सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

विवादों के बीच ट्रेनी IAS पूजा खेडकर पर एक्शन, एकेडमी ने ट्रेनिंग रद्द कर वापस बुलाया

 विवादों के बीच ट्रेनी IAS पूजा खेडकर पर एक्शन, एकेडमी ने ट्रेनिंग रद्द कर वापस बुलाया



ढीमरखेड़ा | पूजा खेडकर को लेकर रोज नए - नए खुलासे हो रहे हैं। आरोप है कि पूजा खेडकर ने दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से बीमार होने का प्रमाण पत्र जमा करके यूपीएससी परीक्षा में हिस्सा लिया था। उसके आधार पर विशेष रियायतें पाकर वो आईएएस बनीं। यदि उन्हें यह रियायत नहीं मिलती तो उनके लिए प्राप्त अंकों के आधार पर आईएएस पद प्राप्त करना असंभव होता। पूजा पर आरोप है कि चयन के बाद पूजा को मेडिकल जांच से गुजरना था, लेकिन उन्होंने इसे टाल दिया। महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर (34 साल) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। विवादों में घिरने के बाद उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी ने पूजा खेडकर का महाराष्ट्र से ट्रेनिंग प्रोग्राम रद्द कर दिया है। इसके साथ ही एकेडमी ने उन्हें तत्काल वापस बुलाने के लिए लेटर भी जारी किया है। इसके अलावा एकेडमी ने महाराष्ट्र सरकार को भी इस संबंध में पत्र लिखकर सूचित किया गया है। ट्रेनी IAS पूजा खेडकर का नाम हाल ही में एक विवाद में सामने आया, जिसने उनके प्रशिक्षण और करियर पर गहरा प्रभाव डाला। विवाद की शुरुआत उस समय हुई जब पूजा खेडकर पर उनके व्यवहार और उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए कई आरोप लगे। इन आरोपों में अनुशासनहीनता, आचरण संबंधी समस्याएं और प्रशिक्षण के दौरान अन्य अस्वीकार्य गतिविधियां शामिल थीं।

*आखिर क्या हैं मामला*

पूजा खेडकर पर आरोप लगाए गए कि उन्होंने एकेडमी के नियमों और आचार संहिता का उल्लंघन किया है। आरोपों के अनुसार, उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान कई अनुशासनहीन गतिविधियों में शामिल होकर अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना की। साथ ही, उनके आचरण को लेकर भी सवाल उठाए गए, जिनमें उनके साथियों और वरिष्ठ अधिकारियों के प्रति असम्मानजनक व्यवहार शामिल था।

*एकेडमी की प्रतिक्रिया*

विवादों के बीच, एकेडमी ने इस मामले को गंभीरता से लिया और पूजा खेडकर के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया। प्रारंभिक जांच के बाद, एकेडमी ने पाया कि पूजा खेडकर के आचरण और व्यवहार में गंभीर खामियां हैं, जो एक IAS अधिकारी के लिए अस्वीकार्य हैं। इसके परिणामस्वरूप, एकेडमी ने उनके प्रशिक्षण को रद्द कर दिया और उन्हें तुरंत वापस बुला लिया।

*प्रशिक्षण रद्द करने का निर्णय*

एकेडमी ने यह निर्णय लिया कि पूजा खेडकर को उनके प्रशिक्षण से हटाकर वापस बुला लिया जाए। इस निर्णय का उद्देश्य था कि अनुशासनहीनता और आचरण संबंधी समस्याओं को गंभीरता से लिया जाए और इस प्रकार के व्यवहार को रोकने के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया जाए। एकेडमी के इस कदम से यह संदेश दिया गया कि किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता और अस्वीकार्य आचरण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

*भविष्य की संभावनाएं*

पूजा खेडकर के प्रशिक्षण रद्द होने और एकेडमी द्वारा वापस बुलाए जाने के बाद, उनके करियर पर गहरा प्रभाव पड़ा है। यह घटना न केवल उनके करियर के लिए हानिकारक है, बल्कि यह उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में भी चुनौतीपूर्ण है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पूजा खेडकर इस विवाद से कैसे निपटेंगी और अपने करियर को फिर से पटरी पर लाने के लिए क्या कदम उठाएंगी।ट्रेनी IAS पूजा खेडकर का विवाद और एकेडमी की ओर से की गई कार्रवाई एक महत्वपूर्ण घटना है, जो यह दर्शाती है कि अनुशासनहीनता और अस्वीकार्य आचरण को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि किसी भी प्रतिष्ठित संस्थान में अनुशासन और आचार संहिता का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। पूजा खेडकर के लिए यह एक कठिन समय है, लेकिन यह भी एक अवसर है कि वे अपनी गलतियों से सीखें और अपने करियर को एक नई दिशा में ले जाने का प्रयास करें।

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

popular post

पोड़ी कला बी निवासी अजय पटैल का निधन, रोने वालों ने उठा रक्खा था घर सर पर मगर, उम्र भर का जागने वाला पड़ा सोता रहा

 पोड़ी कला बी निवासी अजय पटैल का निधन, रोने वालों ने उठा रक्खा था घर सर पर मगर, उम्र भर का जागने वाला पड़ा सोता रहा ढीमरखेड़ा  |  पोड़ी कला बी ग्राम के प्रतिष्ठित एवं लोकप्रिय शिक्षक अजय पटैल का असामयिक निधन हो गया। उनके निधन से समूचे क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त हो गई है। अजय पटैल अपने पीछे पुत्र योगेश पटैल तथा पुत्रियाँ अनुराधा पटैल, पूजा पटैल और आस्था पटैल को शोकाकुल छोड़ गए हैं। परिवार के साथ ही पूरा समाज उनकी इस अनुपम क्षति से व्यथित है। शिक्षण क्षेत्र में अजय पटैल का योगदान अमूल्य माना जाता है। गणित जैसे कठिन विषय को वे इतनी सरलता और सहजता से समझाते थे कि छात्र न केवल विषय में दक्ष होते, बल्कि पढ़ाई के प्रति उनमें रुचि भी जागृत होती। उनके पढ़ाने का अंदाज़ विद्यार्थियों के दिल को छू लेने वाला था। दैनिक ताज़ा खबर के संपादक राहुल पाण्डेय ने गहरे दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि जब मैं स्वयं पढ़ाई करता था, तब अजय पटैल जी से गणित पढ़ना मेरे लिए सौभाग्य था। उनकी शिक्षा देने की कला अद्वितीय थी। आज यह समाचार लिखते समय मेरी आँखें बार-बार भर आ रही हैं और आँसू रुकने का नाम नहीं ले...

थाना उमरियापान पुलिस ने हत्या के प्रयास के आरोपियों को किया गिरफ्तार, भेजा जेल

 थाना उमरियापान पुलिस ने हत्या के प्रयास के आरोपियों को किया गिरफ्तार, भेजा जेल   कटनी |  थाना उमरियापान पुलिस ने हत्या के प्रयास के मामले में फरार चल रहे आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने में सफलता प्राप्त की है, लिहाजा दिनांक 18 अगस्त 2025 को प्रार्थी बेडीलाल चौधरी निवासी पकरिया थाना उमरियापान ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि गांव के ही सूरज चौधरी, सुरेन्द्र चौधरी एवं सोनाबाई चौधरी ने उसे गंदी-गंदी गालियां दीं और जान से मारने की नीयत से मारपीट कर गंभीर चोटें पहुंचाईं। प्रार्थी की रिपोर्ट पर थाना उमरियापान में अपराध क्रमांक 293/25 धारा 296, 109(1), 3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक कटनी श्री अभिनय विश्वकर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री संतोष डेहरिया तथा अनुविभागीय अधिकारी पुलिस स्लीमनाबाद श्रीमती आकांक्षा चतुर्वेदी के निर्देशन में आरोपियों की तलाश शुरू की गई। इस दौरान लगातार प्रयासों के बाद थाना उमरियापान पुलिस ने फरार चल रहे आरोपी सूरज चौधरी पिता शिवकुमार चौधरी उम्र 35 वर्ष एवं सुरेन्द्र चौधरी पिता शिवकुमार चौध...

कटनी में पदस्थ बीईओ ऑफिस में फैज़ अहमद संविदा लिपिक की नियुक्ति नियमों को ताक पर रखकर हुआ खेल, जांच हुई तो खुलेंगे बड़े राज

 कटनी में पदस्थ बीईओ ऑफिस में फैज़ अहमद संविदा लिपिक की नियुक्ति नियमों को ताक पर रखकर हुआ खेल, जांच हुई तो खुलेंगे बड़े राज कटनी  |  मध्यप्रदेश में शिक्षा विभाग हमेशा चर्चा में रहा है। एक ओर जहां सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने, पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार खत्म करने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर विभागीय कार्यालयों से आए दिन ऐसे समाचार सामने आते हैं जो पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर देते हैं।खासकर संविदा नियुक्तियाँ, जिन्हें बेरोजगार युवाओं के लिए अवसर माना जाता है, वे ही भ्रष्टाचार और मनमानी का अड्डा बन गई हैं। कटनी जिले के बीईओ ऑफिस में पदस्थ संविदा लिपिक फैज़ अहमद की नियुक्ति का मामला भी इसी तरह का है। आरोप है कि उनकी नियुक्ति नियमों और प्रक्रिया को ताक पर रखकर की गई। अगर इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो, तो कई ऐसे राज सामने आ सकते हैं जो यह साबित करेंगे कि संविदा नियुक्तियाँ पारदर्शी नहीं बल्कि “संपर्क और सिफारिश तंत्र” पर आधारित होती जा रही हैं। *बीईओ ऑफिस और उसकी भूमिका* बीईओ ऑफिस किसी भी ब्लॉक की शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी होता है। यहाँ से प्राथमिक और माध...