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पोड़ी खिरवा में मानवता को स्थानीय लोगों ने रखा जिंदा, रोडो मे गौ माता रो रोकर सुना रही अपना दर्द लेकिन कोई सुनने वाला नहीं, सड़क पर बिखरी दर्द की चीखें

 पोड़ी खिरवा में मानवता को स्थानीय लोगों ने रखा जिंदा, रोडो मे गौ माता रो रोकर सुना रही अपना दर्द लेकिन कोई सुनने वाला नहीं, सड़क पर बिखरी दर्द की चीखें ढीमरखेड़ा  |  भारत में गाय को केवल एक पशु नहीं माना जाता, बल्कि वह ‘गौमाता’ के रूप में पूजी जाती है। हमारे धार्मिक ग्रंथों में गाय को जीवनदायिनी बताया गया है। उसका दूध, गोबर और गौमूत्र सभी किसी न किसी रूप में उपयोगी हैं। गांव-गांव में गाय को परिवार का हिस्सा समझा जाता है। ऐसे में सड़क पर तड़पती गायें केवल पशु नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और मान्यताओं का अपमान हैं स्मरण रहे कि एक तेज रफ्तार ट्रक ने अचानक सड़क पर चल रही दो गायों को बेरहमी से कुचल दिया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों गायें दर्द से कराह उठीं और सड़क पर गिर पड़ीं। उनके शरीर से खून बहने लगा, और वे असहनीय पीड़ा में बार-बार उठने की कोशिश करतीं, लेकिन गिर जातीं। उनकी आंखों में जो दर्द था, वह इंसान का दिल पिघलाने के लिए काफी था, लेकिन अफसोस, शासन-प्रशासन का दिल नहीं पिघला। इस दुखद क्षण में, वहां मौजूद कुछ संवेदनशील लोग तुरंत आगे आए। ओमकार चौबे, मोहित पाण्डेय, महेंद्र प...

तहसील ढीमरखेड़ा के ग्राम पंचायत पोड़ी कला बी निवासी प्रवीण कुमार मिश्रा को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई

 तहसील ढीमरखेड़ा के ग्राम पंचायत पोड़ी कला बी निवासी प्रवीण कुमार मिश्रा को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई ढीमरखेड़ा | जन्मदिन हर व्यक्ति के जीवन में एक विशेष दिन होता है। यह वह दिन है जब हम अपने प्रियजनों के साथ खुशियों को साझा करते हैं, अपने जीवन की उपलब्धियों और अनुभवों पर नजर डालते हैं, और आने वाले समय के लिए नए संकल्प लेते हैं। आज का दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिन तहसील ढीमरखेड़ा के ग्राम पंचायत पोड़ी कला बी के सम्मानित और लोकप्रिय निवासी प्रवीण कुमार मिश्रा जी का जन्मदिन है। गांव के लोग, मित्रगण, रिश्तेदार, शुभचिंतक और पूरा समुदाय इस अवसर पर उन्हें दिल से बधाई दे रहा है। प्रवीण जी का जीवन, उनका व्यक्तित्व और समाज के प्रति उनका दृष्टिकोण सबके लिए प्रेरणादायक है।प्रवीण कुमार मिश्रा जी का जन्म एक साधारण लेकिन संस्कारवान परिवार में हुआ। उनका जन्म ग्राम पंचायत पोड़ी कला बी, तहसील ढीमरखेड़ा में हुआ। बचपन से ही वे होनहार, अनुशासनप्रिय और संस्कारी थे। उनके माता-पिता ने उन्हें न केवल शिक्षा के महत्व को समझाया बल्कि जीवन में ईमानदारी, मेहनत और नैतिकता का मूल्य भी...

जनपद ढीमरखेड़ा से उमड़ी राष्ट्रभक्ति की बयार, तिरंगा यात्रा का गौरवशाली आयोजन तिरंगा केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं, यह भारत की आत्मा है

 जनपद ढीमरखेड़ा से उमड़ी राष्ट्रभक्ति की बयार, तिरंगा यात्रा का गौरवशाली आयोजन तिरंगा केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं, यह भारत की आत्मा है ढीमरखेड़ा |  भारत का राष्ट्रीय ध्वज केवल तीन रंगों का कपड़ा मात्र नहीं, बल्कि यह हमारे गौरव, स्वतंत्रता, बलिदान और एकता का प्रतीक है। जब-जब तिरंगा हवा में लहराता है, यह हमें उन लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की याद दिलाता है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें आज़ादी दिलाई। इसी राष्ट्रभक्ति की भावना को जन-जन तक पहुँचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर “हर घर तिरंगा” अभियान चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य है तिरंगे को केवल सरकारी भवनों तक सीमित न रखकर हर नागरिक के घर तक पहुँचाना। इसी क्रम में जनपद ढीमरखेड़ा से लेकर उमरियापान तक एक भव्य और ऐतिहासिक तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा न केवल एक सांकेतिक कार्यक्रम थी, बल्कि एक ऐसी भावना का ज्वार थी जिसमें हर उम्र, हर वर्ग और हर क्षेत्र के लोग एकजुट हुए। जनपद ढीमरखेड़ा में सुबह से ही माहौल कुछ खास था। गाँव-गाँव से लोग अपने हाथों में तिरंगा लेकर मुख्य स्थान पर पहुँच रहे थे। बच्चे...

जितने अधिकारी, कर्मचारी, नेता और ठेकेदार हैं इनके ऊपर होना चाहिए EOW की जांच अगर इनके पास आय से अत्यधिक संपत्ति है तो इनकी संपत्ति से स्कूल और हास्पिटल का निर्माण कराया जाए अच्छी शिक्षा से ही देश का बदलाव होगा , EOW की जांच, भ्रष्टाचार पर रोक और देश के विकास की राह

 जितने अधिकारी, कर्मचारी, नेता और ठेकेदार हैं इनके ऊपर होना चाहिए EOW की जांच अगर इनके पास आय से अत्यधिक संपत्ति है तो इनकी संपत्ति से स्कूल और हास्पिटल का निर्माण कराया जाए अच्छी शिक्षा से ही देश का बदलाव होगा , EOW की जांच, भ्रष्टाचार पर रोक और देश के विकास की राह ढीमरखेड़ा |  देश की तरक्की का रास्ता केवल सड़कों, पुलों और ऊंची इमारतों से होकर नहीं गुजरता, बल्कि यह उस शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय से बनता है जो नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को सीधे प्रभावित करता है। लेकिन दुर्भाग्य से हमारे देश में कई अधिकारी, कर्मचारी, नेता और ठेकेदार ऐसे हैं जिन्होंने अपने पद और अधिकार का दुरुपयोग कर अपार संपत्ति अर्जित की है, जो उनकी वास्तविक आय से कहीं अधिक है। इस तरह की संपत्ति को यदि सही दिशा में लगाया जाए, तो देश की किस्मत बदल सकती है। इसी संदर्भ में EOW की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। यह संस्था भ्रष्टाचार, आर्थिक अपराध और आय से अधिक संपत्ति के मामलों की जांच के लिए बनाई गई है। अगर इसे सही ढंग से और निष्पक्ष रूप से इस्तेमाल किया जाए, तो देश की करोड़ों-करोड़ों की लूटी हुई पू...

बिछड़ा कुछ इस अदा से कि रुत ही बदल गई, इक शख़्स सारे शहर को वीरान कर गया, ग्राम पंचायत भमका के रोजगार सहायक श्रीकांत रावते का निधन एक संवेदनशील श्रद्धांजलि

 बिछड़ा कुछ इस अदा से कि रुत ही बदल गई, इक शख़्स सारे शहर को वीरान कर गया, ग्राम पंचायत भमका के रोजगार सहायक श्रीकांत रावते का निधन एक संवेदनशील श्रद्धांजलि ढीमरखेड़ा |  जीवन और मृत्यु का रिश्ता ऐसा है जिसे कोई भी बदल नहीं सकता। जन्म लेना और फिर इस संसार को छोड़कर चले जाना, प्रकृति का अटल नियम है। लेकिन जब यह क्षण हमारे अपने किसी प्रियजन के साथ आता है, तब यह एक गहरी चोट की तरह दिल को भेद जाता है। ग्राम पंचायत भमका में पदस्थ रोजगार सहायक श्रीकांत रावते का गंभीर बीमारी के उपचार के दौरान निधन इस सच्चाई का ताजा उदाहरण है, जिसने पूरे क्षेत्र को गहरे शोक में डुबो दिया। कुछ महीनों पहले उन्हें अचानक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां शुरू हुईं। शुरुआत में इसे सामान्य कमजोरी समझा गया, लेकिन जब स्थिति बिगड़ती गई, तो परिवार ने उन्हें बड़े अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने गंभीर बीमारी की पुष्टि की, जिसके बाद इलाज का लंबा दौर शुरू हुआ। बीमारी के दौरान भी उन्होंने मानसिक रूप से हार नहीं मानी। अस्पताल में रहते हुए भी वे पंचायत के काम और लोगों के हालचाल के बारे में पूछते थे। परिवारजन और मित्र उन...

समस्या की जड़ केवल तहसीलदार नहीं, समस्त तंत्र पर हो ध्यान, जैसे तहसीलों में दो-दो तहसीलदार नियुक्त किए जा रहे हैं, उसी प्रकार SDM व कलेक्टर कार्यालय में भी दो-दो अधिकारी नियुक्त किए जाएं, सरकार को करना चाहिए अपना ध्यान आकर्षित

 समस्या की जड़ केवल तहसीलदार नहीं, समस्त तंत्र पर हो ध्यान, जैसे तहसीलों में दो-दो तहसीलदार नियुक्त किए जा रहे हैं, उसी प्रकार SDM व कलेक्टर कार्यालय में भी दो-दो अधिकारी नियुक्त किए जाएं, सरकार को करना चाहिए अपना ध्यान आकर्षित ढीमरखेड़ा |  शीर्षक पढ़कर दंग मत होना यह कहानी हैं सरकार के द्वारा अन्याय पूर्ण रवैए की, मध्यप्रदेश जैसे बड़े राज्य में राजस्व न्यायालयों की भूमिका ग्रामीण जनता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। चाहे वह भूमि विवाद हों, नामांतरण प्रकरण हों या सीमांकन, हर मामला प्रत्यक्ष रूप से आमजन के जीवन से जुड़ा होता है। परंतु वर्तमान में इन मामलों के निराकरण की दर और लंबित प्रकरणों की संख्या प्रशासनिक तंत्र की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाती है।  *वर्तमान स्थिति का विश्लेषण तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार स्तर पर* औसत निराकरण दर: 71.56% 5 वर्ष से अधिक लंबित प्रकरण: 51 यह दर्शाता है कि इन स्तरों पर काम अपेक्षाकृत बेहतर हो रहा है, लेकिन इसके पीछे का एक बड़ा कारण यह भी है कि इन अधिकारियों को जनता के प्रत्यक्ष संपर्क में रहकर काम करना पड़ता है, जिस कारण प्रशासनिक दबाव...

शासन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ पटवारी संघ हुआ लामबंद, कटनी में संयुक्त कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

 शासन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ पटवारी संघ हुआ लामबंद, कटनी में संयुक्त कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन ढीमरखेड़ा |  भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में सरकारी कर्मचारी शासन और प्रशासन की रीढ़ माने जाते हैं। वे सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने में अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन जब इन्हीं कर्मचारियों के साथ भेदभावपूर्ण, दमनकारी और अलोकतांत्रिक नीतियां अपनाई जाती हैं, तो स्वाभाविक है कि वे संगठित होकर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ें। ऐसा ही एक घटनाक्रम मध्यप्रदेश के कटनी जिले में देखने को मिला, जहां पटवारी संघ शासन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ लामबंद हुआ और संयुक्त कलेक्टर को एक सशक्त ज्ञापन सौंपा। पटवारी भारतीय राजस्व व्यवस्था की एक अत्यंत महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं। वे न केवल भूमि रिकॉर्ड, सीमांकन, नामांतरण, फसल कटाई निरीक्षण, और राजस्व वसूली जैसे कार्यों के लिए जिम्मेदार होते हैं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन की आँख, कान और हाथ भी होते हैं। लेकिन विडंबना यह है कि जो कर्मचारी जमीनी स्तर पर सबसे अधिक मेहनत करता है, उसे ही सबसे कम सुविधाएं, कम वेतन, अत्यधिक कार्यभार और राजनीतिक हस्तक्षेप ...