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रोटावेटर की चपेट में आया मासूम, ढीमरखेड़ा में दर्दनाक हादसा, ट्रैक्टर चालक गिरफ्तार, वाहन जब्त

 रोटावेटर की चपेट में आया मासूम, ढीमरखेड़ा में दर्दनाक हादसा, ट्रैक्टर चालक गिरफ्तार, वाहन जब्त



कटनी  |  ढीमरखेड़ा थाना क्षेत्र में रविवार सुबह एक हृदय विदारक हादसा सामने आया, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। ग्राम सगौना निवासी सुशील कुमार पिता कोदो लाल मेहरा के खेत में जुताई-बुवाई का कार्य चल रहा था। रविवार सुबह लगभग 9:25 बजे खेत में खड़ा उनका 14 वर्षीय मासूम बेटा दिव्यांशु मेहरा अचानक एक गंभीर दुर्घटना का शिकार हो गया। जानकारी के अनुसार खेत में कार्यरत ट्रैक्टर लाल रंग का मैसी फर्ग्यूसन ट्रैक्टर था, जिसे नारायण यादव नामक व्यक्ति चला रहा था। जुताई के दौरान दिव्यांशु ट्रैक्टर पर बैठा हुआ था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्रैक्टर चालक की लापरवाही और असावधानी के चलते दिव्यांशु अचानक ट्रैक्टर के हिस्से में फंस गया। मशीनरी की तेज कटनी और भारी उपकरणों की वजह से हादसा इतना भीषण था कि बच्चे ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।घटना के बाद खेत में चीख-पुकार मच गई। परिवारजन और ग्रामीण दौड़कर पहुँचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। मासूम की मौत की खबर पूरे गांव में आग की तरह फैल गई। घर में मातम पसर गया, माँ-बाप का रो-रोकर बुरा हाल है। जो बच्चा सुबह तक हँसता-बोलता उनके साथ खेत गया था, पल भर में हमेशा के लिए उनसे बिछड़ गया। घटना की सूचना मिलते ही ढीमरखेड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुँची और परिस्थितियों का निरीक्षण किया। फरियादी सुशील कुमार मेहरा की रिपोर्ट पर पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम हेतु भेजा। पोस्टमार्टम उपरांत परिजनों को शव सौंपा गया। प्राथमिक जाँच में यह स्पष्ट हुआ कि दुर्घटना का कारण चालक की लापरवाही है। इसी आधार पर पुलिस ने अपराध क्रमांक 517/25 दर्ज करते हुए धारा 281 तथा 106(1) BNS के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है। ट्रैक्टर चालक नारायण यादव को पुलिस ने अभिरक्षा में ले लिया है तथा दुर्घटना में प्रयुक्त लाल रंग के मैसी फर्ग्यूसन ट्रैक्टर को भी जब्त कर लिया गया है।पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत विवेचना जारी है और आवश्यकता अनुसार आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह हादसा ग्रामीण क्षेत्रों में खेती-किसानी के दौरान सुरक्षा उपायों की बड़ी कमी को उजागर करता है। खेतों में काम करते समय बच्चों का भारी मशीनरी के आसपास मौजूद होना कितना खतरनाक हो सकता है, यह घटना इसका दर्दनाक उदाहरण है। ग्रामीणों ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए ऐसी लापरवाही पर कड़ा नियंत्रण और जागरूकता की मांग की है।दिव्यांशु की असमय मृत्यु ने पूरे सगौना गांव को शोकाकुल कर दिया है। परिवार के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे। खेत का चिराग बुझ जाने से हर कोई दुख और संवेदना व्यक्त कर रहा है।

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