सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

प्रशांत मिश्रा पत्रकारिता में एक क्रांतिकारी आवाज, दैनिक रेवांचल टाइम्स अख़बार में अपनी अलख जगाने वाले पत्रकार प्रशांत मिश्रा जो कि पत्रकारिता की डिग्री करके ढीमरखेड़ा क्षेत्र और कटनी जिला में मचा रहे हैं तहलका, वकालत भी करके लोगों की करते हैं मदद

 प्रशांत मिश्रा पत्रकारिता में एक क्रांतिकारी आवाज, दैनिक रेवांचल टाइम्स अख़बार में अपनी अलख जगाने वाले पत्रकार प्रशांत मिश्रा जो कि पत्रकारिता की डिग्री करके ढीमरखेड़ा क्षेत्र और कटनी जिला में मचा रहे हैं तहलका, वकालत भी करके लोगों की करते हैं मदद



ढीमरखेड़ा |  प्रशांत मिश्रा, जिनकी लेखनी में गहरी धारा है, पत्रकारिता के क्षेत्र में एक आदर्श पत्रकार के रूप में उभर कर सामने आए हैं। वे न केवल एक कुशल पत्रकार हैं, बल्कि वकालत में भी सक्रिय रूप से कार्यरत हैं, जिससे वे समाज के कमजोर वर्गों की मदद करते हैं। उनका लेखन, उनकी अनूठी शैली, और उनकी समझ समाज और प्रशासन पर गहरी छाप छोड़ते हैं। दैनिक रेवांचल टाइम्स के माध्यम से वे ढीमरखेड़ा क्षेत्र और कटनी जिले में अपनी लेखनी के जरिए तहलका मचा रहे हैं।

*पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रशांत मिश्रा का योगदान*

प्रशांत मिश्रा का पत्रकारिता से जुड़ाव लगभग 15 साल पुराना है। उन्होंने अपनी शुरुआत नवभारत समाचार पत्र से की थी, जहाँ उन्होंने कई महत्वपूर्ण खबरों और घटनाओं को कवर किया। इसके बाद, उनकी रुचि और कड़ी मेहनत के चलते वे दैनिक रेवांचल टाइम्स के साथ जुड़ गए, जहां उनकी पत्रकारिता की शैली ने उन्हें एक अलग पहचान दिलाई। प्रशांत मिश्रा की लेखनी न केवल सूचनात्मक होती है, बल्कि उसमें समाज के हर पहलू की गंभीरता और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण भी होता है। वे सिर्फ घटनाओं का विवरण नहीं देते, बल्कि उन घटनाओं के पीछे के कारणों और उनकी संभावित दूरगामी प्रभावों का भी विश्लेषण करते हैं। यही कारण है कि उनके लेखों में न केवल पठनीयता है, बल्कि उसमें गहरी सोच और समाज के लिए एक संदेश भी होता है।

*प्रशांत मिश्रा का प्रभावशाली लेखन और प्रशासन पर प्रभाव*

प्रशांत मिश्रा की लेखनी से अधिकारी और प्रशासन भी प्रभावित होते हैं। उनके लेखों में इतनी ताकत होती है कि वे अधिकारियों को झकझोरने का काम करते हैं। एक उदाहरण के रूप में, कई अधिकारियों ने यह माना है कि वे प्रशांत मिश्रा के लेख नहीं पढ़ते तो उन्हें कार्य करने में मन नहीं लगता। इसका मतलब यह है कि उनके लेख न केवल सूचना का आदान-प्रदान करते हैं, बल्कि वे प्रशासनिक कार्यों की दिशा और गति पर भी प्रभाव डालते हैं। उनकी लेखनी में किसी भी मुद्दे की जड़ तक जाने की क्षमता होती है। चाहे वह भ्रष्टाचार की बात हो, सरकारी योजनाओं में खामियां हो, या समाज में फैली किसी अन्य समस्या पर चर्चा हो, वे उन समस्याओं को सामने लाकर प्रशासन को जागरूक करते हैं। उनकी रिपोर्टिंग से अधिकारी और जनप्रतिनिधि खुद को जिम्मेदार महसूस करते हैं और उन्हें अपने कार्यों में सुधार की प्रेरणा मिलती है।

*वकालत में सक्रियता और समाज सेवा*

प्रशांत मिश्रा केवल पत्रकारिता तक ही सीमित नहीं हैं, वे एक वकील भी हैं। उनकी वकालत के जरिए भी वे समाज की सेवा करते हैं। वे उन लोगों की मदद करते हैं, जो न्याय के लिए संघर्ष कर रहे होते हैं। उनका मानना है कि समाज का हर वर्ग न्याय का हकदार है, और उन्हें इसका पूरा-पूरा लाभ मिलना चाहिए। प्रशांत मिश्रा ने कई ऐसे मामले लड़े हैं, जिनमें गरीब और कमजोर वर्ग के लोग न्याय के लिए लड़े थे। उनका यह मानना है कि पत्रकारिता और वकालत दोनों को समाज की भलाई के लिए जोड़ा जा सकता है। वे यह भी मानते हैं कि पत्रकारिता केवल सूचना का आदान-प्रदान नहीं है, बल्कि यह समाज में सुधार लाने का एक उपकरण है।

*पत्रकारिता में समर्पण और वकालत की दिशा में कदम*

प्रशांत मिश्रा का समर्पण पत्रकारिता के प्रति प्रशंसनीय है। वे हमेशा समाज के लिए काम करने के लिए प्रेरित रहते हैं और अपने लेखों के माध्यम से लोगों को जागरूक करते हैं। उनका लेखन, जो गहरी सोच और समझ से प्रेरित होता है, आने वाले समय में और भी प्रभावशाली बनेगा। उनके लेख न केवल ढीमरखेड़ा और कटनी क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, बल्कि यह पूरे प्रदेश और देश में एक संदेश देते हैं कि पत्रकारिता का उद्देश्य केवल सूचनाओं का आदान-प्रदान नहीं है, बल्कि यह समाज में बदलाव लाने का एक माध्यम है।

*डर नाम का कोई शब्द नहीं निर्भीकता से करते हैं पत्रकारिता*

प्रशांत मिश्रा ने हमेशा समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लिया है। वे मानते हैं कि पत्रकारिता का उद्देश्य सिर्फ सत्य का पर्दाफाश करना ही नहीं, बल्कि लोगों के अधिकारों की रक्षा करना और सरकार को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास कराना भी है। उन्होंने कई ऐसे मामलों को उठाया है, जो सामान्यत: अनदेखे रहते हैं, और इस प्रक्रिया में वे न केवल अधिकारियों को बल्कि समाज को भी एक जागरूकता प्रदान करते हैं। प्रशांत मिश्रा का पत्रकारिता के क्षेत्र में योगदान अतुलनीय है। उन्होंने अपनी लेखनी से प्रशासन को जवाबदेह बनाया है और समाज के हर तबके के लिए कार्य किया है। उनका यह समर्पण और साहस उनकी लेखनी में प्रकट होता है, जिससे वे न केवल ढीमरखेड़ा और कटनी जिले के एक प्रभावशाली पत्रकार बने हैं, बल्कि उन्होंने समाज में एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में भी काम किया है। उनका यह यात्रा आगे भी जारी रहेगी, और वे पत्रकारिता की दुनिया में एक मिसाल बनकर उभरेंगे।

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

popular post

झाड़ियों में मिला नवजात शिशु, रंडीबाजी की चुप्पी और नवजात की चीख

 झाड़ियों में मिला नवजात शिशु, रंडीबाजी की चुप्पी और नवजात की चीख ढीमरखेड़ा |  मध्यप्रदेश के कटनी जिले के ढीमरखेड़ा जनपद की ग्राम पंचायत भटगवां के आश्रित ग्राम भसेड़ा में एक हृदयविदारक घटना सामने आई। गांव के बाहरी हिस्से में स्थित घनी झाड़ियों में एक नवजात शिशु लावारिस अवस्था में पड़ा मिला। उसकी किलकारियों ने वहां से गुजर रहे ग्रामीणों का ध्यान खींचा और जल्द ही यह खबर पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। आनन-फानन में सरपंच अशोक दाहिया ने अपनी सक्रियता दिखाई और नवजात को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उमरियापान पहुंचाया, जहां उसका इलाज जारी है।यह घटना केवल एक बच्चे के मिलने भर की नहीं है; यह उस सामाजिक विडंबना की ओर इशारा करती है जहां अनैतिक संबंधों, देह व्यापार और सामाजिक डर के कारण नवजातों को उनके भाग्य के भरोसे छोड़ दिया जाता है। ग्राम भसेड़ा में सुबह के समय कुछ ग्रामीण लकड़ी बीनने निकले थे। तभी उन्हें झाड़ियों से किसी नवजात की रोने की आवाज सुनाई दी। पहले तो उन्हें भ्रम हुआ, पर जब वे पास पहुंचे तो वहां एक नवजात शिशु खून और माटी से सना हुआ पड़ा मिला। उसे देखकर सबके रोंगटे खड़े हो गए...

उमरियापान पुलिस की शानदार कार्यवाही, चोरी के 72 घंटे के भीतर आरोपी गिरफ्तार, लाखों के जेवरात व नगदी बरामद

 उमरियापान पुलिस की शानदार कार्यवाही, चोरी के 72 घंटे के भीतर आरोपी गिरफ्तार, लाखों के जेवरात व नगदी बरामद ढीमरखेड़ा |  उमरियापान थाना क्षेत्र के ग्राम महनेर में 22 अप्रैल को घटित चोरी की घटना ने न केवल पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी, बल्कि पुलिस के सामने भी एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी थी। चोरी की यह वारदात एक बुजुर्ग व्यक्ति के घर में हुई थी, जहां से लाखों रुपये मूल्य के सोने-चांदी के जेवरात और नगदी चोरी कर ली गई थी। किंतु उमरियापान पुलिस ने महज 72 घंटे के भीतर इस गंभीर मामले का खुलासा कर यह साबित कर दिया कि यदि नीयत और निगरानी सशक्त हो तो कोई भी अपराधी कानून के लंबे हाथों से बच नहीं सकता।  *बुजुर्ग के घर से लाखों की चोरी* 22 अप्रैल की रात ग्राम महनेर निवासी हरभजन काछी पिता राम गोपाल काछी, उम्र 70 वर्ष, जब अपने किसी पारिवारिक कार्य में व्यस्त थे, तभी उनके घर का ताला तोड़कर अज्ञात चोर ने कमरे में घुसकर घर में रखे बहुमूल्य सामान पर हाथ साफ कर दिया। हरभजन काछी द्वारा दर्ज की गई रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि चोर ने घर से सोने की पंचाली, पेंडल, अंगूठी, झुमकी, सोने की चेन, द...

कंपनी को हड़पने की महेन्द्र गोयनका की साजिश हुई नाकाम कटनी के विधायक संजय पाठक के पूर्व कर्मचारी गोयनका ने रची थी साजिश,कंपनी के 3 डायरेक्टरों की गिरफ्तारी को रोकने आईजी के पत्र पर हाईकोर्ट ने जताई हैरानी, कंपनी के डायरेक्टरों की अपील खारिज कर हाईकोर्ट ने कहा आईजी सिर्फ विवेचना अधिकारी बदल सकते हैं, गिरफ्तारी नहीं रोक सकते अब गिरफ्तार हो सकेंगे यूरो प्रतीक इस्पात कंपनी के तीनों फरार डायरेक्टर

 कंपनी को हड़पने की महेन्द्र गोयनका की साजिश हुई नाकाम कटनी के विधायक संजय पाठक के पूर्व कर्मचारी गोयनका ने रची थी साजिश,कंपनी के 3 डायरेक्टरों की गिरफ्तारी को रोकने आईजी के पत्र पर हाईकोर्ट ने जताई हैरानी, कंपनी के डायरेक्टरों की अपील खारिज कर हाईकोर्ट ने कहा  आईजी सिर्फ विवेचना अधिकारी बदल सकते हैं, गिरफ्तारी नहीं रोक सकते अब गिरफ्तार हो सकेंगे यूरो प्रतीक इस्पात कंपनी के तीनों फरार डायरेक्टर जबलपुर । कटनी की एक इस्पात कंपनी को हड़पने के संबंध में महेन्द्र गोयनका की साजिश नाकाम हो गई है। कटनी के भाजपा विधायक संजय पाठक के पूर्व कर्मचारी गोयनका ने कंपनी हड़पने का यह पूरा ताना बाना रचा था इस साजिश में शामिल कंपनी के 4 डायरेक्टरों की अपील हाईकोर्ट से खारिज हो गई है।  मामले में आईजी की भूमिका पर सवाल उठने के बाद मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायाधीश विवेक जैन की युगलपीठ ने अपने विस्तृत फैसले में कहा है कि आईजी वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते किसी भी मामले का विवेचना अधिकारी तो बदल सकते हैं, लेकिन अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद वे आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं रोक सकते। इसके सा...