मुख्यमंत्री का बयान वायरल सचिव और रोज़गार सहायक की क्या औकात , गलत करेंगे तो हटा दिए जाएंगे दैनिक ताजा खबर के प्रधान संपादक राहुल पाण्डेय ने कहा कि इनको हटाए नहीं जब इनके कार्यकाल की नौकरी पूरी हो जाए तो इनके मानदेय को जोड़कर बाकी पूरी इनकी संपत्ति जनता में बांट दिया जाए
मुख्यमंत्री का बयान वायरल सचिव और रोज़गार सहायक की क्या औकात , गलत करेंगे तो हटा दिए जाएंगे दैनिक ताजा खबर के प्रधान संपादक राहुल पाण्डेय ने कहा कि इनको हटाए नहीं जब इनके कार्यकाल की नौकरी पूरी हो जाए तो इनके मानदेय को जोड़कर बाकी पूरी इनकी संपत्ति जनता में बांट दिया जाए
कटनी | प्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक हलचल के बीच मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव का एक बयान तेजी से वायरल हो गया है । मुख्यमंत्री ने अपने तीखे अंदाज़ में कहा सचिव और रोज़गार सहायक की क्या औकात, अगर गलत करेंगे तो हटा दिए जाएंगे । यह बयान न केवल सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था और ग्राम स्तर के कामकाज पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। मुख्यमंत्री के इस बयान ने उन सचिवों और रोजगार सहायकों के बीच खलबली मचा दी है जो पंचायतों में मनमानी करते हैं या जनता की समस्याओं की अनदेखी करते हैं। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने अपने भाषण में स्पष्ट कहा कि सरकार जनता के अधिकारों के साथ खिलवाड़ नहीं होने देगी । ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता और जवाबदेही ही सुशासन की नींव है। अगर कोई अधिकारी, सचिव या रोजगार सहायक जनता के साथ अन्याय करता है, योजनाओं में भ्रष्टाचार करता है या गरीबों के हक का पैसा खाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी । मुख्यमंत्री का यह बयान जनता के बीच राहत और विश्वास का संदेश लेकर आया है।
*जनता ही असली मालिक है राहुल पाण्डेय*
दैनिक ताज़ा खबर के प्रधान संपादक राहुल पाण्डेय ने मुख्यमंत्री के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि अब समय आ गया है जब पंचायत स्तर पर जवाबदेही तय होनी चाहिए।उन्होंने कहा इन सचिवों और रोजगार सहायकों को केवल हटाने से काम नहीं चलेगा । जब इनका कार्यकाल पूरा हो जाए, तो इनके पूरे मानदेय का हिसाब जोड़ा जाए और जितना पैसा जनता के विकास में नहीं लगाया गया, उसे वसूली के रूप में जनता में बाँट दिया जाए यही असली न्याय होगा । राहुल पाण्डेय ने कहा कि ग्राम पंचायतों में जो लोग जनता के भरोसे पर नौकरी करते हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि वे जनता के सेवक हैं, शासक नहीं । जनता से जुड़ी योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, नल-जल योजना, मनरेगा, सड़क निर्माण या जनकल्याण योजनाएं अगर समय पर नहीं होतीं तो इसकी सीधी जिम्मेदारी सचिवों और रोजगार सहायकों पर आती है।
*भ्रष्टाचार और लापरवाही का जाल*
प्रदेश के कई जिलों में सचिवों और रोजगार सहायकों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग चुके हैं। कहीं आवास योजना के पैसे में हेराफेरी होती है, तो कहीं नल-जल योजनाएं अधूरी पड़ी रहती हैं। कई जगहों पर मजदूरों को उनके मेहनताने के पैसे नहीं मिलते। यह सब वही लोग करते हैं जो जनता की सेवा के लिए नियुक्त किए गए हैं। मुख्यमंत्री का बयान ऐसे लोगों के लिए सीधी चेतावनी है कि अगर अब भी नहीं सुधरे तो नौकरी ही नहीं, मान - सम्मान भी चला जाएगा।राहुल पाण्डेय ने कहा कि ग्राम स्तर पर अक्सर देखने को मिलता है कि सचिव और रोजगार सहायक मिलकर योजनाओं में कमीशनबाजी का खेल खेलते हैं। गांवों में विकास के नाम पर जो फाइलें बनती हैं, वे अक्सर भ्रष्टाचार की कहानी बयां करती हैं। लेकिन अब जनता जागरूक हो चुकी है।आज हर ग्रामीण जानता है कि उसके गांव में कितनी राशि आई है और कहां खर्च हुई।
*पारदर्शिता की मांग*
राहुल पाण्डेय ने आगे कहा कि सरकार को चाहिए कि पंचायतों के सभी लेन-देन ऑनलाइन किए जाएं और हर योजना की जानकारी ग्राम दीवारों पर सार्वजनिक रूप से लिखी जाए। अगर कोई अधिकारी या सचिव जनता के पैसे से खिलवाड़ करता है तो उसकी संपत्ति जब्त की जानी चाहिए। केवल निलंबन या ट्रांसफर से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा। उन्होंने कहा इन लोगों ने जनता का हक खाया है, इसलिए जनता के बीच से ही न्याय मिलना चाहिए। जब तक जनता के पैसों से नुकसान की भरपाई जनता को नहीं मिलेगी, तब तक असली बदलाव नहीं आएगा ।
*जनता की आवाज बन रहा मीडिया*
मुख्यमंत्री मोहन यादव और राहुल पाण्डेय के बयानों ने यह साबित कर दिया है कि अब मीडिया और सरकार, दोनों ही जनता के हित में जवाबदेही तय करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। दैनिक ताज़ा खबर जैसे मीडिया संस्थान लगातार ऐसे मुद्दों को उठाकर प्रशासन को आईना दिखा रहे हैं । राहुल पाण्डेय ने यह भी कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था में बदलाव तभी संभव है जब नीचे से लेकर ऊपर तक जवाबदेही तय हो। ग्राम पंचायतों में कार्यरत अधिकारी खुद को “छोटा राजा” समझने लगे हैं, जबकि वे जनता के सेवक हैं। मुख्यमंत्री का यह बयान उनके लिए एक स्पष्ट संदेश है कि सरकार अब किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार या लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी।

तुम ख़ुद कितने पेसो में बिकते हो उसका हिसाब भी दे दो
जवाब देंहटाएं