सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

सूरदास आश्रम यज्ञ खिरवा में लगी पाण्डेय ब्रदर्स फर्नीचर की दुकान इतनी बड़ी जिसकी जगह - जगह हों रही चर्चा, पाण्डेय ब्रदर्स का नाम नहीं काम बोलता है

 सूरदास आश्रम यज्ञ खिरवा में लगी पाण्डेय ब्रदर्स फर्नीचर की दुकान इतनी बड़ी जिसकी जगह - जगह हों रही चर्चा, पाण्डेय ब्रदर्स का नाम नहीं काम बोलता है 



ढीमरखेड़ा |  सूरदास आश्रम, खिरवा में आयोजित यज्ञ एक धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन के रूप में क्षेत्र में प्रतिष्ठित है। इस यज्ञ में हर साल हजारों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं, जिससे यह आयोजन भक्तों और व्यापारियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बन जाता है। इस बार की विशेष चर्चा का केंद्र बना "पाण्डेय ब्रदर्स फर्नीचर", जिसकी भव्य और विशाल दुकान ने सबका ध्यान आकर्षित किया।

*पाण्डेय ब्रदर्स फर्नीचर, अनोखी पहचान*

पाण्डेय ब्रदर्स फर्नीचर अपने उत्कृष्ट और गुणवत्ता युक्त फर्नीचर के लिए प्रसिद्ध है। इसके मालिक नीरज रोहित पाण्डेय अपनी सहज शैली और ग्राहक सेवा के लिए जाने जाते हैं। नीरज पाण्डेय का मानना है कि व्यापार में सफलता का रहस्य गुणवत्ता और ग्राहकों के प्रति निष्ठा में निहित होता है। उनकी दुकान ने इस यज्ञ में इतनी बड़ी उपस्थिति दर्ज कराई कि लोग यह सोचने पर मजबूर हो गए कि किसी अन्य दुकान को इतनी प्रमुखता क्यों नहीं मिली।

*यज्ञ में व्यापार का महत्व*

धार्मिक आयोजनों में व्यापारियों के लिए अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने और बिक्री बढ़ाने का एक बड़ा अवसर होता है। सूरदास आश्रम में यज्ञ के दौरान विभिन्न प्रकार की दुकानों का लगना आम बात है, लेकिन इस बार पाण्डेय ब्रदर्स फर्नीचर का स्टॉल सबसे बड़ा और प्रमुख रहा। आमतौर पर, यज्ञ में धार्मिक वस्तुएँ, प्रसाद, हवन सामग्री, पुस्तकें, और खाने-पीने की वस्तुएँ ज्यादा बिकती हैं, लेकिन फर्नीचर का इस स्तर पर प्रचार और बिक्री चर्चा का विषय बन गया।

*नीरज रोहित पाण्डेय की व्यवसायिक रणनीति*

नीरज रोहित पाण्डेय ने अपनी दुकान को स्थापित करने के लिए एक सुनियोजित रणनीति अपनाई। उन्होंने अपनी फर्नीचर दुकान को एक आकर्षक और अनोखे रूप में प्रस्तुत किया, जिससे यह श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष स्थान बन गई। उनकी दुकान में पारंपरिक और आधुनिक फर्नीचर के बेहतरीन विकल्प उपलब्ध थे, जिनकी गुणवत्ता और डिज़ाइन लोगों को खूब पसंद आई।

*यज्ञ में व्यापार की प्रतिस्पर्धा*

यज्ञ जैसे आयोजनों में व्यापारियों के बीच प्रतिस्पर्धा स्वाभाविक है। हर व्यापारी चाहता है कि उसकी दुकान सबसे ज्यादा चर्चित हो और सबसे अधिक बिक्री करे। हालांकि, पाण्डेय ब्रदर्स फर्नीचर ने जिस तरह से अपनी दुकान लगाई और ग्राहकों को आकर्षित किया, वह अन्य व्यापारियों के लिए एक प्रेरणा बन गया।

*आश्रम समिति की प्रतिक्रिया*

सूरदास आश्रम यज्ञ आयोजन समिति ने भी इस विषय पर अपनी राय रखी। समिति के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा, "हम हर साल इस आयोजन में व्यापारियों को अवसर देते हैं, लेकिन इस बार पाण्डेय ब्रदर्स फर्नीचर ने जिस तरह से अपनी दुकान स्थापित की, वह उल्लेखनीय है। इससे यह भी साबित होता है कि धार्मिक आयोजनों में भी व्यापार की अपार संभावनाएँ हैं।"

*स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया*

इस यज्ञ में भाग लेने आए श्रद्धालु और स्थानीय लोग भी इस दुकान को देखकर आश्चर्यचकित थे। कुछ लोगों ने कहा कि उन्होंने पहली बार किसी धार्मिक आयोजन में फर्नीचर की इतनी बड़ी दुकान देखी है। एक श्रद्धालु ने कहा, "हम आमतौर पर हवन सामग्री और धार्मिक वस्तुएँ खरीदने आते हैं, लेकिन यहाँ फर्नीचर की इतनी बड़ी दुकान देखकर अच्छा लगा। यह साबित करता है कि व्यापार का दायरा कितना बड़ा हो सकता है।" इस आयोजन से यह स्पष्ट हो गया कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में व्यापार की अपार संभावनाएँ हैं। यदि व्यापारियों को सही रणनीति अपनाने का अवसर मिले, तो वे अपने उत्पादों को व्यापक स्तर पर प्रदर्शित कर सकते हैं। नीरज रोहित पाण्डेय की सफलता से प्रेरित होकर, आने वाले वर्षों में और भी व्यापारी इस आयोजन में भाग लेने की योजना बना सकते हैं।सूरदास आश्रम यज्ञ, खिरवा में इस वर्ष पाण्डेय ब्रदर्स फर्नीचर की दुकान सबसे अधिक चर्चित रही। नीरज रोहित पाण्डेय ने अपनी सरल, सहज और ग्राहकों को केंद्र में रखकर बनाई गई रणनीति से यह साबित कर दिया कि व्यापारिक सफलता के लिए केवल स्थान ही नहीं, बल्कि सही दृष्टिकोण और ग्राहकों के साथ संबंध भी मायने रखते हैं। इस आयोजन से न केवल व्यापारियों को प्रेरणा मिली, बल्कि धार्मिक आयोजनों में व्यापार के महत्व को भी एक नई दिशा मिली।

टिप्पणियाँ

  1. ईश्वर आपके व्यवसाय को खूब तरक्की प्रदान करें....🙏

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

popular post

खुशियों की दास्तां, घूंघट से बाहर निकल आजीविका संवर्धन गतिविधि से लखपति दीदी बनीं प्रेमवती

 खुशियों की दास्तां, घूंघट से बाहर निकल आजीविका संवर्धन गतिविधि से लखपति दीदी बनीं प्रेमवती ढीमरखेड़ा |  कभी घर की चहार दीवारी में कैद रहकर घूंघट में रहने वाली विकासखण्ड कटनी के ग्राम पंचायत कैलवारा की श्रीमती प्रेमवती पटेल ने  स्व-सहायता समूह से जुड़कर आर्थिक स्वावलंबन की मिसाल बन गई हैं।। स्व-सहायता समूह की आजीविका संवर्धन गतिविधि के माध्यम से दुकान की विस्तारित स्वरूप देकर और कृषि कार्य में आधुनिक तकनीक की मदद से प्रेमवती अब हर माह 22 हजार रूपये  की आय अर्जित कर लखपति दीदी बन गई हैं। प्रेमवती पटेल बताती है कि समूह से जुड़ने के पहले उनकी मासिक आमदनी हर माह करीब 8 हजार रूपये ही थी। परिवार चलाना भी मुश्किल हो पा रहा था, बच्चों  की देख-रेख में भी कठिनाई हो रही थी और पति कि छोटी दुकान थी, जो बहुत ज्यादा चलती भी नहीं थी। ऐसे में स्व -सहायता समूह से जुड़ने के बाद उनके लिए तरक्की  के द्वार खुल गए ।प्रेमवती ने 10 महिलाओं के साथ मिलकर संकट मोचन स्व-सहायता समूह गठित किया और वे स्वयं इस समूह की अध्यक्ष चुनीं गईं। उन्होंने इस समूह से जुड़कर  कृषि कार्य में उन्नत बीज...

जिला पंचायत उपाध्यक्ष की शिकायतों के बाद डीईओ पृथ्वी पाल सिंह पर गिरी गाज, कटनी से हटाए गए, स्कूल शिक्षा विभाग ने जबलपुर किया तबादला, विवादों में घिरी रही कार्यशैली

 जिला पंचायत उपाध्यक्ष की शिकायतों के बाद डीईओ पृथ्वी पाल सिंह पर गिरी गाज, कटनी से हटाए गए, स्कूल शिक्षा विभाग ने जबलपुर किया तबादला, विवादों में घिरी रही कार्यशैली ढीमरखेड़ा ।  कटनी जिले में पदस्थापना के बाद से ही लगातार विवादों में रहने वाले प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी पृथ्वीपाल सिंह को आखिरकार राज्य सरकार ने हटा दिया है। उन्हें जबलपुर जिले में कार्यालय संयुक्त के पद पर पदस्थ किया गया है। हालांकि अभी तक उनके स्थान पर कटनी में किसी भी जिला शिक्षा अधिकारी की पोस्टिंग नहीं की गई है। ऐसा माना जा रहा है कि आज शाम या कल तक नए जिला शिक्षा अधिकारी की पद स्थापना कर दी जाएगी। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जिला शिक्षा अधिकारी पृथ्वी पाल सिंह कटनी जिले में अपना 3 साल का निर्धारित समय भी पूरा कर चुके थे, लेकिन ऊपर तक पहुंच होने के कारण उन्हें हटाया नहीं जा रहा था। कटनी में पिछले 3 साल के दौरान शिक्षा विभाग में हुई अनियमितताओं की शिकायत जबलपुर से लेकर राजधानी तक पहुंची थी। जिला पंचायत कटनी के उपाध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा ने भी वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत राज्य सरकार से की थी। स्थानीय स्तर पर...

समर्थन मूल्य पर मूंग व उड़द उपार्जन हेतु किसानों का पंजीयन 19 से, खरीदी 6 जुलाई से होगी शुरू

 समर्थन मूल्य पर मूंग व उड़द उपार्जन हेतु किसानों का पंजीयन 19 से, खरीदी 6 जुलाई से होगी शुरू कटनी । राज्य शासन द्वारा किसानों के हित में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग और उड़द के उपार्जन का निर्णय लिया गया है। प्रदेश के 36 मूंग उत्पादक जिलों में 8682 रुपए प्रति क्विंटल की दर से मूंग और 13 उड़द उत्पादक जिलों में 7400 रुपए प्रति क्विंटल की दर से उड़द उपार्जित की जाएगी। कृषक 19 जून से 6 जुलाई तक पंजीयन करा सकेंगे, इसके बाद 7 जुलाई से 6 अगस्त तक उपार्जन किया जाएगा।