जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा की कई ग्राम पंचायतों में सोलर लाइट घोटाले पर बड़ी कार्रवाई, सचिवों को तीन दिवस में राशि जमा करने के आदेश, राशि नहीं लौटाने पर होगी जेल
जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा की कई ग्राम पंचायतों में सोलर लाइट घोटाले पर बड़ी कार्रवाई, सचिवों को तीन दिवस में राशि जमा करने के आदेश, राशि नहीं लौटाने पर होगी जेल
कटनी | जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा क्षेत्र की अनेको ग्राम पंचायतों में सोलर लाइट की स्थापना एवं भुगतान प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। जिला पंचायत से प्राप्त सूची के अनुसार कई पंचायतों में सोलर लाइट मद से प्राप्त राशि का दुरुपयोग, अनियमित भुगतान एवं अपूर्ण कार्य के बावजूद राशि का आहरण पाए जाने पर जिला प्रशासन ने कठोर कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। संबंधित पंचायत सचिवों को आदेशित किया गया है कि वे बिना किसी विलंब के तीन दिवस के भीतर पूरी वसूली राशि जमा करें, अन्यथा उनके विरुद्ध वित्तीय शक्तियाँ समाप्त करते हुए आगे जेल की कार्यवाही की जाएगी।
*जिला स्तरीय जांच में उजागर हुई अनियमितताएँ*
जिला पंचायत की जांच रिपोर्ट में पाया गया कि कई ग्राम पंचायतों में सोलर लाइट खरीदी के नाम पर भारी राशि का भुगतान किया गया, जबकि वास्तविक कार्य अधूरा या नगण्य पाया गया। कई पंचायतों में तो लाइटें लगाई ही नहीं गईं, फिर भी राशि खर्च दिखा दी गई। इसी आधार पर जिला पंचायत ने संबंधित सचिवों एवं तत्कालीन सरपंचों को नोटिस जारी किया है, जिनमें बड़ी-बड़ी राशि की वसूली की जा रही है। जिला पंचायत से प्राप्त सूची के अनुसार ग्राम पंचायतों में अनियमितताओं के कारण वसूली की राशि निर्धारित की गई है ग्राम पंचायत बिचुआ ₹1,32,000 तत्कालीन सरपंच रोशनी बाई, सचिव भारत सिंह, ग्राम पंचायत अतरिया ₹99,000 तत्कालीन सरपंच सुशील सिंह, सचिव सोने सिंह, ग्राम पंचायत पोड़ी कला बी ₹3,30,000 तत्कालीन सरपंच लक्ष्मण कोल, सचिव रमेश पटेल, ग्राम पंचायत मंगेली ₹3,68,000 तत्कालीन सरपंच सुनीता पटेल, सचिव गोपाल सिंह, ग्राम पंचायत पिपरिया सहलावन ₹1,65,000 तत्कालीन सरपंच ममता यादव, सचिव शैलेन्द्र परौहा, ग्राम पंचायत पहरूआ ₹1,98,000
तत्कालीन सरपंच ज्ञान बाई, सचिव शारदा राठौर, ग्राम पंचायत मुरवारी ₹3,30,000
तत्कालीन सरपंच सविता, सचिव उमेश पाण्डेय, ग्राम पंचायत ढीमरखेड़ा ₹2,31,000 तत्कालीन सरपंच राजकुमारी, सचिव राजेश पटेल ग्राम पंचायत बम्हनी ₹3,82,000 तत्कालीन सरपंच राजाराम काछी, सचिव सुरेश काछी ग्राम पंचायत महगवां दैगवां ₹2,10,000 तत्कालीन सरपंच जयंती बाई, सचिव रामचंद्र यादव ग्राम पंचायत सिलौड़ी ₹1,65,000 तत्कालीन सरपंच भारती रॉय, सचिव मथुरा तिवारी ग्राम पंचायत कोठी ₹1,40,000 तत्कालीन सरपंच कोया बाई ठाकुर, सचिव काशी राम मरावी ग्राम पंचायत बरेली रामपुर ₹1,32,000 तत्कालीन सरपंच चम्पा बाई सोनी, सचिव सुशील बर्मन ग्राम पंचायत सगौना ₹1,75,000 तत्कालीन सरपंच दीया ठाकुर, सचिव मनीषा महोबिया ग्राम पंचायत लालपुर ₹1,98,000 ग्राम पंचायत पिपरिया शुक्ल ₹1,65,000 तत्कालीन सरपंच फागू लाल पटेल, सचिव जितेंद्र पटेल ग्राम पंचायत खाम्हा ₹33,000 तत्कालीन सरपंच लीला बाई, सचिव महेन्द्र सिंह ठाकुर ग्राम पंचायत घुघरा, ₹99,000, ग्राम पंचायत पचपेढ़ी ₹1,65,000, ग्राम पंचायत इमलिया ₹66,000, ग्राम पंचायत पोड़ी खुर्द ₹2,10,000 इन सभी पंचायतों के सचिवों को निर्देशित किया गया है कि वे निर्धारित समय सीमा में राशि जमा कर कार्रवाई से बचें। कुल मिलाकर लाखों रुपये की राशि की वसूली निर्धारित की गई है, जो जनपद पंचायत इतिहास में एक बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
*3 दिन में राशि जमा करें, नहीं तो वित्तीय शक्तियाँ होंगी समाप्त*
जिला पंचायत की ओर से जारी नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि सचिव अपने-अपने सरपंचों सहित कुल वसूली राशि 3 दिवस के भीतर जमा करें। समय सीमा बढ़ाने या कोई बहाना स्वीकार नहीं किया जाएगा। राशि जमा नहीं करने पर संबंधित सचिवों की वित्तीय शक्तियाँ तत्काल समाप्त कर दी जाएंगी। इसके पश्चात उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर जेल भेजने तक की कार्रवाई की जाएगी।प्रशासन का कहना है कि पंचायत निधि के दुरुपयोग पर किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। सार्वजनिक धन की एक-एक पाई का हिसाब देना आवश्यक है।
*ग्रामीणों में आक्रोश, प्रशासन की सख्ती का स्वागत*
कई पंचायतों में सोलर लाइटें न लगने से ग्रामीणों में पहले ही नाराजगी थी। अब जब अनियमितताओं का खुलासा हुआ है, तो ग्रामीणों ने जिला प्रशासन की कार्रवाई का स्वागत किया है। उनका कहना है कि पंचायत फंड जनता की सुविधा के लिए होता है यदि सोलर लाइटें लग जातीं तो गाँवों में रोशनी और सुरक्षा दोनों में सुधार होता भ्रष्टाचार के कारण यह लाभ जनता तक नहीं पहुँचा ग्रामीणों ने मांग की है कि दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही कर राशि की वसूली सुनिश्चित की जाए ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि पंचायत निधि का दुरुपयोग न करे।
*प्रशासन ने दिए संकेत आगे और भी पंचायतें आ सकती हैं जांच के दायरे में*
सूत्रों के अनुसार यह जांच केवल प्रारंभिक चरण है। कई अन्य पंचायतों में भी सोलर लाइट, पानी की टंकी, सड़क निर्माण और अन्य विकास कार्यों को लेकर शिकायतें प्राप्त हुई हैं। प्रशासन इसका दायरा बढ़ा सकता है। यदि कार्यों का सत्यापन किया गया और अनियमितताएँ पाई गईं, तो आगे भी कई सचिव व सरपंचों के विरुद्ध ऐसी ही वसूली और कानूनी कार्रवाई संभव है। जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा की अनेको ग्राम पंचायतों में सोलर लाइट परियोजना के नाम पर हुई अनियमितताएँ अब बड़े घोटाले का रूप लेती दिख रही हैं। जिला पंचायत द्वारा तीन दिनों में राशि जमा कराने का निर्देश प्रशासन की गंभीरता को दर्शाता है। यदि राशि जमा नहीं होती है, तो सचिवों और सरपंचों को जेल की कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है। यह कार्रवाई न केवल भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि अन्य पंचायतों के लिए भी एक सख्त संदेश है कि सार्वजनिक धन के दुरुपयोग पर समझौता नहीं किया जाएगा ।

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