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माधवनगर में सट्टा माफिया की दहशत पर जनाक्रोश: झूठी रिपोर्ट और धमकियों के आरोप, निष्पक्ष जांच की मांग तेज* वर्षों से सक्रिय सट्टा किंग गिरोह पर कार्रवाई के बावजूद क्षेत्र में दहशत कायम; महिलाओं के माध्यम से झूठे केस दर्ज कराने और पीड़ितों को फँसाने की संगठित साज़िश के आरोप उभरे

 माधवनगर में सट्टा माफिया की दहशत पर जनाक्रोश: झूठी रिपोर्ट  और धमकियों के आरोप, निष्पक्ष जांच की मांग तेज*

वर्षों से सक्रिय सट्टा किंग गिरोह पर कार्रवाई के बावजूद क्षेत्र में दहशत कायम; महिलाओं के माध्यम से झूठे केस दर्ज कराने और पीड़ितों को फँसाने की संगठित साज़िश के आरोप उभरे



कटनी  l  माधवनगर क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय सट्टा किंग विनय वीरवानी उर्फ नीरू मैडम और उसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद भी गैंग की दहशत समाप्त नहीं हो पाई है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा विवादास्पद पूर्व एसपी को हटाए जाने तथा नए एसपी अभिनव विश्वकर्मा के पदभार ग्रहण करने के बाद ही कुख्यात विनय वीरवानी और उसका हिंसक वसूली गिरोह गिरफ्तार हुआ था।


लेकिन गिरफ्तारी के बाद भी गैंग के बाहरी सहयोगियों द्वारा दबाव, धमकियों और झूठी रिपोर्ट  दर्ज कराने की घटनाएँ लगातार सामने आ रही हैं।


सबसे ताज़ा मामला जितेंद्र शिवलानी और मूलचंद के खिलाफ महिला के माध्यम से दर्ज कराई गई छेड़छाड़ की कथित झूठी रिपोर्ट का है, जिसके पीछे सट्टा गिरोह के प्रमुख सहयोगी अज्जू मामा की सक्रिय भूमिका बताई जा रही है।


उपलब्ध सीसीटीवी  फुटेज में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है कि अज्जू मामा अपनी पत्नी और बच्चे के साथ दुकान पर पहुँचकर महिला को दुकान में भेजता है, जहाँ वह पुरुष को अपमानित करती है और बाहर आकर धमकाने की मुद्रा दिखाती है। इसके बाद दबाव में पुलिस ने छेड़छाड़ की  रिपोर्ट दर्ज कर ली।


पीड़ितों की शिकायतें

जितेंद्र शिवलानी ने पहले दो बार एसपी कार्यालय में आवेदन देकर आशंका जताई थी कि उनके खिलाफ सट्टा गिरोह झूठी  रिपोर्ट  की साज़िश कर रहा है।29 नवंबर को महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत ने उनकी आशंका को सच कर दिखाया। पीड़ित का कहना है कि सीसीटीवी  फुटेज मौजूद होने के बावजूद पुलिस पर राजनीतिक दबाव डालकर उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

पुलिस की स्थिति

पुलिस ने घटना के दोनों पक्षों की रिपोर्ट दर्ज कर “बैलेंस” करने का प्रयास किया है, लेकिन छेड़छाड़ जैसे गैर-जमानती अपराध में जेल जाने पर पीड़ित को गैंग से जान का खतरा बताया जा रहा है।कुछ पुलिस अधिकारी फुटेज देखने के बाद जांच आगे बढ़ाना चाहते थे, लेकिन राजनीतिक प्रभाव का दबाव बताया गया है।


*समाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया*


समाजिक संगठनों ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि पूरे  घटनाक्रम की निष्पक्ष एवं स्वतंत्र जांच कराई जाए। सभी संबंधित व्यक्तियों के मोबाइल, कॉल रिकॉर्ड, बैंक खातों की जांच हो। इसके साथ ही महिलाओं द्वारा कानून के दुरुपयोग पर कड़ी कार्रवाई की जाए।


सावधानी बतौर क्षेत्र में विशेष निगरानी, पेट्रोलिंग और सोशल इंटिमिडेशन पर अंकुश के लिए टीम गठित की जाए।


क्षेत्रवासियों ने यह भी आरोप लगाया है कि कुछ महिलाएँ संगठित रूप से झूठी शिकायतें दर्ज कराकर लोगों को ब्लैकमेल कर रही हैं तथा उनके मोबाइल से सट्टे की आईडी संचालित होने की बात भी सामने आई है।


*सट्टा माफिया की पुरानी जड़ें*


माधवनगर क्षेत्र में वर्षों से सट्टा गतिविधियाँ चलती रही हैं। गिरोह के संरक्षण में कई बार आपसी विवाद, हमले और गैंगवार जैसे हालात भी बन चुके हैं।

जेल में बंद मुख्य आरोपी विनय वीरवानी के बाहरी साथियों द्वारा लगातार दबाव और दहशत बनाए रखने के प्रयासों की शिकायतें लगातार मिलती रही हैं।


जनता में असुरक्षा और आक्रोश

स्थानीय नागरिकों ने बताया कि—महिलाओं के माध्यम से झूठी रिपोर्ट कराने के हथकंडो के साथ ही सड़क पर विवाद खड़े करना, वीडियो बनाकर बदनाम करना,सोशल इंटिमिडेशनक्षेत्र में आम बात हो गई है।


इससे लोगों में भारी असुरक्षा और आक्रोश है।


सामाजिक और प्रशासनिक जिम्मेदारी

संगठनों ने माधवनगर, शांति नगर और सिंधी सेंट्रल पंचायत से भी अपेक्षा जताई है कि वे इस तरह की अनुचित प्रवृत्तियों पर संज्ञान लें और समाज को आवश्यक परामर्श दें ताकि—मोहल्लों में शांति बनी रहे , अपराधी प्रवृत्ति को सामाजिक समर्थन न मिले, कानून का दुरुपयोग रोककर सही दिशा में सुधार हो l


यह मामला केवल एक व्यक्ति के खिलाफ झूठी रिपोर्ट कराने  का नहीं, बल्कि संगठित दहशत, राजनीतिक संरक्षण, कानून के दुरुपयोग और सट्टा माफिया  के बढ़ते नेटवर्क को उजागर करता है।

जनता, सामाजिक संगठन और अनेक पीड़ितों ने एक स्वर में कहा है—

“निष्पक्ष जांच ही न्याय दिला सकती है; नहीं तो डर और दहशत का यह चक्र जारी रहेगा।”

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