सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

नेता वही अच्छा है जो जनता से डरता हो, न कि जनता उसे भगवान माने, सरकार चाहे किसी भी दल की हो, उसकी कमियों और गलतियों की आलोचना करना ही सच्ची देशभक्ति है, अंधभक्ति और चाटुकारिता देशभक्ति नहीं, बल्कि अवसरवाद और दलाली की पहचान होती है

 नेता वही अच्छा है जो जनता से डरता हो, न कि जनता उसे भगवान माने, सरकार चाहे किसी भी दल की हो, उसकी कमियों और गलतियों की आलोचना करना ही सच्ची देशभक्ति है, अंधभक्ति और चाटुकारिता देशभक्ति नहीं, बल्कि अवसरवाद और दलाली की पहचान होती है



ढीमरखेड़ा  |  लोकतंत्र का असली आधार जनता होती है, और नेता उसका सेवक, लेकिन जब जनता अपने नेता को "भगवान" समझने लगती है और उसे गलतियों के बावजूद आलोचना से ऊपर मान लेती है, तब लोकतंत्र का संतुलन बिगड़ने लगता है। एक अच्छे नेता की पहचान यह नहीं कि लोग उसकी पूजा करें, बल्कि यह कि वह जनता से इतना जुड़ा हो कि उनकी नाराज़गी और प्रश्नों से डरकर अपने कार्यों को सुधारने की कोशिश करे। डर का अर्थ यहाँ नकारात्मक नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और जवाबदेही से जुड़ा हुआ है। लोकतंत्र में नेता का चुनाव जनता के विश्वास और अपेक्षाओं के आधार पर होता है। यह विश्वास केवल भाषणों और वादों से नहीं, बल्कि वास्तविक कार्यों, ईमानदारी और पारदर्शिता से बनता है। हर फैसले और नीतियों का हिसाब जनता को देना। गलतियों को मानना और उन्हें सुधारना। नीतियों, खर्चों और योजनाओं की स्पष्ट जानकारी देना।जनता की समस्याओं को अपनी समस्या मानना। स्वयं को सेवक समझना, मालिक नहीं  पद को सम्मान से निभाना, सत्ता का अहंकार नहीं करना। यहाँ "डरना" शब्द का अर्थ डरपोक होना नहीं, बल्कि जिम्मेदारी का अहसास होना है। अगर नेता यह समझ ले कि उसके गलत फैसलों पर जनता उसे अगली बार सत्ता से बाहर कर देगी, तो वह स्वाभाविक रूप से ज्यादा सावधान और ईमानदार रहेगा। जब नेता जनता से डरता है,  वह बिना सोचे-समझे फैसले नहीं लेता। वह जनहित के खिलाफ किसी भी काम से बचता है।वह समय-समय पर जनता से संवाद करता है। वह विरोध को दबाने के बजाय सुनने की कोशिश करता है।

 *भगवान बनाने का खतरा*

जब जनता अपने नेता को "भगवान" समझने लगती है, तो उसके हर फैसले को सही मानने लगती है, चाहे वह गलत हो या जनता के नुकसान में हो।तानाशाही की तरफ झुकाव नेता खुद को असीम शक्तियों वाला समझने लगता है। गलती या घोटाले पर सवाल नहीं उठते, जिससे बेईमानी बढ़ती है। गलत नीतियों का असर आम लोगों की जिंदगी पर पड़ता है, लेकिन वे विरोध करने से डरते हैं या मना कर दिए जाते हैं।

 *आलोचना करना ही सच्ची देशभक्ति है*

देशभक्ति का मतलब केवल झंडा लहराना, राष्ट्रगान गाना या भाषण देना नहीं है। असली देशभक्ति यह है कि हम अपने देश की कमियों और गलतियों को पहचानकर उन्हें दूर करने की कोशिश करें। सरकार को अपनी नीतियों की कमियां दिखती हैं।जनता में जागरूकता बढ़ती है।भ्रष्टाचार और लापरवाही पर अंकुश लगता है। लोकतंत्र मजबूत होता है।सच्चा नेता वह है जो जनता के सवालों से डरता हो और अपनी नीतियों को जनता के हित में बदलने को तैयार हो। अगर जनता उसे "भगवान" बना देगी, तो वह सत्ता के नशे में चूर होकर गलतियां करेगा और लोकतंत्र कमजोर होगा। इसलिए किसी भी सरकार की आलोचना करना, उसकी गलतियों को उजागर करना, और उसे सही दिशा में ले जाने की कोशिश करना ही असली देशभक्ति है। अंधभक्ति और चाटुकारिता से बचना जरूरी है, क्योंकि यह न सिर्फ लोकतंत्र को कमजोर करती है, बल्कि देश को पीछे ले जाती है।

टिप्पणियाँ

popular post

रोटावेटर की चपेट में आया मासूम, ढीमरखेड़ा में दर्दनाक हादसा, ट्रैक्टर चालक गिरफ्तार, वाहन जब्त

 रोटावेटर की चपेट में आया मासूम, ढीमरखेड़ा में दर्दनाक हादसा, ट्रैक्टर चालक गिरफ्तार, वाहन जब्त कटनी  |  ढीमरखेड़ा थाना क्षेत्र में रविवार सुबह एक हृदय विदारक हादसा सामने आया, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। ग्राम सगौना निवासी सुशील कुमार पिता कोदो लाल मेहरा के खेत में जुताई-बुवाई का कार्य चल रहा था। रविवार सुबह लगभग 9:25 बजे खेत में खड़ा उनका 14 वर्षीय मासूम बेटा दिव्यांशु मेहरा अचानक एक गंभीर दुर्घटना का शिकार हो गया। जानकारी के अनुसार खेत में कार्यरत ट्रैक्टर लाल रंग का मैसी फर्ग्यूसन ट्रैक्टर था, जिसे नारायण यादव नामक व्यक्ति चला रहा था। जुताई के दौरान दिव्यांशु ट्रैक्टर पर बैठा हुआ था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्रैक्टर चालक की लापरवाही और असावधानी के चलते दिव्यांशु अचानक ट्रैक्टर के हिस्से में फंस गया। मशीनरी की तेज कटनी और भारी उपकरणों की वजह से हादसा इतना भीषण था कि बच्चे ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।घटना के बाद खेत में चीख-पुकार मच गई। परिवारजन और ग्रामीण दौड़कर पहुँचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। मासूम की मौत की खबर पूरे गांव में आग की तरह फैल गई। घर मे...

खमतरा निवासी मनोज साहू की नदी में मिली लाश, क्षेत्र में सनसनी, प्रशासन लगातार सक्रिय

 खमतरा निवासी मनोज साहू की नदी में मिली लाश, क्षेत्र में सनसनी, प्रशासन लगातार सक्रिय ढीमरखेड़ा  |  ढीमरखेड़ा थाना अंतर्गत ग्राम खमतरा निवासी 40 वर्षीय मोटरसाइकिल मैकेनिक मनोज साहू का रहस्यमयी ढंग से लापता होना अब दुखद मोड़ ले चुका है। बीते कई दिनों से गायब चल रहे मनोज की लाश महानदी में मिली, जिसके बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। जानकारी के मुताबिक मनोज साहू किसी वैवाहिक समारोह में शामिल होने के लिए घर से निकले थे, लेकिन देर रात तक घर न लौटने पर परिजनों को अनहोनी की आशंका होने लगी । वहीं महानदी पुल के पास उनकी मोटरसाइकिल खड़ी मिली, जबकि मनोज का कहीं पता नहीं चला। इसे परिजनों ने गहरी शंका जताते हुए मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन भी किया था। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल खोजबीन की मांग की थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। कई घंटों की तलाश के बाद एक शव दिखाई दिया, जिसकी पहचान मनोज साहू के रूप में की गई। शव मिलते ही मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया और बड़ी संख्या में ग्रामीण व परिजन वहां पहुंच गए।...

माधवनगर में सट्टा माफिया की दहशत पर जनाक्रोश: झूठी रिपोर्ट और धमकियों के आरोप, निष्पक्ष जांच की मांग तेज* वर्षों से सक्रिय सट्टा किंग गिरोह पर कार्रवाई के बावजूद क्षेत्र में दहशत कायम; महिलाओं के माध्यम से झूठे केस दर्ज कराने और पीड़ितों को फँसाने की संगठित साज़िश के आरोप उभरे

 माधवनगर में सट्टा माफिया की दहशत पर जनाक्रोश: झूठी रिपोर्ट  और धमकियों के आरोप, निष्पक्ष जांच की मांग तेज* वर्षों से सक्रिय सट्टा किंग गिरोह पर कार्रवाई के बावजूद क्षेत्र में दहशत कायम; महिलाओं के माध्यम से झूठे केस दर्ज कराने और पीड़ितों को फँसाने की संगठित साज़िश के आरोप उभरे कटनी  l  माधवनगर क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय सट्टा किंग विनय वीरवानी उर्फ नीरू मैडम और उसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद भी गैंग की दहशत समाप्त नहीं हो पाई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा विवादास्पद पूर्व एसपी को हटाए जाने तथा नए एसपी अभिनव विश्वकर्मा के पदभार ग्रहण करने के बाद ही कुख्यात विनय वीरवानी और उसका हिंसक वसूली गिरोह गिरफ्तार हुआ था। लेकिन गिरफ्तारी के बाद भी गैंग के बाहरी सहयोगियों द्वारा दबाव, धमकियों और झूठी रिपोर्ट  दर्ज कराने की घटनाएँ लगातार सामने आ रही हैं। सबसे ताज़ा मामला जितेंद्र शिवलानी और मूलचंद के खिलाफ महिला के माध्यम से दर्ज कराई गई छेड़छाड़ की कथित झूठी रिपोर्ट का है, जिसके पीछे सट्टा गिरोह के प्रमुख सहयोगी अज्जू मामा की सक्रिय भूमिका बताई जा रही है। उ...