उचित मूल्य दुकान टोला में सेल्समैन सोहन पाण्डेय के द्वारा राशन में की जाती हैं हेरा - फेरी उमरियापान | उचित मूल्य दुकान टोला में काला बाजारी का खेल किया जाता हैं। जो शिकायतकर्ता होता हैं उसको एक कट्टी राशन देकर मना लिया जाता हैं ऐसा सूत्रों के द्वारा बताया गया। लेखा - जोखा में भी जमकर गड़बड़ी की जाती हैं। जिस बालक को राशन बाटने के लिए भेजा जाता हैं उसको बात करने का भी लहजा नही हैं गरीब तबके के लोग राशन लेने आते हैं तो सोहन पाण्डेय का पुत्र रौब झाड़ते हुए नजर आता हैं। स्मरण रहे कि सोहन पाण्डेय के द्वारा राशन तो बाटा ही नही जाता हैं पुत्र राशन बाटने आता हैं तो सोहन पाण्डेय को टोला दुकान की गतिविधियों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसी तारतम्य में सोहन पाण्डेय के द्वारा ना नमक दिया जाता और ना ही शक्कर का वितरण किया जाता हैं। राशन वितरण के उपरांत अंतिम समय में लोग गेहूं को खरीदने आते हैं तो सोहन पाण्डेय के द्वारा राशन को बेच दिया जाता हैं ऐसा सूत्रों के द्वारा बताया गया। *पुत्र के पास बात करने का लहजा नहीं, गरीब तबके के हितग्राही परेशान* जहां पिता को महारथ हासिल हों वहां पुत्र को पद मे