सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

राशि स्वीकृति के दो वर्ष बाद भी सड़क निर्माण अधर में, बरसात गुजरने के बाद भी शुरू नहीं हुआ कार्य, मुरवारी – पोड़ी मार्ग की बदहाल स्थिति से ग्रामीणों की बढ़ी मुश्किलें, छात्रों व किसानों को सबसे अधिक परेशानी

 राशि स्वीकृति के दो वर्ष बाद भी सड़क निर्माण अधर में, बरसात गुजरने के बाद भी शुरू नहीं हुआ कार्य, मुरवारी – पोड़ी मार्ग की बदहाल स्थिति से ग्रामीणों की बढ़ी मुश्किलें, छात्रों व किसानों को सबसे अधिक परेशानी



ढीमरखेड़ा  |  कटनी जिले के ढीमरखेड़ा क्षेत्र में विकास कार्यों की सुस्ती एक बार फिर सवालों के घेरे में है। मुरवारी से पोड़ी मार्ग के निर्माण के लिए दो वर्ष पहले राशि स्वीकृत हो चुकी है, लेकिन आज तक सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। हालात यह हैं कि बरसात का पूरा मौसम बीत जाने के बाद भी न तो ठेकेदार ने काम शुरू किया और न ही विभागीय स्तर पर कोई ठोस कदम दिखा।परिणामस्वरूप ग्रामीणों की परेशानी जस की तस बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि यह सड़क उनके लिए जीवनरेखा की तरह है, लेकिन इसकी उपेक्षा के कारण उन्हें प्रतिदिन जर्जर रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है। गड्ढों, कीचड़ और धूल भरे इस मार्ग पर पैदल चलना भी कठिन हो गया है, जबकि बाइक वाहनों का सफर किसी जोखिम से कम नहीं है।

*दो वर्ष पहले स्वीकृत हुई थी राशि, फिर भी निर्माण नहीं हुआ शुरू*

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुरवारी – पोड़ी मार्ग के लिए लगभग 32 लाख 49 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी। लोक निर्माण विभाग द्वारा इस सड़क का निर्माण कार्य 2023 में शुरू होना था। लेकिन कागजों से आगे बढ़कर यह योजना धरातल पर आज तक नहीं उतर सकी। ग्रामीणों के अनुसार कई बार विभागीय अधिकारियों से निर्माण कार्य शुरू करने की मांग की गई, पर कभी सामग्री उपलब्ध न होने का बहाना बताया गया और कार्य चालू भी किया गया तो नियमों को ताक पर रखकर निर्माण कार्य चालू कराया गया जिसमें जांच प्रक्रिया चालू की गई और जांच में ठेकेदार के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए सिद्ध हुए उसके बाद से कार्य बंद पड़ा हुआ हैं कार्य को चालू नहीं किया गया हैं।

*बरसात बीत गई, फिर भी शुरू नहीं हुआ काम*

सड़क निर्माण का सबसे उपयुक्त समय बरसात के बाद का माना जाता है। लेकिन इस बार भी बरसात बीतने के बाद कोई गतिविधि नहीं दिखी। न तो सड़क की लेवलिंग की गई, न ही मुरुम डाला गया, और न ही निर्माण स्थल पर किसी मशीनरी की मौजूदगी दिखी। राशि समय पर स्वीकृत कर दी गई थी, लेकिन निर्माण एजेंसी ने काम को गंभीरता से नहीं लिया।विभाग भी इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।

*कालेज के विद्यार्थियों की बढ़ी परेशानी*

सड़क निर्माण न होने से सबसे ज्यादा परेशानी कालेज जाने वाले विद्यार्थियों को हो रही है।मुरवारी और आसपास के गांवों से छात्र रोजाना इस रास्ते का उपयोग करते हैं, लेकिन सड़क की खराब हालत उनके लिए बड़ा अवरोध बन गई है। बारिश में रास्ता फिसलन भरा होने के कारण कई बार गिरने की घटनाएं भी हो चुकी हैं। उम्मीद थी कि इस साल सड़क बन जाएगी, लेकिन हालात पहले से और खराब हो गए हैं। कई छात्र-छात्राओं ने बताया कि बरसात में रास्ता पूरी तरह से खराब हो जाता है। कई बार साइकिल और बाइक लेकर आना भी मुश्किल हो जाता है। इससे कॉलेज की पढ़ाई पर सीधा असर पड़ रहा है।

*किसानों के लिए भी बढ़ी समस्या*

यह मार्ग किसानों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी रास्ते से वे अपनी फसलें घर तक ले जाते हैं। लेकिन सड़क निर्माण न होने से किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।किसानों ने माना कि यदि सड़क समय पर बन जाती तो उन्हें काफी राहत मिलती। मार्ग की खराब स्थिति के कारण दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है। बारिश के मौसम में जहां गड्ढे पानी से भर जाते हैं, वहीं सूखे मौसम में धूल उड़ने से सामने से आने वाला वाहन साफ दिखाई नहीं देता।

*ग्रामीणों की मांग जल्द शुरू हो निर्माण*

सभी ग्रामीणों की एक ही मांग है कि सड़क का निर्माण जल्द से जल्द शुरू किया जाए ताकि छात्रों, किसानों को राहत मिले।लोगों का कहना है कि विभाग और ठेकेदार की निष्क्रियता से गांवों का विकास प्रभावित हो रहा है। सड़क निर्माण में हो रही देरी विकास कार्यों की लापरवाही को उजागर करती है। राशि स्वीकृत होने के बावजूद दो वर्षों तक कार्य न शुरू होना कई सवाल खड़े करता है। बरसात का मौसम बीत चुका है, लेकिन हालात में कोई सुधार नहीं दिखा। ऐसे में ग्रामीणों की परेशानी बढ़ना स्वाभाविक है।प्रशासन और विभाग को चाहिए कि जल्द कार्रवाई कर सड़क निर्माण कार्य शुरू कराया जाए, ताकि ग्रामीणों को वर्षों से चली आ रही समस्याओं से छुटकारा मिल सके।

टिप्पणियाँ

popular post

रोटावेटर की चपेट में आया मासूम, ढीमरखेड़ा में दर्दनाक हादसा, ट्रैक्टर चालक गिरफ्तार, वाहन जब्त

 रोटावेटर की चपेट में आया मासूम, ढीमरखेड़ा में दर्दनाक हादसा, ट्रैक्टर चालक गिरफ्तार, वाहन जब्त कटनी  |  ढीमरखेड़ा थाना क्षेत्र में रविवार सुबह एक हृदय विदारक हादसा सामने आया, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। ग्राम सगौना निवासी सुशील कुमार पिता कोदो लाल मेहरा के खेत में जुताई-बुवाई का कार्य चल रहा था। रविवार सुबह लगभग 9:25 बजे खेत में खड़ा उनका 14 वर्षीय मासूम बेटा दिव्यांशु मेहरा अचानक एक गंभीर दुर्घटना का शिकार हो गया। जानकारी के अनुसार खेत में कार्यरत ट्रैक्टर लाल रंग का मैसी फर्ग्यूसन ट्रैक्टर था, जिसे नारायण यादव नामक व्यक्ति चला रहा था। जुताई के दौरान दिव्यांशु ट्रैक्टर पर बैठा हुआ था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्रैक्टर चालक की लापरवाही और असावधानी के चलते दिव्यांशु अचानक ट्रैक्टर के हिस्से में फंस गया। मशीनरी की तेज कटनी और भारी उपकरणों की वजह से हादसा इतना भीषण था कि बच्चे ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।घटना के बाद खेत में चीख-पुकार मच गई। परिवारजन और ग्रामीण दौड़कर पहुँचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। मासूम की मौत की खबर पूरे गांव में आग की तरह फैल गई। घर मे...

खमतरा निवासी मनोज साहू की नदी में मिली लाश, क्षेत्र में सनसनी, प्रशासन लगातार सक्रिय

 खमतरा निवासी मनोज साहू की नदी में मिली लाश, क्षेत्र में सनसनी, प्रशासन लगातार सक्रिय ढीमरखेड़ा  |  ढीमरखेड़ा थाना अंतर्गत ग्राम खमतरा निवासी 40 वर्षीय मोटरसाइकिल मैकेनिक मनोज साहू का रहस्यमयी ढंग से लापता होना अब दुखद मोड़ ले चुका है। बीते कई दिनों से गायब चल रहे मनोज की लाश महानदी में मिली, जिसके बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। जानकारी के मुताबिक मनोज साहू किसी वैवाहिक समारोह में शामिल होने के लिए घर से निकले थे, लेकिन देर रात तक घर न लौटने पर परिजनों को अनहोनी की आशंका होने लगी । वहीं महानदी पुल के पास उनकी मोटरसाइकिल खड़ी मिली, जबकि मनोज का कहीं पता नहीं चला। इसे परिजनों ने गहरी शंका जताते हुए मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन भी किया था। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल खोजबीन की मांग की थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। कई घंटों की तलाश के बाद एक शव दिखाई दिया, जिसकी पहचान मनोज साहू के रूप में की गई। शव मिलते ही मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया और बड़ी संख्या में ग्रामीण व परिजन वहां पहुंच गए।...

माधवनगर में सट्टा माफिया की दहशत पर जनाक्रोश: झूठी रिपोर्ट और धमकियों के आरोप, निष्पक्ष जांच की मांग तेज* वर्षों से सक्रिय सट्टा किंग गिरोह पर कार्रवाई के बावजूद क्षेत्र में दहशत कायम; महिलाओं के माध्यम से झूठे केस दर्ज कराने और पीड़ितों को फँसाने की संगठित साज़िश के आरोप उभरे

 माधवनगर में सट्टा माफिया की दहशत पर जनाक्रोश: झूठी रिपोर्ट  और धमकियों के आरोप, निष्पक्ष जांच की मांग तेज* वर्षों से सक्रिय सट्टा किंग गिरोह पर कार्रवाई के बावजूद क्षेत्र में दहशत कायम; महिलाओं के माध्यम से झूठे केस दर्ज कराने और पीड़ितों को फँसाने की संगठित साज़िश के आरोप उभरे कटनी  l  माधवनगर क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय सट्टा किंग विनय वीरवानी उर्फ नीरू मैडम और उसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद भी गैंग की दहशत समाप्त नहीं हो पाई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा विवादास्पद पूर्व एसपी को हटाए जाने तथा नए एसपी अभिनव विश्वकर्मा के पदभार ग्रहण करने के बाद ही कुख्यात विनय वीरवानी और उसका हिंसक वसूली गिरोह गिरफ्तार हुआ था। लेकिन गिरफ्तारी के बाद भी गैंग के बाहरी सहयोगियों द्वारा दबाव, धमकियों और झूठी रिपोर्ट  दर्ज कराने की घटनाएँ लगातार सामने आ रही हैं। सबसे ताज़ा मामला जितेंद्र शिवलानी और मूलचंद के खिलाफ महिला के माध्यम से दर्ज कराई गई छेड़छाड़ की कथित झूठी रिपोर्ट का है, जिसके पीछे सट्टा गिरोह के प्रमुख सहयोगी अज्जू मामा की सक्रिय भूमिका बताई जा रही है। उ...