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कांग्रेस नेता विजयराघवेंद्र बसंत सिंह के द्वारा विधायक रहते हुए जमकर भ्रष्टाचार का हुआ खेल, क्षेत्र से रहते थे नदारद, चुनाव के नजदीक आते ही क्षेत्र में नजर आने लगे

 कांग्रेस नेता विजयराघवेंद्र बसंत सिंह के द्वारा विधायक रहते हुए जमकर भ्रष्टाचार का हुआ खेल, क्षेत्र से रहते थे नदारद, चुनाव के नजदीक आते ही क्षेत्र में नजर आने लगे 



ढीमरखेड़ा | राजनीति के चाणक्य अब चांदी कूट रहे हैं,है जो सब जगह फेल वही राजनीति में लूट रहे हैं, शीर्षक पढ़कर दंग मत होना यह कहानी है बड़वारा विधायक कांग्रेस नेता विजयराघवेंद्र बसंत सिंह की। जिन्होंने अपने कार्यकाल में जमकर चांदी काटी और तो और इनके प्रतिनिधि तक दलाली में लिप्त हो गए थे अब सोचा जा सकता है कि जब इनके प्रतिनिधि इनके नाम से क्षेत्र में चांदी काट रहे हैं तो साहब के क्या हाल रहे होगे इसी से अंदाजा लगाया जा सकता हैं। जब ये जनता से वोट मांगने जाएं तो जनता को पूछना चाहिए कि साहब अभी तक आप कहां थे। बिजली समस्या को लेकर केवल प्रदर्शन किए गए लेकिन सुधार कार्य नहीं हों पाया। केवल क्षेत्र में जनता परेशान होते ही दिखी। वही आम जनमानस के द्वारा एक ही बात सुनाई देती थीं कि विजयराघवेंद्र बसंत सिंह के विधायक बनते ही विकास होगा लेकिन विकास आज तक नहीं हुआ विकास के नाम पर केवल जनता को निराशा हाथ लगी।

*नेतागिरी में आ जाओ अमीर बन जाओगे*

यह कथन बिल्कुल सत्य साबित होता दिख रहा है क्यूंकि जब व्यक्ति के पास कुछ संसाधन नही रहते तब जनता की सेवा का ढोल बजाते हुए आते हैं कि हम जनता की सेवा करेंगे पर जनता की सेवा तो नहीं करते वरन विधायक बनकर अपनी जेब भरते हैं जैसे कि बड़वारा विधायक कांग्रेस नेता विजयराघवेंद्र बसंत सिंह ने भरी हैं। आज तक अनेकों ग्रामों में जहां कांग्रेस का बहुमत ज्यादा आया था वहां एक ईट तक विधायक के फंड से नहीं लगी, बल्कि इसके विपरीत अपने निजी कार्यों में फंड का दुरुपयोग किया गया है। सूत्रों के द्वारा बताया गया कि अवैध कार्यों में विधायक का कुछ हिस्सा भी रहता था जिस कार्य को विधायक खुद ना करके बल्कि अपने प्रतिनिधियो से करवाते थे ताकि विधायक का नाम ना खराब हों लेकिन साहब को शायद यह नहीं पता कि अवैध कार्यों की भनक सबको लग जाती हैं। जिस कार्य की अपेक्षा जनता को नहीं थी वह सब कार्य विधायक के द्वारा किए गए।

*फोन तक उठाने का समय नहीं, जनता रहती हैं परेशान*

साहब अब बड़े पद में पदस्थ हों गए हैं फोन कैसे उठाएंगे, फोन उठाने के लिए एक आदमी अलग से रख लेंगे यह कोई अतिशयोक्ति नहीं बल्कि यह बात बड़वारा विधायक कांग्रेस नेता विजयराघवेंद्र बसंत सिंह के साथ सत्य साबित हुई है। जब कांग्रेस नेता विजयराघवेंद्र बसंत सिंह विधायक नहीं थे तब फोन खुद के पास रखते थे और एक ही बार में बात हों जाती थी पर जबसे विजयराघवेंद्र बसंत सिंह विधायक के पद में पदस्थ हुए हैं तबसे बात करने के लिए अनेकों जतन करने पड़ते हैं। वही आम जनता तो विधायक से बात करने के लिए तरस गई है। आम जनता के द्वारा यहीं कहां जाता हैं कि हमारे ऊपर बहुत बड़ी - बड़ी विपत्तियां आई हम सोचते थे कि जिसको हमने अपना जनमत दिया है उसको अपना दुःख दर्द बता दे लेकिन जब भी बात किया जाता था तो केवल एक ही जवाब मिलता था कि अभी विधायक मीटिंग में हैं थोड़ी देर से बात हों पाएगी शायद वह मीटिंग कभी खत्म ही नही हुई और बात नहीं हों पाई केवल बात के नाम पर निराशा हाथ लगी।

*यात्री - प्रतिक्षालय में जमकर हुआ भ्रष्टाचार का खेल*

यात्री - प्रतिक्षालय में जमकर साहब ने नोट बटोरे खस्ताहाल में यात्री - प्रतिक्षालय का निर्माण करके क्षेत्र में जमकर सुर्खियां बटोरी, कई जगहों पर तो बोर्ड और यात्री - प्रतिक्षालय क्षतिग्रस्त हो गए हैं। चंद - दिनों के अंदर यात्री - प्रतिक्षालय का क्षतिग्रस्त हों जाना साफ - तौर पर यह बताता है कि इसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ है वरना चंद - दिनों के अंदर यात्री - प्रतिक्षालय खराब ना होता। जहां विधायक को भ्रष्टाचार में रोक लगाना चाहिए वही विधायक के द्वारा खुद भ्रष्टाचार किया जाता हैं। साहब नोटों की काली कमाई से अपने घर तो भरे जा सकते हैं पर जनता का दिल नहीं जीता जा सकता क्यूंकि जनता का दिल तो जनता के कदम से कदम मिलाकर चलने में जीता जा सकता हैं दिखावटी साथ में रहने में नहीं। दिखावा और जनता से छल कपट जो किया गया है उसका परिणाम बहुत जल्द जनता दिखा देगी क्यूंकि जनता जागरूक हैं। जनता को सब पता हैं कि क्या सही हैं क्या गलत है।

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