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सिद्धेश्वरधाम जहां पर्चे पर लिख देते मन की बात, पं. धीरेन्द्र शास्त्री की राह पर चल रहे सिद्धेश्वर धाम के पंडित राजेंद्र कृष्ण शास्त्री

 सिद्धेश्वरधाम जहां पर्चे पर लिख देते मन की बात, पं. धीरेन्द्र शास्त्री की राह पर चल रहे सिद्धेश्वर धाम के पंडित राजेंद्र कृष्ण शास्त्री



जबलपुर |  बुंदेलखंड से प्रसिद्धी पाकर समूचे देश में विख्यात हुए बागेश्वरधाम के संत पं. धीरेन्द्र शास्त्री की राह पर इसी इलाके के एक और संत चल पड़े हैं। खबर आ रही है कि लुहारी ( लड़ोई ) मझौली जिला जबलपुर से। यहां सिद्धेश्वर धाम पर दिव्य दरबार लग रहा है। बताया जा रहा है कि सिद्धेश्वर धाम के पीठाधीश्वर द्वारा श्रद्धालुओ के मन की बात जानकर उनकी बीमारी एवं पीड़ा को दूर किया जा रहा है बता दे की लुहारी ( लड़ोई ) मझौली जिला जबलपुर के पीठाधीश्वर सिद्धेश्वर धाम के पंडित राजेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा दिव्य दरबार मंगलवार एवं शनिवार को लगाया जा रहा है जिसमें दूर-दूर से लोग अपनी बीमारी एवं पीड़ा लेकर पहुंचते हैं बता दे की दिव्य दरबार में सिद्धेश्वर धाम के पीठाधीश श्रद्धालु के बताने के पहले ही उनका पर्चा लिख देते हैं पर्चा लिखने के बाद मरीज से पूछते हैं कि बताओ तुम्हारी समस्या क्या है तो भक्त जो कुछ भी बोलता है वह पहले ही उन्हें उस पर्चे में लिखा मिलता है यह देखकर लोग अचंभित रह जाते हैं और वह भक्त का कष्ट दूर करने के साथ-साथ उनके परिवार की तीन पीढियां तक के नाम उस पर्चे में लिख देते हैं जो उनको खुद पता नहीं रहता है कि हमारे पूर्वजों के क्या नाम है।

*बातचीत में बोले- मैं कुछ नहीं करता, जो करते हैं हनुमान जी* 

सिद्धेश्वर धाम के पीछे पीठाधीश्वर पंडित राजेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बातचीत में बताया कि मैं कुछ नहीं करता हूं जो कुछ भी करते हैं वह हनुमान जी है और उन्हीं का आदेश होता है तो इस पर्ची में सब कुछ लिख देते है इस स्थान पर बाबा जी की कृपा बरसती है लोग दूर-दूर से अपनी पीड़ा और बीमारी लेकर पहुंचते हैं और यहां पर सभी लोगों का निदान हो जाता है धाम में मरीज को 11 पेशी करनी पड़ती है एवं अपनी अर्जी लगानी पड़ती है। सिद्धेश्वर धाम में सैकड़ो लोग अपनी पीड़ा एवं बीमारी लेकर पहुंचे उनसे बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि धाम पर उन्हें बहुत आराम मिला है और महाराज जी ने जो भी पर्चे में लिखा है वह सब बातें 100 प्रतिशत सच रही है हम लोगों ने उन्हें कुछ नहीं बताया उन्होंने पहले पर्चा लिख दिया जो लिखा था वह पूर्णता सत्य है।

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