राजस्व अमला बना घोटाले का पर्याय किसान त्रस्त, जवाबदेही गायब, जांच की आंच में झुलसेगा ढीमरखेड़ा का राजस्व अमला फर्जी सिकवी नामा रजिस्ट्रेशन का मामला कलेक्टर तक पहुंचा, कई पर गिर सकती है गाज, केंद्र प्रभारियों और ऑपरेटराे की भूमिका संदिग्ध, गिर सकती हैं निलंबन की गाज कार्यवाही पर किसानों की नज़र, जितने हुए फर्जी रजिस्ट्रेशन उनकी होना चाहिए जांच
राजस्व अमला बना घोटाले का पर्याय किसान त्रस्त, जवाबदेही गायब, जांच की आंच में झुलसेगा ढीमरखेड़ा का राजस्व अमला फर्जी सिकवी नामा रजिस्ट्रेशन का मामला कलेक्टर तक पहुंचा, कई पर गिर सकती है गाज, केंद्र प्रभारियों और ऑपरेटराे की भूमिका संदिग्ध, गिर सकती हैं निलंबन की गाज कार्यवाही पर किसानों की नज़र, जितने हुए फर्जी रजिस्ट्रेशन उनकी होना चाहिए जांच
कटनी | ढीमरखेड़ा क्षेत्र में राजस्व अमले की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। क्षेत्र में फर्जी तरीके से सिकवी नामा के आधार पर फर्जी रजिस्ट्रेशन कराने का गंभीर मामला सामने आया है।पीड़ितों की शिकायत अब कलेक्टर तक पहुंच गई है, जिसके बाद पूरे राजस्व अमले में हड़कंप मच गया है। सूत्रों के अनुसार, कुछ पटवारियों ने बिना सत्यापन के ऐसे किसानों की भूमि पर धान बोई हुई दिखा दी, जिनके खेतों में वास्तविक रूप से कोई फसल नहीं थी। धान बोई दिखाकर भूमि को उत्पादक श्रेणी में दर्शाया गया और इसी आधार पर रजिस्ट्रेशन कराने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई। इससे न केवल भूमि अभिलेखों में गंभीर अनियमितता हुई, बल्कि भूमि स्वामियों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा। मामले में केंद्र प्रभारी और संबंधित ऑपरेटरों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। आरोप है कि पूरे प्रकरण को मिलीभगत से अंजाम दिया गया। शिकायतकर्ता ने कलेक्टर से मांग की है कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। कलेक्टर कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, शिकायत की प्राथमिक जांच शुरू कर दी गई है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो संबंधित पटवारी, केंद्र प्रभारी एवं ऑपरेटरों पर निलंबन सहित अन्य दंडात्मक कार्रवाई संभव है। इस घटना ने राजस्व विभाग पर फिर एक बार अविश्वास की स्थिति पैदा कर दी है। ग्रामीणों में आक्रोश है और लोग पारदर्शी जांच की मांग कर रहे हैं।

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें