ढीमरखेड़ा क्षेत्र में बेरोजगारी की गंभीर स्थिति, मेहनती युवा, पर रोजगार का अभाव
ढीमरखेड़ा | मध्यप्रदेश के कटनी जिले के अंतर्गत आने वाला ढीमरखेड़ा एक ग्रामीण अंचल है, जिसकी पहचान प्राकृतिक संसाधनों, जनजातीय संस्कृति और मेहनतकश लोगों से होती है। लेकिन आज यह क्षेत्र एक गहरे संकट से जूझ रहा है बेरोजगारी। यहाँ के युवा मेहनत करने को तैयार हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों की घोर कमी ने उनके भविष्य को अनिश्चितता में डाल दिया है। परिणामस्वरूप, अनेक युवा मजबूरी में बाहर के शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं, स्मरण रहें कि ढीमरखेड़ा एक जनपद पंचायत है जिसमें अनेक ग्राम पंचायतें शामिल हैं। यह इलाका पहाड़ी और वनक्षेत्रों से घिरा हुआ है। प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण होने के बावजूद यह क्षेत्र विकास के नक्शे से कहीं न कहीं गायब प्रतीत होता है। यहाँ की जनता मुख्यतः कृषि, मजदूरी, और वनों पर निर्भर है। परंतु अवसाद की बात यह है कि इन परंपरागत संसाधनों से भी अब भरपूर जीवन यापन संभव नहीं है, विदित है कि ढीमरखेड़ा में कोई बड़ा उद्योग, कारखाना या कंपनी नहीं है। यह सबसे बड़ा कारण है जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उत्पन्न नहीं हो पा रहे। किसी क्षेत्र में जब औद्योगिक इकाइयाँ नहीं होतीं, तो वहाँ के लोगों को रोज़गार की तलाश में बाहर जाना ही पड़ता है। ना ही कोई टेक्सटाइल उद्योग है, ना फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स, ना खनिज आधारित उद्योग हैं , ना ही कोई स्किल डेवलपमेंट सेंटर या ट्रेनिंग हब हैं।
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