकर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपी शैलेन्द्र पांडे घर से लाखों के गहने और सोने की बिस्किट भी ले गया। 52 वर्षीय नीतू जायसवाल ग्राम दशरमन में अपने घर में अकेली रहती थीं। उनका पारिवारिक जीवन पहले सामान्य था, लेकिन उम्र के इस पड़ाव में वह अकेलेपन से जूझ रही थीं। सामाजिक रूप से वह प्रतिष्ठित मानी जाती थीं और अक्सर धार्मिक कार्यों में भाग लेती थीं। इसी सिलसिले में उनकी मुलाकात झाड़-फूंक और पंडिताई का कार्य करने वाले 27 वर्षीय शैलेन्द्र पांडे से हुई, जो सिहोरा थाना अंतर्गत खितौला गांव का निवासी है। धीरे-धीरे यह परिचय नजदीकियों में बदल गया और फिर शारीरिक संबंधों में। नीतू जायसवाल शैलेन्द्र पर इतना विश्वास करने लगी थीं कि उसके लिए दरवाज़े हमेशा खुले रहते थे। लेकिन शैलेन्द्र के मन में प्रेम नहीं, बल्कि स्वार्थ, लालच और षड्यंत्र पल रहा था।

*वारदात की रात विश्वासघात का खून से रंगा चेहरा*

18 और 19 जुलाई की दरम्यानी रात को जब गांव में सन्नाटा पसरा था, तब शैलेन्द्र पांडे ने एक घिनौनी योजना को अंजाम दिया। वह नीतू जायसवाल के घर गया, पहले उसके साथ संबंध बनाए, और जब वह पूरी तरह भरोसे में थी, तब उसने देशी कट्टे से सिर के पीछे गोली मार दी। हत्या इतनी सटीक और योजनाबद्ध थी कि महिला को बचने का कोई मौका नहीं मिला। इसके बाद वह घर के भीतर रखी अलमारी से 10 से 15 लाख रुपये मूल्य के सोने के जेवरात और सोने की बिस्किट लेकर फरार हो गया।

 *वारदात के बाद की अफरातफरी  पुलिस की तेज़ कार्रवाई*

19 जुलाई को जब महिला की रक्तरंजित लाश मिली, तो पूरे गांव में सनसनी फैल गई। हत्या का तरीका और महिला के अकेलेपन ने इसे एक जघन्य अपराध में बदल दिया। सूचना मिलते ही ढीमरखेड़ा थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। वरिष्ठ अधिकारियों पुलिस अधीक्षक अभिनय विश्वकर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. संतोष डेहरिया, और स्लीमनाबाद एसडीओपी आकांक्षा चतुर्वेदी के निर्देशन में एक उच्चस्तरीय टीम का गठन किया गया। केस की गंभीरता को देखते हुए 24 घंटे के भीतर अपराधी को पकड़ने का लक्ष्य तय किया गया।

 *कॉल डिटेल और जांच की दिशा  तकनीक और अनुभव का मेल*

पुलिस ने महिला के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली, जिसमें चौंकाने वाली बात सामने आई — महिला की आखिरी बातचीत शैलेन्द्र पांडे से ही हुई थी। यह पहला ठोस सुराग था।जब पुलिस ने शैलेन्द्र को हिरासत में लिया, तो वह पहले तरह-तरह के बहाने बनाकर गुमराह करता रहा। लेकिन जब पूछताछ कड़ी हुई, तो वह टूट गया और अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसके बताने पर ही पुलिस ने देशी कट्टा और चोरी किए गए जेवरात भी बरामद कर लिए।

*प्रेम, लालच और हत्या क्यों हुआ ऐसा?*

इस मामले में एक जघन्य अपराध केवल पैसों के लालच में नहीं हुआ, बल्कि इसमें प्रेम और विश्वास के नाम पर किया गया घोर विश्वासघात भी शामिल था। सूत्रों के अनुसार नीतू और शैलेन्द्र के बीच कुछ समय से पैसों का लेन-देन हो रहा था। संभवतः नीतू ने शैलेन्द्र से अपने पैसे या गहने वापस मांगे होंगे, जिससे वह नाराज़ हो गया और हत्या की योजना बना डाली। यह सवाल भी अहम है कि क्या शैलेन्द्र नीतू से केवल धन के लिए ही जुड़ा था? क्या उसका प्रेम एक दिखावा था, जिसके पीछे केवल सोने के बिस्किट और गहनों पर हाथ साफ करना था? ऐसे अनेक सवाल समाज के सामने खड़े हो गए हैं।

 *पुलिस की भूमिका तेज़, सटीक और प्रशंसनीय*

ढीमरखेड़ा थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद और उनकी टीम ने जिस तेजी और पेशेवर तरीके से इस जघन्य हत्या की गुत्थी को 24 घंटे में सुलझाया, वह काबिले-तारीफ है। देशी कट्टे की बरामदगी, आरोपी की गिरफ्तारी और चोरी किए गए गहनों को वापस लाना ये सभी घटनाएं पुलिस की सजगता और कार्यकुशलता को दर्शाती हैं। विशेष रूप से तकनीकी जांच, मोबाइल कॉल डिटेल और संदिग्ध के व्यवहार के विश्लेषण ने इस केस को जल्दी सुलझाने में मदद की।

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