पसीना बहाने का नहीं मिल रहा मनरेगा का भुगतान, ढीमरखेड़ा क्षेत्र की लाड़ली बहना हों रही परेशान
ढीमरखेड़ा | महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी को कम करना और गरीबों को सम्मानजनक आजीविका का अवसर प्रदान करना है। लेकिन मध्यप्रदेश के कटनी जिले के जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा में मनरेगा के तहत किए गए कार्यों का भुगतान न होने के कारण मजदूरों में आक्रोश और निराशा फैल रही है। विशेषकर लाड़ली बहना जिनकी आजीविका का एकमात्र साधन यही मजदूरी थी वे सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं लिहाज़ा जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा के अंतर्गत अनेकों ग्राम पंचायतें आती हैं, जिनमें हजारों की संख्या में गरीब, आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग के मजदूर निवास करते हैं। इन मजदूरों ने ठंडी और गर्मी की परवाह किए बिना मनरेगा के अंतर्गत अनेक कार्यों को पूरा किया। लेकिन महीनों गुजर जाने के बाद भी उन्हें उनका मेहनताना नहीं मिल पाया है। प्रदेश सरकार की “लाड़ली बहना योजना” के अंतर्गत महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने की पहल की गई है। इन महिलाओं में से कई ने मनरेगा के तहत काम किया था ताकि अपने घर की ज़रूरतें पूरी कर सकें, बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठा सकें, और दैनिक जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें। लेकिन भुगतान में हो रही देरी से इनका जीवन यंत्रणा में बदल गया है।
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