सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

शाम के समय दुल्हन की तरह सजी मिलती हैं दारू दुकान, खमतरा शराब दुकान की आड़ में गांव - गांव चल रही पैकारी , महंगवा, दैंगवां , कटरिया, पहरूआ, खमरिया, बिचुआ , भमका, जिर्री , सर्रा, सिंघनपुरी, आमाझाल, कुदरा में धड़ल्ले से विक्रय हो रही शराब, शराब माफियाओं के आगे प्रशासन पस्त, अवैध कारोबार जोरों पर, बच्चों को भी आसानी से मिल रही शराब, नहीं हो रही कार्यवाही

शाम के समय दुल्हन की तरह सजी मिलती हैं दारू दुकान, खमतरा शराब दुकान की आड़ में गांव - गांव चल रही पैकारी , महंगवा, दैंगवां , कटरिया, पहरूआ, खमरिया, बिचुआ , भमका, जिर्री , सर्रा, सिंघनपुरी, आमाझाल, कुदरा में धड़ल्ले से विक्रय हो रही शराब, शराब माफियाओं के आगे प्रशासन पस्त, अवैध कारोबार जोरों पर, बच्चों को भी आसानी से मिल रही शराब, नहीं हो रही कार्यवाही



दैनिक ताजा ख़बर, ढीमरखेड़ा। लायसेंसी खमतरा कंपोजिट शराब दुकान की आड़ में लायसेंसी सन्नी शिवहरे के द्वारा महंगवा,दैंगवां , कटरिया, पहरूआ, खमरिया, बिचुआ , भमका, जिर्री , सर्रा, सिंघनपुरी सहित अन्य गांवों में खुलेआम अवैध पैकारी के माध्यम से शराब का विक्रय करवाया जा रहा है। ठेकेदार के द्वारा खमतरा दुकान की आड़ में अवैध कारोबार जमकर किया जा रहा है। क्षेत्र में नशा कारोबारियों के इरादे इस कदर बुलंद है कि समूचे खमतरा क्षेत्र में खुलेआम अवैध रूप से शराब बेची जा रही है। अवैध शराब बिक्री का यह मामला आये दिन सुनने को मिल रहा है जिससे शराब माफिया धीरे-धीरे पूरे क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करता नजर आ रहा है। लेकिन तथाकथित समाज एवं लाइन आर्डर के रक्षक कहे जाने वाले महकमा गैर कानूनी कार्यों पर लगाम लगाने के बजाय खुलकर माफियाओं के समर्थन करता नजर आता है। खमतरा सहित समूचे क्षेत्र में युवा वर्ग तेजी से नशे की गिरफ्त में आ रहा है। जिसका मुख्य कारण अवैध रूप से शराब का सरलता से उपलब्ध होना है। शराब के आसानी से उपलब्ध होने के कारण स्कूलों में पढ़ने वाले युवा छात्र भी इसका शिकार होते जा रहे हैं। बच्चो के लिए पूरी तरह से प्रतिबंध होने के बावजूद भी अवैध शराब किसी भी उम्र के व्यक्ति को आसानी से किसी भी समय मिल जाती है। जानकारों की मानें तो अवयस्कों से शराब मंगाना या उन्हें शराब बेचना अपराध की श्रेणी में आता है बावजूद इसके शराब माफियाओं को इस बात का कोई डर नहीं है इन्हें सिर्फ पैसे कमाने से मतलब रहता है।

 *आबकारी विभाग की भूमिका पर खड़े हो रहे सवाल*  

गौरतलब है कि सम्पूर्ण क्षेत्र में शराब माफियाओं एवं आबकारी विभाग की जुगलबंदी की चर्चा हर जुबान पर है। आपको बता दें कि खमतरा क्षेत्र के सैकड़ा भर गांवों में अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है जिसकी जानकारी स्थानीय पुलिस एवं आबकारी विभाग को भी है बाबजूद कार्रवाई नहीं हो रही। जिससे प्रतिदिन लड़ाई झगड़े होते हैं। अवैध शराब बिक्री की जानकारी होने के बाद भी पुलिस प्रशासन कोई ठोस कार्यवाही नहीं करती। जिससे अवैध शराब विक्रेताओं के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। गावों में सरेआम शराब की बिक्री घरों एवं अंडों के ठेले से हो रही है। ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में यह नशे का कारोबार जमकर करवाया जा रहा है जिसका सीधा असर ग्रामीणों के जीवनशैली पर पड़ रहा है। अवैध शराब बिक्री रोकने के लिए बनाया गया आबकारी अमला कभी भी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाता, महज औपचारिकता निभाने के लिए कभी कभार थोड़ी बहुत शराब जप्त कर रस्म अदायगी कर वाहवाही लूटी जाती है। जबकि उक्त विभाग का काम सिर्फ अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाना है। लेकिन जिम्मेदारों द्वारा की जा रही अनदेखी की कीमत क्षेत्र के लोग चुकाने को मजबूर हैं। क्षेत्र के जागरूक नागरिकों ने आबकारी विभाग के अधिकारियों से क्षेत्र में संचालित अवैध शराब के कारोबार को तत्काल बंद कराने की मांग की है।

टिप्पणियाँ

popular post

पोड़ी कला बी निवासी अजय पटैल का निधन, रोने वालों ने उठा रक्खा था घर सर पर मगर, उम्र भर का जागने वाला पड़ा सोता रहा

 पोड़ी कला बी निवासी अजय पटैल का निधन, रोने वालों ने उठा रक्खा था घर सर पर मगर, उम्र भर का जागने वाला पड़ा सोता रहा ढीमरखेड़ा  |  पोड़ी कला बी ग्राम के प्रतिष्ठित एवं लोकप्रिय शिक्षक अजय पटैल का असामयिक निधन हो गया। उनके निधन से समूचे क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त हो गई है। अजय पटैल अपने पीछे पुत्र योगेश पटैल तथा पुत्रियाँ अनुराधा पटैल, पूजा पटैल और आस्था पटैल को शोकाकुल छोड़ गए हैं। परिवार के साथ ही पूरा समाज उनकी इस अनुपम क्षति से व्यथित है। शिक्षण क्षेत्र में अजय पटैल का योगदान अमूल्य माना जाता है। गणित जैसे कठिन विषय को वे इतनी सरलता और सहजता से समझाते थे कि छात्र न केवल विषय में दक्ष होते, बल्कि पढ़ाई के प्रति उनमें रुचि भी जागृत होती। उनके पढ़ाने का अंदाज़ विद्यार्थियों के दिल को छू लेने वाला था। दैनिक ताज़ा खबर के संपादक राहुल पाण्डेय ने गहरे दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि जब मैं स्वयं पढ़ाई करता था, तब अजय पटैल जी से गणित पढ़ना मेरे लिए सौभाग्य था। उनकी शिक्षा देने की कला अद्वितीय थी। आज यह समाचार लिखते समय मेरी आँखें बार-बार भर आ रही हैं और आँसू रुकने का नाम नहीं ले...

थाना उमरियापान पुलिस ने हत्या के प्रयास के आरोपियों को किया गिरफ्तार, भेजा जेल

 थाना उमरियापान पुलिस ने हत्या के प्रयास के आरोपियों को किया गिरफ्तार, भेजा जेल   कटनी |  थाना उमरियापान पुलिस ने हत्या के प्रयास के मामले में फरार चल रहे आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने में सफलता प्राप्त की है, लिहाजा दिनांक 18 अगस्त 2025 को प्रार्थी बेडीलाल चौधरी निवासी पकरिया थाना उमरियापान ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि गांव के ही सूरज चौधरी, सुरेन्द्र चौधरी एवं सोनाबाई चौधरी ने उसे गंदी-गंदी गालियां दीं और जान से मारने की नीयत से मारपीट कर गंभीर चोटें पहुंचाईं। प्रार्थी की रिपोर्ट पर थाना उमरियापान में अपराध क्रमांक 293/25 धारा 296, 109(1), 3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक कटनी श्री अभिनय विश्वकर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री संतोष डेहरिया तथा अनुविभागीय अधिकारी पुलिस स्लीमनाबाद श्रीमती आकांक्षा चतुर्वेदी के निर्देशन में आरोपियों की तलाश शुरू की गई। इस दौरान लगातार प्रयासों के बाद थाना उमरियापान पुलिस ने फरार चल रहे आरोपी सूरज चौधरी पिता शिवकुमार चौधरी उम्र 35 वर्ष एवं सुरेन्द्र चौधरी पिता शिवकुमार चौध...

कटनी में पदस्थ बीईओ ऑफिस में फैज़ अहमद संविदा लिपिक की नियुक्ति नियमों को ताक पर रखकर हुआ खेल, जांच हुई तो खुलेंगे बड़े राज

 कटनी में पदस्थ बीईओ ऑफिस में फैज़ अहमद संविदा लिपिक की नियुक्ति नियमों को ताक पर रखकर हुआ खेल, जांच हुई तो खुलेंगे बड़े राज कटनी  |  मध्यप्रदेश में शिक्षा विभाग हमेशा चर्चा में रहा है। एक ओर जहां सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने, पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार खत्म करने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर विभागीय कार्यालयों से आए दिन ऐसे समाचार सामने आते हैं जो पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर देते हैं।खासकर संविदा नियुक्तियाँ, जिन्हें बेरोजगार युवाओं के लिए अवसर माना जाता है, वे ही भ्रष्टाचार और मनमानी का अड्डा बन गई हैं। कटनी जिले के बीईओ ऑफिस में पदस्थ संविदा लिपिक फैज़ अहमद की नियुक्ति का मामला भी इसी तरह का है। आरोप है कि उनकी नियुक्ति नियमों और प्रक्रिया को ताक पर रखकर की गई। अगर इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो, तो कई ऐसे राज सामने आ सकते हैं जो यह साबित करेंगे कि संविदा नियुक्तियाँ पारदर्शी नहीं बल्कि “संपर्क और सिफारिश तंत्र” पर आधारित होती जा रही हैं। *बीईओ ऑफिस और उसकी भूमिका* बीईओ ऑफिस किसी भी ब्लॉक की शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी होता है। यहाँ से प्राथमिक और माध...