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लाड़ली बहना ने सभी पार्टियों को झटका नहीं बल्कि दे दिया पटका, सारे अनुमान गलत साबित हुएं कटनी जिले की चारों विधानसभा में भाजपा की ऐतिहासिक जीत परिणामों में इस बार “लाडली बहना सरकार”,

 लाड़ली बहना ने सभी पार्टियों को झटका नहीं बल्कि दे दिया पटका, सारे अनुमान गलत साबित हुएं 

कटनी जिले की चारों विधानसभा में भाजपा की ऐतिहासिक जीत

परिणामों में इस बार “लाडली बहना सरकार”, 



ढीमरखेड़ा | जिले की राजनीति में नए अध्याय की भी शुरुआत हो गई। कटनी जिले की चारों विधानसभा में भाजपा ने जोरदार जीत दर्ज कर तमाम कांटे की टक्कर की खबरों चर्चाओं को खारिज कर दिया। जिले की चारों सीटों पर भाजपा ने करीब करीब 25 हजार वोटों से जीत दर्ज की। बड़वारा ने तो ऐतिहासिक विजय श्री 51 हजार मतों से हासिल कर सभी को चोंका दिया। अब यह कहना अतिश्योक्ति नहीं कि यह कहा जा सकता है कि इस बार लाड़ली बहना सरकार। दरअसल जिले में महिलाओं के वोटिंग प्रतिशत को लोगों ने लाडली बहना से जोड़कर देखा परिणाम जैसे आये तो यह तय हो गया कि महिलाओं ने भाजपा की इस जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विजयराघवगढ़ से संजय सत्येंद्र पाठक ने कांग्रेस के निकटतम प्रतिद्वंद्वी नीरज बघेल को पराजित किया तो वहीं मुड़वारा सीट पर संदीप जायसवाल ने कांग्रेस के मिथलेश जैन को बड़े अंतर से हराया। इसी तरह बहोरीबंद में प्रणय प्रभात पांडेय ने त्रिकोणीय माने जा रहे मुकाबले में एकतरफा जीत हासिल करते हुए कांग्रेस के सौरभ सिंह तथा सपा के शंकर महतो को पराजित किया। वहीं जिले की सुरक्षित सीट बड़वारा में तो गजब ही हो गया यहाँ भाजपा ने धीरेन्द्र सिंह पर दांव लगाया था जिनका मुकाबला उनके परिवार के भाई,कांग्रेस के पूर्व विधायक बसंत सिंह से था धीरू ने 51 हज़ार वोटों के साथ इस विधानसभा में जीत का नया कीर्तिमान बनाया।

*कांटे की टक्कर नहीं दिखी*

परिणामों पर गौर करें तो जिले में किसी भी सीट पर कांटे की टक्कर नजर नहीं आई क्योंकि चारों ही स्थानों पर भाजपा प्रत्याशी 25 हजार के बड़े मार्जिन से जीते पहले ही राउंड से चारों विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी जो आगे हुए तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा गिनती तभी रुकी जब जीत का प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ। दरअसल इस बार वोटर साइलेंट था लिहाजा लोगों को कांटे की टक्कर ही दिख रही थी पर ऐसा था नहीं यह प्रो इनकम्बेंसी ही कहा जाए तो उचित होगा क्योंकि 18 साल की भाजपा सरकार पर लोगों ने फिर से विश्वास जताया।

*कांग्रेस को बड़ा नुकसान*

चुनाव में कांग्रेस को हर तरफ से नुकसान उठाना पड़ा इस बार उसकी जिले की एकमात्र बड़वारा सीट भी हाथ से छिटक गई। सूत्रों की मानें तो भाजपा ने जहां अंतिम दिनों में अपने चुनाव प्रबंधन की जमावट की तो वहीं कांग्रेस चुनाव का अंत आते आते बिखर गई नतीजा कांग्रेस के पास अब जिले में खोने और पाने के लिए कुछ नहीं बचा। खास बात यह है कि कांग्रेस ने बड़वारा, मुड़वारा और बहोरीबंद में दावेदार होने के बावजूद चेहरा नहीं बदला। कमोबेश भाजपा ने भी टिकट रिपीट की लेकिन भाजपा की यह बाजी काम कर गई क्योंकि कहीं न कहीं भाजपा कार्यकर्ता सक्रिय और सजग हो गया वहीं कांग्रेस कार्यकर्ता चुनाव से गायब से हो गए।

*मतगणना स्थल पर गहमा गहमी*

सुबह 8 बजे से काउंटिंग शुरू होनी थी लिहाजा भाजपा और कांग्रेस दोनो ही दलों ने अपने कार्यकर्ताओं के लिए आसपास की होटलों में व्यवस्था कर रखी थी। दोनो ही प्रमुख दलों के अलावा अन्य दलों के मतगणना एजेंट सुबह 6 बजे ही मतगणना स्थल पर पहुंच गए थे। सभी की उपस्थिति में सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती शुरू हुई। इसके बाद अलग अलग चक्रों में ईवीएम से गिनती शुरू हुई इस दौरान मतगणना स्थल पर किसी अप्रिय स्थिति की खबर नहीं मिली।

*पहले चक्र से ही भाजपा प्रत्याशियों की बढ़त*

मतगणना के पहले चक्र से ही चारों भाजपा प्रत्याशियों ने बढ़त बना रखी थी फिर भी अन्य प्रतिद्वंद्वी करीब 10 राउंड तक डटे रहे इस उम्मीद में शायद कोई चमत्कार हो जाये लेकिन ऐसा हो नहीं सका और हर राउंड में भाजपा प्रत्याशियों की बढ़त बढ़ती ही गई फिर यहां मौजूद अन्य दलों के एजेंट मायूस होकर जाने लगे। इस दौरान कांग्रेस या अन्य दलों के प्रत्याशी भी यहां नहीं पहुंचे हां भाजपा के लोगों का जमावड़ा बढ़ता गया ।

*प्रधान संपादक राहुल पाण्डेय की कलम*

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