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ढीमरखेड़ा में अलग संगठन को लेकर चर्चा गर्म नए संगठन को लेकर समस्त ढीमरखेड़ा और उमरियापान के पत्रकार आपस में परामर्श करके नए संगठन की रखेंगे नींव जो समस्त पत्रकारों का होगा मत उसमें होगा निर्णय, अलग - अलग पद की सौपी जाएंगी ज़िम्मेदारी, एकता, सम्मान और अधिकारों की दिशा में बड़ा कदम

 ढीमरखेड़ा में अलग संगठन को लेकर चर्चा गर्म नए संगठन को लेकर समस्त ढीमरखेड़ा और उमरियापान के पत्रकार आपस में परामर्श करके नए संगठन की रखेंगे नींव जो समस्त पत्रकारों का होगा मत उसमें होगा निर्णय, अलग - अलग पद की सौपी जाएंगी ज़िम्मेदारी, एकता, सम्मान और अधिकारों की दिशा में बड़ा कदम



ढीमरखेड़ा | कलम के सिपाही अब एकजुट होंगे, संगठन से नई रोशनी फूटेगी, अन्याय के अंधेरे में जो अकेले थे, अब संगठित होकर झूमेंगे, झपटेंगे और लड़ेंगे शीर्षक पढ़कर दंग मत होगा यह कहानी है ढीमरखेड़ा के नए संगठन की, ढीमरखेड़ा एवं उमरियापान के पत्रकारों के बीच इन दिनों एक नई हलचल देखी जा रही है। यह हलचल किसी विवाद या दुर्घटना को लेकर नहीं, बल्कि एक सकारात्मक और रचनात्मक पहल को लेकर है। दरअसल, क्षेत्र के समस्त पत्रकार एकजुट होकर एक नए पत्रकार संगठन की नींव रखने की दिशा में गंभीर मंथन कर रहे हैं। इस पहल का उद्देश्य है पत्रकारों के हक़, सम्मान, सुरक्षा और एकजुटता को मजबूती देना, जिससे वे एक स्वर में अपनी बात रख सकें, और एक मंच से समाज के लिए निष्पक्ष पत्रकारिता को आगे बढ़ा सकें।

*परिस्थितियों ने खड़ी की आवश्यकता*

ढीमरखेड़ा और उमरियापान क्षेत्र के पत्रकारों ने विगत कुछ वर्षों में कई चुनौतियों का सामना किया है। कहीं किसी पत्रकार को प्रशासन की ओर से नजरअंदाज किया गया, तो कहीं किसी को राजनैतिक दबाव में बेइज्ज़त किया गया। कई बार ग्रामीण क्षेत्रों के पत्रकारों को ना तो कार्यक्रमों में स्थान मिलता है, ना ही प्रशासनिक बैठकों में बुलाया जाता है। ऐसे में पत्रकारों को ऐसा लगने लगा कि जब तक एक मजबूत संगठन का गठन नहीं किया जाएगा, तब तक उनके अधिकार सुरक्षित नहीं हो सकते. इस चिंता को साझा करते हुए विभिन्न पत्रकारों ने बैठकें प्रारंभ कीं, जिनमें यह निर्णय लिया गया कि अब वक़्त आ गया है जब एक ऐसा संगठन बने जो किसी व्यक्ति विशेष के लाभ के लिए नहीं, बल्कि पूरे पत्रकार समुदाय के लिए कार्य करे।

*संगठन की प्राथमिक सोच लोकतांत्रिक निर्णय और सबकी भागीदारी*

नवगठित होने वाले पत्रकार संगठन की सबसे बड़ी विशेषता यह होगी कि इसमें सभी निर्णय मत के आधार पर होंगे। किसी भी प्रकार की मनमानी या ऊपर से थोपे गए निर्णय को स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसके लिए संगठन में सभी पत्रकारों की भागीदारी अनिवार्य होगी और पदाधिकारियों का चुनाव खुले चुनाव प्रक्रिया से किया जाएगा । यह संगठन हर जाति, वर्ग, धर्म और राजनीतिक विचारधारा से ऊपर उठकर केवल पत्रकारिता के मूल सिद्धांतों  सत्य, निष्पक्षता, और जनसेवा को ध्यान में रखकर कार्य करेगा।

*अलग-अलग पदों की ज़िम्मेदारी और संगठनात्मक ढांचा*

नवगठित संगठन का एक व्यवस्थित ढांचा होगा, जिसमें विभिन्न स्तरों पर पदाधिकारी होंगे

अध्यक्ष (President) – जो पूरे संगठन का नेतृत्व करेगा और दिशा तय करेगा।

उपाध्यक्ष (Vice President) – अध्यक्ष की अनुपस्थिति में कार्यभार संभालेगा।

महासचिव (General Secretary) – संगठन के संचालन, बैठकों और प्रशासनिक कामकाज का जिम्मा।

कोषाध्यक्ष (Treasurer) – संगठन की आर्थिक व्यवस्था और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।

मीडिया प्रभारी (Media In-charge) – संगठन की खबरों, विज्ञप्तियों और डिजिटल प्रचार का प्रभारी होगा।

ब्लॉक प्रभारी (Block Coordinators) – ढीमरखेड़ा और उमरियापान के ब्लॉकों में अलग-अलग प्रतिनिधित्व।

सदस्यगण (Executive Members) – जो निर्णयों में भाग लेंगे और जनसंपर्क बनाए रखेंगे।

हर एक पद पर पत्रकारों की सहमति से चुनाव होगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि संगठन में अनुभवी और युवा पत्रकारों दोनों को समान महत्व मिले ताकि अनुभव और ऊर्जा का समन्वय हो सके।

*नवगठित संगठन की मुख्य प्राथमिकताएँ*

1. पत्रकारों के हितों की रक्षा

नए संगठन का प्राथमिक उद्देश्य यह होगा कि पत्रकारों को अगर कहीं भी प्रशासनिक उत्पीड़न, धमकी या अवहेलना का सामना करना पड़े, तो संगठन उनके साथ खड़ा हो। इस दिशा में संगठन प्रशासन से संवाद करेगा और आवश्यकतानुसार आंदोलन का रास्ता भी अपना सकता है।

2. प्रशासन और पत्रकारों के बीच संवाद

प्रशासन और पत्रकारों के बीच एक पारदर्शी संवाद आवश्यक है। नए संगठन का प्रयास रहेगा कि पत्रकारों की शिकायतों को लेकर प्रशासन से समय-समय पर मुलाकात की जाए और उनके मुद्दों का समाधान निकाला जाए।

*संगठन का नाम और प्रतीक*

पत्रकारों के इस नवसंघठन के लिए नामों के प्रस्ताव मंगाए गए हैं। कुछ सुझाव हैं ग्रामीण पत्रकार संगठन, मध्य प्रदेश जनपद पत्रकार परिषद, ढीमरखेड़ा प्रेस यूनियन, जनहित पत्रकार मंच इनमें से किसी एक नाम को सर्वसम्मति से चुनकर एक प्रतीक चिन्ह (Logo) भी तय किया जाएगा, जो संगठन की पहचान बनेगा।ढीमरखेड़ा और उमरियापान के पत्रकारों द्वारा लिया गया यह कदम क्षेत्रीय पत्रकारिता के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय साबित हो सकता है। इससे न केवल पत्रकारों को एक पहचान मिलेगी, बल्कि उनकी आवाज को भी मजबूती मिलेगी।

आज, जब पत्रकारों को कई स्तरों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, तब यह पहल एकता, अधिकार और आत्मसम्मान की दिशा में उठाया गया साहसिक कदम है। यह संगठन उन पत्रकारों का होगा, जो कलम को अपना हथियार मानते हैं, जो झूठ के खिलाफ लिखना जानते हैं, जो जनता की आवाज बनना चाहते हैं और जो पत्रकारिता को केवल नौकरी नहीं, एक मिशन मानते हैं।

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