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डॉक्टर राधेश शर्मा ने क्षेत्र के लोगों का जीता दिल, उनके कार्यो से मरीजों के खिले चेहरे , 1700 मरीजों का उपचार कर वितरण की निःशुल्क दवाइयां ढीमरखेड़ा के दुर्गा मंदिर प्रांगण में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का किया गया आयोजन

 डॉक्टर राधेश शर्मा ने क्षेत्र के लोगों का जीता दिल, उनके कार्यो से मरीजों के खिले चेहरे , 1700 मरीजों का उपचार कर वितरण की निःशुल्क दवाइयां ढीमरखेड़ा के दुर्गा मंदिर प्रांगण में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का किया गया आयोजन

 



ढीमरखेड़ा | स्वास्थ्य एक मानव जीवन की सबसे बड़ी धरोहर है, और इसी धरोहर की देखभाल और संवर्धन की दिशा में ढीमरखेड़ा में हाल ही में आयोजित निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर ने एक अहम कदम उठाया। दुर्गा मंदिर प्रांगण में आयोजित इस शिविर ने क्षेत्र के 1700 मरीजों को निःशुल्क चिकित्सा सेवाएं प्रदान कीं। इस शिविर में विभिन्न प्रकार के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने मरीजों का इलाज किया और उन्हें आवश्यक दवाइयों का निःशुल्क वितरण किया। यह शिविर न केवल क्षेत्र के लोगों के लिए एक वरदान साबित हुआ, बल्कि यह समाज के प्रति चिकित्सकों और आयोजकों की जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता का भी प्रतीक था।

*स्वास्थ्य शिविर का उद्देश्य और आयोजन*

स्वास्थ्य शिविर का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के गरीब और जरूरतमंद लोगों तक चिकित्सा सेवाएं पहुँचाना था, जिनके पास महंगे अस्पतालों और चिकित्सा सुविधाओं तक पहुँच नहीं होती। इस शिविर का आयोजन क्षेत्रीय चिकित्सक और सामान्य रोग विशेषज्ञ डॉ. राधेश शर्मा द्वारा किया गया, जिन्होंने बताया कि यह एक बड़ा शिविर था जिसमें न केवल सामान्य रोगों का इलाज किया गया, बल्कि गंभीर बीमारियों का भी निदान किया गया। शिविर में शामिल विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. रोहित चतुर्वेदी, हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. रघुवीर पटेल, मेडिसिन रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश केवट और स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. साक्षी मिश्रा शामिल थे। इन सभी चिकित्सकों ने अपने-अपने विशेषज्ञता के अनुसार मरीजों का इलाज किया।

*शिविर में किए गए उपचार*

शिविर में 1700 से अधिक मरीजों का उपचार किया गया। इनमें से कई लोग लंबे समय से गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे, जिन्हें चिकित्सकीय देखरेख की आवश्यकता थी। शिविर में हड्डी रोग, हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, स्त्री रोग, प्रसव संबंधित समस्याओं के इलाज के साथ-साथ सामान्य बीमारियों का भी उपचार किया गया। डॉ. राधेश शर्मा के अनुसार, इस शिविर का उद्देश्य न केवल बीमारी का इलाज करना था, बल्कि लोगों को स्वस्थ रहने के लिए जागरूक करना भी था।

*विशेषज्ञ चिकित्सकों का योगदान*

हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. रोहित चतुर्वेदी ने हड्डियों से संबंधित विभिन्न समस्याओं का इलाज किया। कई वृद्ध मरीजों ने आर्थ्राइटिस और गठिया जैसी समस्याओं के इलाज के लिए शिविर का रुख किया। डॉ. चतुर्वेदी ने इन रोगों का न केवल इलाज किया, बल्कि मरीजों को हड्डी संबंधी स्वास्थ्य टिप्स भी दिए। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. रघुवीर पटेल ने हृदय से संबंधित समस्याओं के मरीजों की जांच की। उन्होंने रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, दिल की धड़कन और हृदय रोग के लक्षणों की पहचान की और सही समय पर उपचार की सलाह दी। मेडिसिन रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश केवट ने सामान्य बीमारियों जैसे बुखार, खांसी, जुकाम, पेट संबंधी समस्याओं का उपचार किया। साथ ही उन्होंने गंभीर बीमारियों की जांच और उपचार की दिशा में लोगों को आवश्यक मार्गदर्शन भी प्रदान किया। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. साक्षी मिश्रा ने महिलाओं की सेहत से संबंधित विभिन्न समस्याओं का इलाज किया। उन्होंने प्रसव संबंधी समस्याओं, महिलाओं में बढ़ती बीमारियों और गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष परामर्श दिया।

*निःशुल्क जांच और दवाइयों का वितरण*

शिविर में न केवल मरीजों का इलाज किया गया, बल्कि उनका ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर भी चेक किया गया। इसके अलावा, मशीनों के माध्यम से ईसीजी (Electrocardiogram) और बीएमडी (Bone Mineral Density) की जांच भी की गई। इन परीक्षणों से मरीजों की वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति का विश्लेषण किया गया, ताकि उन्हें सही उपचार दिया जा सके। इसके साथ ही, मरीजों को निःशुल्क दवाइयाँ भी वितरित की गईं। इस शिविर में मरीजों को दी जाने वाली दवाइयाँ प्रमुख रूप से सामान्य बुखार, दर्द, खांसी, जुकाम, आर्थ्राइटिस, हृदय रोग और अन्य सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए थीं।

*स्वास्थ्य शिविर का सामूहिक प्रभाव*

स्वास्थ्य शिविर का यह आयोजन न केवल शारीरिक उपचार के रूप में था, बल्कि यह एक सामाजिक कार्य भी था, जिसमें सभी वर्गों के लोगों को बिना किसी भेदभाव के इलाज की सुविधा प्रदान की गई। यह कार्यक्रम क्षेत्र के लिए एक दिशा दिखाने वाला था, क्योंकि इसमें चिकित्सकों के अलावा समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों का सहयोग भी था। इस शिविर में सैकड़ों ग्रामीणों ने भाग लिया, जिनमें से कई लोग ऐसे थे जो पहले कभी चिकित्सा सहायता प्राप्त करने में सक्षम नहीं थे। यह शिविर उनके लिए जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।

*डॉक्टर राधेश शर्मा ने ढीमरखेड़ा में कार्य किया कुछ अलग*

यह शिविर आयोजकों की सामाजिक जिम्मेदारी को भी उजागर करता है। समाज के प्रति चिकित्सकों और अन्य सेवा करने वालों का यह दायित्व है कि वे अपने ज्ञान और अनुभव का उपयोग समाज की भलाई के लिए करें। डॉ. राधेश शर्मा ने बताया कि उनका यह प्रयास सिर्फ एक शुरुआत है और वे भविष्य में ऐसे शिविरों का आयोजन करने की योजना बना रहे हैं ताकि अधिक से अधिक लोगों तक यह सेवाएं पहुंचाई जा सकें। इस आयोजन ने यह भी सिद्ध कर दिया कि अगर समाज में मिलजुल कर काम किया जाए तो बड़ी से बड़ी चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है। स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच को सभी वर्गों तक पहुंचाना एक समाज की जिम्मेदारी है, और ऐसे शिविरों के माध्यम से यह कार्य संभव हो पा रहा है। ढीमरखेड़ा में आयोजित यह निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर न केवल एक चिकित्सा सहायता का स्रोत था, बल्कि यह समाज में स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम था। 1700 मरीजों का इलाज और उन्हें दवाइयाँ वितरित करना यह साबित करता है कि जब स्वास्थ्य सेवाएँ जनता के पास होती हैं तो लोग अपनी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान आसानी से पा सकते हैं। यह शिविर न केवल क्षेत्रीय चिकित्सकों की जिम्मेदारी का प्रतीक था, बल्कि समाज के प्रति उनकी संवेदनशीलता और समर्पण को भी दर्शाता है। ऐसे शिविरों के आयोजन से यह उम्मीद की जा सकती है कि भविष्य में समाज के प्रत्येक वर्ग को स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर तरीके से मिल सकेंगी।

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