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नेपाल से भेजा छुट्टी का आवेदन, आकस्मिक कार्य का बनाया बहाना, बरही नगर परिषद सीएमओ का कारनामा, लेखपाल और राजस्व निरीक्षक के पत्र अभी भी नहीं आए सामने,अब देखना होगा कि कलेक्टर अवि प्रसाद क्या करते हैं कार्यवाही

 नेपाल से भेजा छुट्टी का आवेदन, आकस्मिक कार्य का बनाया बहाना, बरही नगर परिषद सीएमओ का कारनामा, लेखपाल और राजस्व निरीक्षक के पत्र अभी भी नहीं आए सामने,अब देखना होगा कि कलेक्टर अवि प्रसाद क्या करते हैं कार्यवाही  ढीमरखेड़ा |  ठेकेदार के साथ आचार संहिता के दौरान बिना किसी वरिष्ठ अधिकारी को सूचना दिए विदेश यात्रा के मजे ले रहे बरही नगर परिषद के सीएमओ, आनन फानन में बरही नगर परिषद के सीएमओ ने नगर परिषद अध्यक्ष को संबोधित करते हुए 20 एवं 21 तारीख को किसी आवश्यक कार्य का हवाला देते हुए मुख्यालय से बाहर रहने की बात कही है। जहां एक तरफ विदेश यात्रा कर रहे बरही नगर परिषद के सीएमओ ने नगर परिषद अध्यक्ष के नाम छुट्टी का आवेदन सोशल मीडिया के माध्यम से भेजकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली है, वहीं दूसरी तरफ लेखपाल और राजस्व निरीक्षक के अवकाश आवेदन अब तक नहीं आए हैं। हद दर्ज की लापरवाही की। एक तो बरही नगर परिषद सीएमओ अपने दो सहयोगियों के साथ विदेश यात्रा कर रहे हैं, वह भी बगैर अनुमति, उसके बाद छुट्टी भी नगर परिषद अध्यक्ष से मांग रहे हैं। जबकि विदेश यात्रा के लिए राज्य शासन की अनुमति अनिवार्य है। बताया जाता

मोदी आत्म चिंतन कर देश को बतायें कि 5 क्या वे सार्वजनिक जीवन में रहने लायक हैं !

 *खरी - अखरी*  *मोदी आत्म चिंतन कर देश को बतायें कि 5 क्या वे सार्वजनिक जीवन में रहने लायक हैं !* _जिस दिन मोदी ने अपने भाषण में धार्मिक विभाजन की चर्चा नहीं की तो उसी समय मोदी को हटाने में ना भाजपा - संघ देरी करेगा ना ही समर्थक - कार्यकर्ता_ *राजनीतिक समालोचकों के मुताबिक भारत तो छोड़िए विश्व में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संभवतः ऐसे अकेले व्यक्ति होंगे जो अपनी बोली में जहां धुआँ ना भी हो तो वहां भी आग लगाने की क्षमता रखते हैं, साथ ही मामूली से मामूली चीज का भी संबंध वे मुसलमानों और विपक्षी नेताओं के बीच जोड़कर उसका दानवीकरण करने में सक्षम हैं। जिसके अनूठे नजारे उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान अपने भाषणों में बखूबी पेश किये हैं।* *भारतीय राजनीति की करीबी जानकारी रखने वालों की माने तो भाजपा और उसकी मातृ संस्था के प्रचार अभियान का मूलाधार सदा से ही मध्यकालीन इतिहास को विरूपित कर मुसलमानों का दानवीकरण तथा जातीय - लैंगिग पदक्रम पर आधारित प्राचीन भारत की सभ्यता और संस्कृति का महिमामंडन रहा है। जिसके लिए समयानुसार इन्होंने अलग - अलग विषयवस्तु का प्रयोग किया है। जैसे राम मंदिर

संत -पुत्र की व्यवसायिक फर्मों समेत कई बड़े व्यापारियों के ठिकानों पर इंकम टैक्स का छापा

 संत -पुत्र की व्यवसायिक फर्मों समेत कई बड़े व्यापारियों के ठिकानों पर इंकम टैक्स का छापा कटनी l माधवनगर की प्रतिष्ठित फर्म अनिल इंडस्ट्रीज और कई बड़े व्यापारियों के मिलो और कई ठिकानों पर जबलपुर और भोपाल के इंकम टैक्स विभाग की टीम ने गुरुवार सुबह छापा मारा है l एक फर्म माधवनगर के निरंकारी पंथ के स्थानीय बाबा (संत ) जी के पुत्रों की है l अधिकारियों की टीम ने मिल सहित अनिल इंडस्ट्रीज के निरंकारी भवन के सामने स्थित बंगले में भी छापा मारकर जांच शुरू की। करीब  50 से ज्यादा लग्जरी कारों से जबलपुर भोपाल के अधिकारियों के दल ने एक साथ कई ठिकानों पर यह दबिश दी है जिससे पूरे माधवनगर क्षेत्र और विशेष रूप से मिल संचालकों में खलबली स्पष्ट देखी जा रही है l जाँच टीम ने सुबह से ही दस्तावेजों को खंगालने के लिये सूक्ष्म जांच शुरू की है l इंनकम टैक्स दल के साथ पुलिस टीम भी मौजूद है l अधिकृत जानकारी अभी नहीं मिली है शाम तक यह कार्यवाही जारी थी l माना जा रहा है कि करोड़ों रुपयों की टैक्स चोरी किए जाने के सुराग आयकर विभाग को मिले थे अगले दिनों में छापे में कितना कर अपवंचन किया गया इसकी जानकारी मिल सकती है l

पुलिस के जन- कलेवा ऑपरेशन के शिकार हुए न्याय मांग रहे ग्रामीण और पत्रकार, अवैध कब्जे के खिलाफ आवाज उठाती जनता पर भारी पड़ा पुलिस की तीव्र गालियों का शोर

 पुलिस के जन- कलेवा ऑपरेशन के शिकार हुए न्याय मांग रहे ग्रामीण और पत्रकार, अवैध कब्जे के खिलाफ आवाज उठाती जनता पर भारी पड़ा पुलिस की तीव्र गालियों का शोर  कटनी ।  खोखली तारीफों के मैजेजमेंट में माहिर एसपी अभिजीत रंजन के प्रोत्साहन से उनका अधीनस्थ पुलिस स्टॉफ इन दिनों जन-कलेवा अभियान निडरता से पूरे जिले में चला रहा है, ठीक उसी तरह जैसे ट्रिपल-एस (सट्टा-शराब-शबाब) के गोरखधंधे ने जन-सेवा के मायने ध्वस्त कर दिए थे। अब जनसेवा आरक्षी केन्द्रों में प्रोफेशनल थानेदारों ने जन-कलेवा अभियान सख्ती से शुरू किया है, जिससे सभ्य नागरिकों में हडक़ंप मचा है। जनता की बेइज्जती करने का नया अध्याय ग्राम कन्हवारा में पुलिस ने लिखा है l जहां के आम देहाती नागरिकों के विरोध प्रदर्शन को पुलिस ने सफलतापूर्वक कुचलते हुए उनके वस्त्र पकड़कर गालियां देकर धरने से उठाया जिससे उनके कपड़े फट गए और इसकी वीडियो रिकार्डिग कर  रहे पत्रकार का हाथ पकडक़र उमेठ दिया गया। पुलिस प्रभावशाली अतिक्रामकों के पक्ष में अपनी ताकत का दुरूपयोग करते हुए जन-कलेवा अभियान चला रही थी l शिकायतें एसपी को दी गई, जिसे न कोई पढ़ेगा, न समझेगा। कुठला थान

थाने की कार्यप्रणाली से हताश युवक ने पुलिस की अफसरशाला में जाकर कर लिया विषपान मरने से तो बचा लिया मगर कार्यवाही की नहीं लटक रही तलवार महीनों से जनसेवा अभियान के बज रहे डंके की पोल खुलती रहती है यूँ ही कभी - कभी

 थाने की कार्यप्रणाली से हताश युवक ने पुलिस की अफसरशाला में जाकर कर लिया विषपान मरने से तो बचा लिया मगर कार्यवाही की नहीं लटक रही तलवार महीनों से जनसेवा अभियान के बज रहे डंके की पोल खुलती रहती है यूँ ही कभी - कभी कटनी l  चुनाव संहिता लागू होते ही जिले में पुलिस का डंका बजाया जा रहा है कि वह जन संवाद कर रही है -जनता की सेवा में डटी है -अपराधियों में भयानक हड़कंप है - अराजक तत्व थरथरा रहे हैं -उनकी टांगे कंपकपा रही हैं l और असल में हो यह रहा है कि एक जन-शिकायत पर पुलिस ने ठेंगा दिखा दिया तो पीड़ित नागरिक इतना हताश हुआ कि उसने एस पी आफिस में जाकर जहरीला पदार्थ खा लिया l अब अफसरशाला में उससे पूछा जा रहा है कि तुम्हारे साथ हुआ क्या था l अफसरशाला वैसे पूछ लेती है जैसे एनकेजे में नाबालिग बच्ची को कमरे में बंद करने की शिकायत लिखाने गए पीड़ित परिवार से पूछ लिया था कि तुम्हारे साथ महिला थाना प्रभारी ने बुरा बर्ताव कैसे किया लेकिन अफसरशाला की जाँच में अपमानित परिवार को ठेंगा ही दिखाया गया l अफसरशाला में यही एपिसोड रिपीट होना है l कोतवाली थाना क्षेत्र के दुबे कॉलोनी निवासी विकास पांडे नामक युवक को एक

केंचुआ और सुको की चौखट पर दम तोड़ रहा लोकतंत्र

 *खरी - अखरी*  *केंचुआ और सुको की चौखट पर दम तोड़ रहा लोकतंत्र* *संभवतः 2024 का लोकसभा चुनाव ऐसा पहला और आखिरी चुनाव होगा जिसमें हर दिन नित नए सिरे से लोकतंत्र की दुहाई देकर तंत्र के द्वारा लोक (जन) का बेरहमी से बलात्कार किया जा रहा है। लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव कराने (केंचुआ) और उस पर चैक एंड बैलेंस की जवाबदेही (सुको) रखने वाली संवैधानिक संस्थायें अस्तित्वहीन दिखाई दे रहीं हैं। तभी तो रिटर्निग आफीसर नंगा नाच नाच रहे हैं। चंडीगढ़ की धरती में उगे असंवैधानिक पौधे की कलम अलग - अलग तरीके से बेशरम पौधे की माफिक फैल कर लोकतांत्रिक व्यवस्था का गला घोंटती दिख रही है। आजाद हिन्दुस्तान के इतिहास में शायद यह मौका है जब केंचुआ प्रधानमंत्री के आगे रीढ़ विहीन मृतप्राय पड़ा हुआ है जिसे ना सुनाई देता है ना ही दिखाई देता है। वह तो उस खिलौने की माफिक उतना  ही चलता है जितनी चाबी भरी राम ने। इतना लाचार, निरीह तो इंदिरा गांधी के समय में भी नहीं था केंचुआ जिसे तानाशाह तक कहा गया है ।* *अभी कुछ दिन पहले ही सलेक्टेड न्यूज एंकरों ने मोदी के इंटरव्यू को दिखाया है जिसमें पीएम नरेन्द्र मोदी यह कहते हुए दिखाई दे

घंटाघर रोड पर अतिक्रमण नहीं टूट सकता सैकड़ों नोटिस जरूर टूटकर मिट्टी में मिल गए, बेजा कब्जे की ठोकर से ट्रिपल एंजिन सरकार के कलपुर्जे चौपट

 घंटाघर रोड पर अतिक्रमण नहीं टूट सकता सैकड़ों नोटिस जरूर टूटकर मिट्टी में मिल गए, बेजा कब्जे की ठोकर से ट्रिपल एंजिन सरकार के कलपुर्जे चौपट  कटनी। जिले की राजनीति की आन-बान-शान क्या है, इसका सरल जबाव है- घंटाघर जगन्नाथ रोड। पिछले पांच विधान सभा चुनावों मेें और इतने ही लोक सभा चुनाव में इस सडक़ का मुद्दा अजेय बनकर तना रहता है। घंटाघर रोड अच्छी सडक़ बनने वाली है- ऐसा भोंपू भाजपा की ट्रिपल एंजिन वाली सरकार ने हमेशा बजाया है, लेकिन न तो सडक़ बनी, न ही इसके किनारों पर आबाद अवैध कब्जे टूटे। ननि प्रशासन ने अवैध कब्जों पर नोटिस के तीर छोड़े, सब तीर टुकड़े-टुकड़े होकर टूट गए और अतिक्रमण की अखण्ड सम्प्रभुता पर आंच नहीं आई। बेजा कब्जा की दीवारों पर ननि ने दस साल पहले  नाप लिख दी कि इतना बेजा कब्जा हटाया जाएगा, लेकिन एक सेंटीमीटर भी कब्जा नहीं  हटाया। ये नाम जोख के निशान आज  भी दीवारों पर अंकित है, जिसे देखने पढऩे वाले समझ गए हैं कि यह प्रशासनिक झूठ की इबारतों के अलावा कुछ नहीं है। वस्तु स्थिति यह है कि परचून ट्रांसपोर्ट का काम घंटाघर रोड से होता है। पहले थोक गल्ला मंडी यही हुआ करती थी जो 1986 में पह