बारिश में सब्जियों के दामों में उछाल, बेस्वाद हुई थाली, गृहणियों की रसोई का बैलेंस बिगड़ा, लोगों की जेब पर बढ़ा भार, बाहर से आ रहा टमाटर
बारिश में सब्जियों के दामों में उछाल, बेस्वाद हुई थाली, गृहणियों की रसोई का बैलेंस बिगड़ा, लोगों की जेब पर बढ़ा भार, बाहर से आ रहा टमाटर
कटनी | बारिश में सब्जियां भी झटका दे रही हैं। कुछ दिनों में बाजार में सब्जियों के मूल्य में वृद्धि हुई है।अब तो टमाटर-मिर्च की चटनी बनाना भी भारी पड़ रहा है। शिमला मिर्च, बरबटी और भिंडी की कीमत 40-50 रुपए प्रति किलो पहुंच गई है। चटनी में उपयोग की जाने वाली अन्य सब्जियों के मूल्य में भी तेजी आई है।टमाटर के साथ-साथ मिर्च, अदरक, धनिया, भिंडी सहित अन्य सब्जियों भी महंगी हो गई है। बारिश में टमाटर 50 रुपए किलो बिक रहा। थोक व चिल्हर सब्जी मंडी में कोई भी सब्जियां 40-50 रुपए प्रति किलो से कम नहीं है।
*मिर्च, अदरक, धनिया में भी इजाफा*
व्यापारियों का कहना है कि पिछले 20 दिनों में सब्जी के रेट बढ़े है।इसका मुख्य कारण बारिश में गांवों से आनी वाली आवक कम होना है।उन्होंने बताया कि पहले हरी मिर्च जो पहले 20 से 30 रुपए किलो थी, वह अब 60 रुपए पहुंच गई है। अदरक जो पहले 40 रुपए थी वह 80 रुपए हो गई है। धनिया भी पहले से डबल होकर 80 रुपए किलो पहुंच गई है। अन्य सब्जियों के भाव भी तेजी लिए हुए हैं जिससे लोगों का बजट गड़बड़ा गया है। आने वाले दिनों में क्या स्थिति होगी यह स्पष्ट नहीं है।
*बाजार में टमाटर हुआ महंगा, व्यापारी बोले और बढ़ेंगे दाम*
जिले में लगातार हो रही बारिश से सब्जियों की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है। टमाटर की कीमत जो अप्रैल-मई में 10 रुपए प्रति किलो थी। वह अब बढ़कर 40 से 50 रुपए प्रति किलो हो गई है। जबकि दो माह पहले टमाटर दस रुपए के भाव था।बारिश के कारण नदी-नालों का जल स्तर बढ़ा है। कई स्थानों पर रपटों के ऊपर से पानी बह रहा है। इससे आवागमन प्रभावित हुआ है। जिसके कारण किसानों का माल शहर तक नहीं पहुंचने से सब्जियों के दामों में तेजी आई है।
*आवक कम होने से भाव हुए तेज*
मंडी में सब्जियों की आवक कम होने से भाव तेज हैं। टमाटर का थोक भाव 30 रुपए प्रति किलो से अधिक है।जबकि बाजार में यह 50 से 60 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है।विक्रेताओं का कहना है कि यदि मौसम ऐसा ही रहा और मंडियों में आवक नहीं बढी तो सब्जियों के दाम और बढ़ सकते हैं। उपभोक्ताओं को या तो टमाटर की खपत कम करनी होगी या फिर अधिक कीमत चुकानी होगी। इसी तरह अन्य सब्जियों में सबसे महंगा ककोरा 350 रूपए किलो बिक रहा है। बाजार में कोई भी सब्जी 40 रूपए प्रति किलो से कम नहीं है। वहीं बरसात के सीजन में लोग हरी सब्जियों से परहेज करते हैं।जिसके कारण पालक, लाल भाजी, चौलाई भाजी की पूछपरख कम है।सब्जियों के महंगे होने से गृहणियों की रसोई का बजट बिगड़ा है। इन दिनों घरों में ज्यादातर गृहणियां आलू, बड़ी, बेसन, कढ़ी, दाल का उपयोग कर रही हैं।
*बारिश में फसलों को हुआ नुकसान*
व्यापारियों ने बताया कि भारी बारिश के चलते सब्जी की फसलों को नुकसान हुआ है। इसके कारण बाजार में सब्जियों की आवक में कमी बनी हुई है। इसके साथ ही टमाटर का सीजन भी समाप्त हो रहा है। ऐसे में टमाटर की कीमतों में 40 से 60 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इससे आम उपभोक्ताओं के साथ-साथ होटल और रेस्टोरेंट संचालकों की लागत भी बढ़ी है। कई जगह तो भोजन में सलाद के साथ टमाटर की मात्रा कम कर दी गई है।

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