खनन माफिया, गुंडा माफिया, सूदखोर, क्रिकेट सटोरिया माफिया ने मरवा डाले कई निर्दोष नागरिक, पुलिस और अपराधियों का एतिहासिक पाणिग्रहण, कराहती जनता कह रही- गुंडम शरणं गच्छामि, मीडिया में एसपी के स्तुति गान के विज्ञापन में उन्हें कहा जा रहा - ये है सच्चा शांति - दूत
खनन माफिया, गुंडा माफिया, सूदखोर, क्रिकेट सटोरिया माफिया ने मरवा डाले कई निर्दोष नागरिक, पुलिस और अपराधियों का एतिहासिक पाणिग्रहण, कराहती जनता कह रही- गुंडम शरणं गच्छामि, मीडिया में एसपी के स्तुति गान के विज्ञापन में उन्हें कहा जा रहा - ये है सच्चा शांति - दूत
कटनी । जब से एसपी अभिजीत कुमार रंजन ने गद्दी संभाली है, तब से जिले में गुंडा माफिया, खनन माफिया, क्रिकेट सट्टा माफिया, सूदखोर माफिया ने नागरिकों पर प्राणलेवा जुल्म ढाकर दोनों हाथ और दोनों लातों से करोड़ों कमा लिए हैं। जनता कराह रही है, नई बस्ती में अग्रहरि परिवार का मुखिया निराश होकर बेटे सहित खुद को गोली मार लेता है, नई कटनी में कर्जदार रेल कर्मी आत्म हत्या कर लेता है। सब्जी मंडी में लूडो से जुआं खिलवाने वाला सब्जी विक्रेता की दुकान हड़प लेता है। एडव्होकेट के किराये का मकान रातों रात ताला तोड़ कर खाली करा दिया जाता है। व्यापारी नौगरहिया की मेन रोड स्थित दुकान पर अवैध कब्जा हो जाता है। पूरा माधवनगर सट्टे की मंडी बन गया और सैकड़ों युवा कर्जदार होकर परिवार तबाह कर बैठे, गुंडों के हवाले कर दिए गए नागरिक जीवन का हाल यह है कि- बिहारी गैंग उन्हें तीन माह से कातिलाना हमलों से भयाक्रांत करके दो करोड़ की बेजा वसूली का टार्गेट पूरा करने के लिए मकानों तक को दिन-दहाड़े जेसीबी से ढहा रही है, और एसपी अभिजीत रंजन के अधीनस्थ थानेदार पुलिस रिपोर्ट नहीं लिखते है, न किसी की जान-मकान बचाने पहुंचते हैं। पुलिस और अपराधियों ने एक-दूजेे का हाथ थाम लिया है और कुछ नेता उन्हें चिरंजीवी होने का आशीर्वाद दे रहे हैं। मप्र पुलिस, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष बीडी शर्मा, मुख्यमंत्री मोहन यादव के लिए शर्म से डूब मरने की स्थिति तो अब बन गई है जब पीडि़त जनता और उसके तीन तीन स्थानीय विधायक कह रहे हैं - गुंडम शरणं गच्छामि।जनता ने आत्म समर्पण कर दिया है कि हम गुंडों की शरण लेने तैयार हैं, वे (गुंडों) हमें गुंडा टैक्स की दरें अपने एजेंटों से बतला दें, हम नियमित गुंडा टैक्स चुकाएंगे। यह बदतर स्थिति हो गई है जिले की और पुलिस द्वारा अपने शांति दूत होने का व्यवसायिक प्रोपेगेंडा प्रचारित किया जा रहा है।
*सेहरे की जगह प्लास्टर बंधवाने वाले दो मोहरे आए हाथ*
पिछले महीनों से मची अंधेरगर्दी की शाश्वत कथाओं को कटनी ही नहीं मध्यप्रदेश की जनता ने सुना-समझा है। कटनी में अपराध ग्रंथ के अध्याय आए दिन बढ़ते रहे, जनता इसलिए सहती रही क्योंकि पुलिस में सुनवाई बंद प्राय थी। अपराधियों के साथ पुलिस और नेता सभी थे। लेकिन राकेश मोटवानी जिसकी सेहराबंदी 8 फरवरी को होना है, उसे नेता पुलिस के वरदहस्त बिहारी गैंग ने तोड़ फोडक़र प्लास्टर बंधवा दिया। अति के आगे जनता ने माधवनगर बंद करवा दिया। अभी दो मोहरे केतू रजक, अरमान द्विवेदी पकड़े गए हैं।
*तीन विधायक सहमत-गुंडों का राज है*
विधायक संदीप जायसवाल ने अनशनकारी जनता के बीच सार्वजनिक रूप से कहा-कि खनन माफिया, वसूली माफिया, सट्टा माफिया, गुंडा माफिया की मंडी जिले की पुलिस ने तैयार की है। यदि जिला पुलिस के लिए गुंडा माफिया प्रथम पूजनीय है तो वह इस बात को स्वीकार कर ले हम जनता गुंडों की शरण लेंगे, उनके हुक्म के अनुसार गुंडा टैक्स देंगे। विधायक संजय पाठक और प्रणय पाण्डें ने भी गुण्डागीरी की निंदा की और सख्ती से इसे नियंत्रित करने की अपील एसपी से की है।
*प्रदेशाधिपति भाजपा का मौन किसके पक्ष में....?*
मप्र के सबसे शक्तिशाली नेता जो भाजपा के प्रदेशाधिपति भी हैं और दुर्भाग्य अथवा सौभाग्य जो भी समझें कटनी के सांसद भी हैं, उनसे अपेक्षा थी कि- वे पीडि़त जनता की कराहटों को समझेंगे, लेकिन वे मौन हैं। उनकी तटस्थता को, उनके मौन को किस पक्ष को समर्थन मिल रहा है, कौन सा पक्ष लाभान्वित हो रहा है, यह जनता को अपने अपने मन- गणित से समझ जाना चाहिए। गनीमत है कि भाजपा जिलाध्यक्ष दीपक टंडन सोनी ने यह कहने की औपचारिकता निभाई कि-कार्यवाही होना चाहिए।
*कालोनी में घुसे डकैत, नागरिक बोले-दयनीय व्यवस्था है पुलिस की*
अमन दूत के रूप में प्रचारित हो रहे एसपी रंजन को यह जानकारी अच्छी नहीं लगेगी कि-वृन्दावन कालोनी (समिति) के नागरिकों ने उनके झिंझरी चौकी में सूचना दी है कि पिछली रात तीन बजे अज्ञात सशस्त्र लुटेेरे-डकैतों ने कालोनी में कुछ घरों पर धावा बोला, संयोगवश किसी घर में वारदात नहीं हो पाई। सीसीटीवी फुटेज में उन्हें देखा जा सकता है। नागरिकों ने भी लिखा है कि-स्थिति दयनीय है। ऐसी बेचारगी की भाषा लिखने वाली जनता कैसे एसपी को अमन शांति का दूत मान ले।
*पुत्र की नग्न पिटाई, फर्जी रिपोर्ट से शहर छोड़ा*
गांधीगंज निवासी व्यवसायी सतीश सरावगी ने आईजी भोपाल को कटनी पुलिस की जनकलेवा-गाथा से अवगत कराया है कि- उनके पुत्र पर माधवनगर पुलिस ने फर्जी एफआईआर तो की ही है, साथ ही उसे थाने में नंगा करके पीटा गया, पुलिस की गुलाम अवस्था से उन्होंने शहर ही छोडऩे में परिवार की भलाई समझी, क्योंकि एसपी स्तर से उनके फरियाद पत्रों को अनसुना किया गया।
*जनवरी में गांधीगंज में गोलीबारी की गैंग ने*
पुलिस कितनी शांति प्रिय है, इसका प्रमाण गांधी गंज में जनवरी के पहले सप्ताह में हुई गोलीबारी से भी मिलता है। श्रीमती सरोज गुप्ता ने कटनी थाने में इसकी सूचना दी थी कि- राहुल बिहारी, केतू रजक, पंकज जायवाल, मनीष परौहा, अरमान द्विवेदी ने उसके घर पर गोलीबारी की, बम फेंके। ये लोग उसके बेटे को मारने आए थे, वह घर पर नहीं था तो आतंक मचाकर चले गए। आज तक पुलिस ने गैंग सदस्यों पर कार्यवाही नहीं की है।
*बाकल की डकैती नहीं सुलझी*
बाकल में सराफा दुकान पर 30 लाख की डकैती लूट हो गई। व्यापारियों ने बार-बार ध्यानाकर्षण सूचना दी, नतीजा आज भी शून्य है।
*सूदखोरों के आतंक से मरे बाप-बेटे*
नई बस्ती में अग्रहरि परिवार का मुखिया सूदखोरों के आतंक से इतना निराश हुआ कि उसने कहीं से अवैध पिस्टल का इंतजाम किया उससे अपने अबोध पुत्र को मारा, पत्नी तो बच गई, फिर खुद को गोली मार ली। पुलिस सायबर सेल से भी हत्यारों का पता नहीं लगा पाई। आज अग्रहरि का अनाथ परिवार अमनशांति से है।
*एक कर्जदार खुदकुशी करके तो दूजा दुकान देके मुक्ति पाया*
न्यू कटनी में लोको पायलट ने सूदखोरों के आतंक से आत्महत्या की, पुलिस शांति के साथ बैठी रही। विलैया तलैया सब्जी मंडी में एक सूदखोर जो लूडो-जुंआ खिलाता है उसके चक्कर में कुछ व्यापारी पड़ते रहते हैं। एक सब्जी विक्रेता डेढ़ लाख रुपए हार गया तो सूदखोर ने उसकी तीस-चालीस लाख कीमती रोजी रोटी की दुकान गुुंडागर्दी से अपने नाम लिखवा ली। सब्जी विक्रेता थाने गया तो हवलदार ने उसे डपटकर भगा दिया।
*जिला पुलिस की दयनीय स्थिति सैकड़ों प्रकरण लंबित*
सन 2024 में एसपी अभिजीत रंजन के अधीनस्थ थानों में अपराध जांच की स्थिति सोचनीय है। जिले में हत्या के 9 प्रकरण, कातिलाना हमला 3, बलात्कार छेड़छाड़ के 5-5 केस, अपहरण के 112 केस, डकैती 1, लूट 3, चोरी 28, नकबजनी के 21 केस, धोखाधड़ी के 95 केस, एक्सीडेंड 36, आत्महत्या 1, अन्य धाराओं में 89 केस, एनडीपीएस के 5, आबकारी एक्ट 2, माइनर क्राइम के चार प्रकरण सहित अन्य प्रकरण अब तक निराकृत नहीं हो पाए हैं। 17 थानों में 183 प्रकरण 2014 के पूर्व के हैं, कुल 4004 प्रकरण 2024 में दर्ज है, 5188 माइनर क्राईम की धाराओं के हैं। लंबित प्रकरणों-चालान का आंकड़ा भी उच्चांको में है।
*गुंडा माफिया से पत्रकारों के सिर फूटे, पैर टूटे*
पत्रकारों पर भी आतंक का साया बना रहा। गुण्डा माफिया ने गर्ग चौक में एक पत्रकार का सिर फोड़ दिया था। कुछ ही दिन पहले पैकारी माफिया ने एक पत्रकार का पैर तोड़ दिया। पुलिस और अपराधी के गठबंधन के चलते किसी आरोपी के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई। दिखावटी प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की खानापूर्ति कर ली गई। गुंडा माफिया की पिटाई के बाद पत्रकारों को भोज समारोह में संतुष्ट कर दिया गया।
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