सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

पत्रकार सुरक्षा कानून और संगठन की समीक्षा को लेकर जेसीआई ने किया मंथन पूरे देश में लागू हो पत्रकार सुरक्षा कानून जेसीआई ने भेजा केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री को पत्र मान्यताप्राप्त व श्रमजीवी पत्रकारो के साथ गैर मान्यताप्राप्त पत्रकार भी हो इसके दायरे में शामिल

 पत्रकार सुरक्षा कानून और संगठन की समीक्षा को लेकर जेसीआई ने किया मंथन पूरे देश में लागू हो पत्रकार सुरक्षा कानून जेसीआई ने भेजा केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री को पत्र मान्यताप्राप्त व श्रमजीवी पत्रकारो के साथ गैर मान्यताप्राप्त पत्रकार भी हो इसके दायरे में शामिल



ढीमरखेड़ा | पत्रकारों की राष्ट्रीय संस्था जर्नलिस्ट काउंसिल आफ इंडिया ने आए दिन पत्रकारों पर हो रहे हैं हमले और उत्पीड़न को लेकर एक वर्चुअल मीटिंग का आयोजन किया। जिसकी अध्यक्षता संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ0 अनुराग सक्सेना एवं संचालन संगठन के राष्ट्रीय संयोजक डॉ0 आर0 सी0 श्रीवास्तव ने किया। वैसे तो संगठन के मीटिंग का सायं काल 3:00 बजे से 5:00 बजे तक का था परंतु जब संगठन के पदाधिकारीयों ने उक्त विषय पर अपने क्रांतिकारी विचार रखना शुरू किया तो फिर समय का ध्यान ही नहीं रहा और मीटिंग करीब साढ़े तीन घंटे तक चली।

सर्वप्रथम डॉ0 आर0 सी0 श्रीवास्तव द्वारा पत्रकारों पर आए दिन हो रहे हमले और उत्पीड़न को लेकर सभी के आगे मुद्दा रखा कि किस प्रकार से पत्रकारों की सुरक्षा और स्थानीय पत्रकारों को उनकी पहचान दिलाई जाए जिससे वह भी निर्भीक होकर सम्मान पूर्वक अपना कार्य कर सकें इस पर सर्वप्रथम बिहार से संयोजक कुणाल भगत ने अपने विचार रखते हुए चिंता व्यक्त किया और कहा कि बिहार में जी मीडिया एवं अन्य मीडिया घरानों के पत्रकारों के साथ जिस प्रकार से प्रशासन द्वारा अभद्र व्यवहार और धक्का मुक्की की गई यह लोकतंत्र में पत्रकारिता के लिए काले पन्ने पर अंकित किया जाएगा आज आवश्यकता है कि पत्रकार अपनी अहमियत को समझे और संगठित होकर सरकार के खिलाफ और व्यवस्था के खिलाफ अपने हक को लेकर लामबंद हो ताकि उसकी आवाज सुनी जाए और उसका हक उसे मिल सके। वरिष्ठ पदाधिकारी सलमान खान ने भी व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए पत्रकारों को एक छत के नीचे जेसीआई के सानिध्य में रहकर पत्रकार हितों की मांग बुलंद करने की नसीहत दी। इस अवसर पर अपना मत व्यक्त करते हुए संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष  डॉ0 अनुराग सक्सेना ने कहा कि आज पत्रकारिता अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है और इसका जितना श्रेय व्यवस्था को जाता है उतना ही श्रेय पत्रकार साथियों को भी जाता है क्योंकि पत्रकार साथियों ने ना तो कभी अपने हितों की सुरक्षा के लिए सोचा है और न ही कभी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूती से खड़े हुए हैं इसलिए अब समय आ गया है कि संगठित होकर अपने हक और हुकूक की लड़ाई लड़ी जाए इसी में हमारी भलाई है। वरिष्ठ पदाधिकारी, पत्रकार एवं एडवोकेट सचिन श्रीवास्तव ने कहा कि अब समय आ गया है जब हमें छोटे बड़े लड़ाई छोड़कर एक साथ आना चाहिए और अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़नी चाहिए। वरिष्ठ पदाधिकारी अश्वनी बडगईया ने कहा कि मध्य प्रदेश में संगठन का विस्तार किया जा रहा है जल्द ही इसे पूर्ण कर लिया जाएगा ताकि पूरी ताकत के साथ पत्रकारों की लड़ाई लड़ी जा सके। वरिष्ठ पत्रकार साथी एवं फतेहपुर के जिला अध्यक्ष शाह आलम वारसी ने कहा कि फतेहपुर में हमारा संगठन बहुत मजबूत है और हम और हमारा संगठन हर समय पत्रकारों के हक की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है।

वरिष्ठ पत्रकार एवं संगठन के राष्ट्रीय पदाधिकारी श्री अशोक झा ने कहा कि पत्रकारों का उत्पीड़न किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा सरकार को पत्रकारों के हित के लिए सोचना चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार साथी एवं प्रदेश पदाधिकारी श्री नागेंद्र पांडे ने कहा कि संगठन को निरंतर मजबूती हेतु प्रयास किया जा रहा है जिस पर हम सफल भी हो रहे हैं। इस प्रकार से कुल मिलाकर सभी पत्रकारों ने पत्रकारों के उत्पीड़न और प्रशासन द्वारा दबाव बनाए जाने को लेकर जहां एक तरफ चिंता व्यक्त किया वहीं दूसरी तरफ अपने हक को लेकर आक्रोशित भी दिखे सबका कहना था कि सरकार को क्षेत्रीय पत्रकारों को उनका हक देना चाहिए पत्रकारों के हित के लिए पत्रकारिता को लेकर एक अलग कानून बनना चाहिए देश एक तरफ आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा तो दूसरी तरफ इतना लंबा और सभी जाने के बाद भी देश के पास पत्रकारों के लिए कोई अलग कानून नहीं है जो बहुत ही चिंता का विषय है अतः क्षेत्रीय पत्रकारों के हक और अस्तित्व को लेकर लड़ाई जारी रहेगी पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करवाना और क्षेत्रीय पत्रकारों को पहचान दिलवाने का संकल्प संगठन का मुख्य मुद्दा है इसके लिए लड़ाई निरंतर जारी रहेगी क्योंकि सरकार कोई भी हो हमारे हितों के लिए हमारी बेहतरी के लिए कोई भी कार्य नहीं करना चाहता यदि पत्रकारों की मांगे नहीं मानी जाती हैं तो इस लड़ाई को वृहद स्तर पर लाकर लड़ा जाएगा और जब तक सरकार पत्रकार हितों के लिए कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाती तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी।

इसके बाद संचालक डॉक्टर आर0 सी0 श्रीवास्तव समय अधिक होने का हवाला देते हुए सभी पत्रकार साथियों को धन्यवाद प्रेषित किया। इस अवसर पर नागेंद्र पांडेय, सलमान खान, अजय शुक्ला, अशोक झा, दिनेश कुमार, अब्दुल अहद, हरिशंकर परासर, राज लूनिया, विवेक कुमार, संजय राठौर, जागेश्वर फौजी, राजा अवस्थी, मोहम्मद हारुन, शाह आलम वारसी, सचिन श्रीवास्तव, अंकित कुमार, कुणाल भगत, ए0 के0 राय, श्याम अखत, बी त्रिपाठी, निखिल वर्मा, राम जी सक्सेना, नीरज श्रीवास्तव, संजय कुमार सिंह, अश्वनी बडगया, नूर आलम, अजय गुप्ता, अजय शुक्ला, राकेश कुमार यादव, गणेश प्रसाद द्विवेदी, अजय त्रिपाठी, अनय श्रीवास्तव, निर्मित द्विवेदी, राजेश कुमार पांडे, संतोष प्रसाद तिवारी, संजय कुमार,संजय राठौर,दिनेश सिंह सहित लगभग एक सैकड़ा पत्रकार साथी एवं पदाधिकारियों ने सहभागिता की।

टिप्पणियाँ

popular post

पुलिसवाले की बहन की शादी का कार्ड वायरल, शादी में जरूर आना की जगह लिख दी अनोखी अपील

 पुलिसवाले की बहन की शादी का कार्ड वायरल, शादी में जरूर आना की जगह लिख दी अनोखी अपील ढीमरखेड़ा |  लोकसभा चुनाव के बीच शादी-ब्याह का सीजन कुछ अलग ही रंग जमा रहा है। ऐसा ही एक अनोखा मामला एमपी के दमोह से सामने आया है, जहां एक शादी का कार्ड खूब चर्चा में है। एक तरफ जिला प्रशासन लगातार ग्रामीण इलाकों से लेकर दूर दराज पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों को मतदान पर्ची या फिर दीवारों पर स्लोगन लिखकर आम जनता में मतदान के प्रति जागरूकता लाने के लिए हर संभव प्रयास में जुटा है। वहीं, इससे प्रेरणा पाकर हटा थाने के आरक्षक मनीष सेन ने अपनी बहन की शादी के कार्ड में सभी से आग्रह किया है कि सभी लोग अपने मतदान का उपयोग अवश्य करें। मनीष की बहन आरती की शादी 23 अप्रैल को है और यहां मतदान 26 अप्रैल को है। आरक्षक मनीष की मानें तो यह उनकी बहन की सोच है, जो आज लोगों के लिए जागरूकता का सबब बनी हुई है। जहां-जहां कार्ड जा रहा है, संदेश पढ़ने के बाद लोग तारीफ कर रहे हैं। *लोग कर रहे सराहना* दरअसल, वोट डालने का मतलब सिर्फ बटन दबाना नहीं होता, बल्कि एक वोट से ही आप अपनी सरकार को चुनते हैं। जिस भी घर में आरती की शादी का निमंत्

घर रिश्तेदारों में बांट आया शादी का कार्ड, रिश्तेदार कार्ड पढ़ते ही हों गए बेहोश, जानिए क्या राज छुपा निमंत्रण पत्र में

 घर रिश्तेदारों में बांट आया शादी का कार्ड, रिश्तेदार कार्ड पढ़ते ही हों गए बेहोश, जानिए क्या राज छुपा निमंत्रण पत्र में मध्यप्रदेश ।   शादियों का सीजन चल रहा है। लोग लगन में काफी व्यस्त है। ऐसे में कभी - कभी शादियों से जुड़े मामले सामने आ जाते है जिन्हे देखने के बाद हर कोई दंग हो जाता है। भारत ही एक ऐसा देश है जहां ऐसे मजेबुल शादी के कार्ड वायरल होते है। लोग अपनी शादी को अनोखा बनाने के लिए कई तरह के छोटे बड़े कार्य करते रहते है। आज हम आपको ऐसी ही एक शादी से रूबरू कराने जा रहे है। यहां एक दोस्त ने अपने दोस्त को शादी में ना बुलाने की अपील लोगों से कर डाली और यह अपील सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगी। दरअसल, एक शादी के कार्ड में इनवाइट किया गया लेकिन एक नोट भी लिखा गया कि सौरभ को शादी में नहीं लाना है। अगर वो आ भी जाता है तो उसको भगा दिया जाएगा। *ऐसी निभाई दुश्मनी* सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस शादी के कार्ड में व्यक्ति ने दोस्तों को निमंत्रण भेजो सेवा में कई लोगों के नाम लिखे गए पर नीचे एक नोट छोड़ा गया जिसमें लिखा गया कि उसकी शादी में सौरभ का आना बिल्कुल मना है अगर वह शादी में कही

प्रधान आरक्षक 20,000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार ऐसे किए जाते हैं फर्जी मुकदमे

 प्रधान आरक्षक 20,000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार ऐसे किए जाते हैं फर्जी मुकदमे ढीमरखेड़ा |  दतिया- मध्यप्रदेश के दतिया जिले के दुरसडा थाने में पदस्थ एक प्रधान आरक्षक को ग्वालियर लोकायुक्त के द्वारा ₹20,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गुरुवार को गिरफ्तार किया गया है प्रधान आरक्षक के द्वारा एक मुकदमे में धारा कम करने के लिए रिश्वत मांगी गई थी अगर रिश्वत नहीं दिया जाता तो वह सामने वाले व्यक्ति के ऊपर झूठी धाराएं लगा देता।  *धाराएं नहीं बढ़ाने के लिए मांगी थी रिश्वत* सूत्रों के मुताबिक ग्राम सुजैन निवासी पूरन पटवा के ऊपर जमीन के संबंध में धोखाधड़ी करने का मुकदमा दर्ज था इसके लिए प्रधान आरक्षक हरेंद्र पालिया ने ₹40,000 की रिश्वत मांगी थी जिसमें कि वह मारपीट की धारा नहीं लगाने की बात कर रहा था जब हरेंद्र पालिया रिश्वत की ₹20,000 ले रहा था तभी ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया उसके हाथ धुलवाए गए तो उसके हाथों का रंग भी बदल गया लोकायुक्त टीम मौके पर कार्रवाई कर रही है इस कार्यवाही से दतिया के छोटे पुलिसकर्मी  से लेकर वरीष्ठ अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया है। *पैसे लेकर क