सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

सर्पदंश से मृतक परिवारों के बीच प्रशासन का मानवीय चेहरा और ग्राम पंचायत धरवारा का सकारात्मक कामकाज

 सर्पदंश से मृतक परिवारों के बीच प्रशासन का मानवीय चेहरा और ग्राम पंचायत धरवारा का सकारात्मक कामकाज 



ढीमरखेड़ा | मानव जीवन में दुःख और संकट के क्षण ऐसे होते हैं, जो न केवल प्रभावित परिवार को बल्कि पूरे समाज को झकझोर देते हैं। विशेषकर तब, जब किसी व्यक्ति की मौत असमय, अप्रत्याशित और दर्दनाक परिस्थितियों में हो। यह दुखद घटना धरवारा में घटी, जिसमें सर्पदंश से दो ग्रामीण विजय कोल और उर्मिला कोल की मौत हो गई। इन घटनाओं ने क्षेत्र में शोक और चिंता का माहौल पैदा कर दिया। इसी संदर्भ में प्रशासन ने मानवीय पहल दिखाते हुए एसडीएम (उप संभागीय अधिकारी) प्रदीप चौरसिया स्वयं पीड़ित परिवारों के घर पहुंचे। उन्होंने न केवल शोक संवेदना व्यक्त की, बल्कि शीघ्र मुआवजा राशि दिलाने का आश्वासन भी दिया। इस दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपसरपंच अमित गर्ग, सचिव नरेंद्र राजपूत और पटवारी महेंद्र मिश्रा भी मौजूद रहे। इसके बाद एसडीएम ने ग्राम पंचायत धरवारा का दौरा कर वहां के कामकाज की समीक्षा की, स्थानीय समस्याओं को सुना और समग्र प्रगति देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। यह पूरा घटनाक्रम प्रशासन के दोहरे स्वरूप को दर्शाता है एक ओर संवेदनशीलता और मानवीय संवेदना, दूसरी ओर प्रशासनिक दक्षता और विकास के प्रति प्रतिबद्धता।

*सर्पदंश की घटना और गांव में छाया शोक*

गांव के लिए यह एक सामान्य दिन था, लेकिन नियति ने कुछ और ही सोच रखा था। खेतों में काम करने और घर के सामान्य कामकाज के दौरान सर्पदंश की घटनाएं ग्रामीण अंचलों में आम हैं, परंतु जब यह घटनाएं जानलेवा साबित होती हैं, तब गांव के हर व्यक्ति के दिल पर गहरी चोट पहुंचती है। विजय कोल और उर्मिला कोल, दोनों ही मेहनतकश, सरल और गांव में लोकप्रिय व्यक्ति थे। उनकी मौत ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया। घरों में मातम पसरा हुआ था, और आंखों में आंसू तथा मन में अविश्वास का भाव था।

 *एसडीएम प्रदीप चौरसिया का मानवीय रुख, पीड़ित परिवार के घर पहुंचना*

दुख की इस घड़ी में एसडीएम प्रदीप चौरसिया स्वयं गांव पहुंचे। प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी का इस तरह सीधे घर जाकर संवेदना व्यक्त करना, ग्रामीणों के लिए भावनात्मक सहारा था। उन्होंने दोनों मृतकों के परिजनों से मुलाकात की, उनके दुख को सुना और आश्वासन दिया कि मुआवजा राशि शीघ्र उपलब्ध कराई जाएगी। यह कदम केवल औपचारिकता नहीं था, बल्कि एक मानवीय दायित्व का निर्वहन था, जिसने प्रभावित परिवारों में विश्वास जगाया कि प्रशासन उनके साथ खड़ा है। 

*स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उपस्थिति*

इस मौके पर उपसरपंच अमित गर्ग, ग्राम सचिव नरेंद्र राजपूत और पटवारी महेंद्र मिश्रा भी साथ थे। इनकी उपस्थिति ने प्रशासनिक टीम के एकजुट प्रयास को दर्शाया। यह केवल कागजी कार्यवाही का मामला नहीं था, बल्कि सामाजिक और भावनात्मक स्तर पर जुड़ाव का प्रतीक था।

 *मुआवजा राशि का महत्व*

सर्पदंश से मृत्यु होने पर शासन द्वारा निर्धारित मुआवजा राशि केवल आर्थिक मदद नहीं होती, बल्कि यह पीड़ित परिवार को आगे की जिंदगी के लिए कुछ सहारा प्रदान करती है। ग्रामीण जीवन में अचानक हुई मौत परिवार की आजीविका पर गहरा असर डालती है। ऐसे में समय पर आर्थिक सहायता मिलने से परिवार अपनी बुनियादी जरूरतें पूरी कर सकता है। एसडीएम ने स्पष्ट कहा कि "मुआवजा राशि देने में किसी भी प्रकार की देरी नहीं होगी" यह वाक्य प्रभावित परिवारों के लिए उम्मीद की किरण था।

टिप्पणियाँ

popular post

रोटावेटर की चपेट में आया मासूम, ढीमरखेड़ा में दर्दनाक हादसा, ट्रैक्टर चालक गिरफ्तार, वाहन जब्त

 रोटावेटर की चपेट में आया मासूम, ढीमरखेड़ा में दर्दनाक हादसा, ट्रैक्टर चालक गिरफ्तार, वाहन जब्त कटनी  |  ढीमरखेड़ा थाना क्षेत्र में रविवार सुबह एक हृदय विदारक हादसा सामने आया, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। ग्राम सगौना निवासी सुशील कुमार पिता कोदो लाल मेहरा के खेत में जुताई-बुवाई का कार्य चल रहा था। रविवार सुबह लगभग 9:25 बजे खेत में खड़ा उनका 14 वर्षीय मासूम बेटा दिव्यांशु मेहरा अचानक एक गंभीर दुर्घटना का शिकार हो गया। जानकारी के अनुसार खेत में कार्यरत ट्रैक्टर लाल रंग का मैसी फर्ग्यूसन ट्रैक्टर था, जिसे नारायण यादव नामक व्यक्ति चला रहा था। जुताई के दौरान दिव्यांशु ट्रैक्टर पर बैठा हुआ था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्रैक्टर चालक की लापरवाही और असावधानी के चलते दिव्यांशु अचानक ट्रैक्टर के हिस्से में फंस गया। मशीनरी की तेज कटनी और भारी उपकरणों की वजह से हादसा इतना भीषण था कि बच्चे ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।घटना के बाद खेत में चीख-पुकार मच गई। परिवारजन और ग्रामीण दौड़कर पहुँचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। मासूम की मौत की खबर पूरे गांव में आग की तरह फैल गई। घर मे...

खमतरा निवासी मनोज साहू की नदी में मिली लाश, क्षेत्र में सनसनी, प्रशासन लगातार सक्रिय

 खमतरा निवासी मनोज साहू की नदी में मिली लाश, क्षेत्र में सनसनी, प्रशासन लगातार सक्रिय ढीमरखेड़ा  |  ढीमरखेड़ा थाना अंतर्गत ग्राम खमतरा निवासी 40 वर्षीय मोटरसाइकिल मैकेनिक मनोज साहू का रहस्यमयी ढंग से लापता होना अब दुखद मोड़ ले चुका है। बीते कई दिनों से गायब चल रहे मनोज की लाश महानदी में मिली, जिसके बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। जानकारी के मुताबिक मनोज साहू किसी वैवाहिक समारोह में शामिल होने के लिए घर से निकले थे, लेकिन देर रात तक घर न लौटने पर परिजनों को अनहोनी की आशंका होने लगी । वहीं महानदी पुल के पास उनकी मोटरसाइकिल खड़ी मिली, जबकि मनोज का कहीं पता नहीं चला। इसे परिजनों ने गहरी शंका जताते हुए मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन भी किया था। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल खोजबीन की मांग की थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। कई घंटों की तलाश के बाद एक शव दिखाई दिया, जिसकी पहचान मनोज साहू के रूप में की गई। शव मिलते ही मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया और बड़ी संख्या में ग्रामीण व परिजन वहां पहुंच गए।...

माधवनगर में सट्टा माफिया की दहशत पर जनाक्रोश: झूठी रिपोर्ट और धमकियों के आरोप, निष्पक्ष जांच की मांग तेज* वर्षों से सक्रिय सट्टा किंग गिरोह पर कार्रवाई के बावजूद क्षेत्र में दहशत कायम; महिलाओं के माध्यम से झूठे केस दर्ज कराने और पीड़ितों को फँसाने की संगठित साज़िश के आरोप उभरे

 माधवनगर में सट्टा माफिया की दहशत पर जनाक्रोश: झूठी रिपोर्ट  और धमकियों के आरोप, निष्पक्ष जांच की मांग तेज* वर्षों से सक्रिय सट्टा किंग गिरोह पर कार्रवाई के बावजूद क्षेत्र में दहशत कायम; महिलाओं के माध्यम से झूठे केस दर्ज कराने और पीड़ितों को फँसाने की संगठित साज़िश के आरोप उभरे कटनी  l  माधवनगर क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय सट्टा किंग विनय वीरवानी उर्फ नीरू मैडम और उसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद भी गैंग की दहशत समाप्त नहीं हो पाई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा विवादास्पद पूर्व एसपी को हटाए जाने तथा नए एसपी अभिनव विश्वकर्मा के पदभार ग्रहण करने के बाद ही कुख्यात विनय वीरवानी और उसका हिंसक वसूली गिरोह गिरफ्तार हुआ था। लेकिन गिरफ्तारी के बाद भी गैंग के बाहरी सहयोगियों द्वारा दबाव, धमकियों और झूठी रिपोर्ट  दर्ज कराने की घटनाएँ लगातार सामने आ रही हैं। सबसे ताज़ा मामला जितेंद्र शिवलानी और मूलचंद के खिलाफ महिला के माध्यम से दर्ज कराई गई छेड़छाड़ की कथित झूठी रिपोर्ट का है, जिसके पीछे सट्टा गिरोह के प्रमुख सहयोगी अज्जू मामा की सक्रिय भूमिका बताई जा रही है। उ...