राजनेता शंकर महतो का खेत जलकर हो गया खाक बहोरीबंद में अमृतकाल तक फायर ब्रिगेड नहीं मिली, स्लीमनाबाद में मिली तो फोन ही नहीं लगा
राजनेता शंकर महतो का खेत जलकर हो गया खाक बहोरीबंद में अमृतकाल तक फायर ब्रिगेड नहीं मिली, स्लीमनाबाद में मिली तो फोन ही नहीं लगा
ढीमरखेड़ा । भाजपा सुशासन से प्रभावित बहोरीबंद-बाकल के प्रभावी राजनेता एवं पूर्व जनपद अध्यक्ष शंकर महतो ने हाल में भाजपा के दुपट्टे से राजनैतिक-वरण किया है। रविवार को सुबह-सुबह उन्हें अमृतकाल के सुशासन के साक्षात दर्शन हुए जब उनके खेत में लगी आग बुझाने के लिए स्लीमनाबाद में चार दिन पहले आई फायर ब्रिगेड गाड़ी को बुझाने के लिए फोन लगाए गए, लेकिन फायर स्टेशन में फोन नहीं लगा और 10 एकड़ का फसली का खेत जलकर स्वाहा हो गया। बताया जाता है कि बहोरीबंद से 15 किमी दूर बाकल थाना के सिंहुंड़ी गांव में 15-20 एकड़ के रकबे पर गेहूं की तैयार फसल खड़ी थी। अचानक रविवार सुबह 10 बजे फसल से धुआं उठने लगा। शोर हुआ तो किसान जयनीत महतो (शंकर महतो के बेटे) भी पहुंचे। सभी ने स्लीमनाबाद फायर ब्रिगेड को फोन कर मदद मांगने का यत्न किया, जहां इसी सप्ताह कलेक्टर ने फायर ब्रिगेड की गाड़ी उपलब्ध कराई है। किसानों का दुर्भाग्य कि अति आवश्यक आपात सेवा को फोन ही नहीं लगा। यहीं से किसान समझ गए थे कि अब कोई चारा नहीं है। पुलिस और सीएम हेल्प लाइन को भी डायल किया गया। पुलिस तो कुछ ही देर से वहां पहुंची। ग्रामीण लोग झाडिय़ां पत्ते मारकर आग बुझाने का प्रयास कर रहे थे, पुलिस ने भी उतर कर उनका सहयोग करना शुरू किया।
*सुबह से होती है बिजली बंद तो नहीं चले पंप*
किसानों के लिए दिन रात महीने सालों से भलाई के लिए शासन-डबल इंजिन की सरकार सोचती रही है। जिसके परिणाम स्वरूप गांवों में सुबह से बिजली बंद कर दी जाती है। सुबह 10 बजे से हमेशा की तरह बिजली बंद हो गई। इसी समय फसलों में आग लगी थी। बिजली बंद रहने से आसपास लगे विद्युत सिंचाई पंपों से पानी लेकर आग पर काबू पाने की कोशिश नहीं हो पाई। दस एकड़ से ज्यादा जमीन पर लगी फसल खाक हो चुकी थी। राजस्व महकमा जांच करेगा।
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