प्रधान आरक्षक 20,000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार ऐसे किए जाते हैं फर्जी मुकदमे
ढीमरखेड़ा | दतिया- मध्यप्रदेश के दतिया जिले के दुरसडा थाने में पदस्थ एक प्रधान आरक्षक को ग्वालियर लोकायुक्त के द्वारा ₹20,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गुरुवार को गिरफ्तार किया गया है प्रधान आरक्षक के द्वारा एक मुकदमे में धारा कम करने के लिए रिश्वत मांगी गई थी अगर रिश्वत नहीं दिया जाता तो वह सामने वाले व्यक्ति के ऊपर झूठी धाराएं लगा देता।
*धाराएं नहीं बढ़ाने के लिए मांगी थी रिश्वत*
सूत्रों के मुताबिक ग्राम सुजैन निवासी पूरन पटवा के ऊपर जमीन के संबंध में धोखाधड़ी करने का मुकदमा दर्ज था इसके लिए प्रधान आरक्षक हरेंद्र पालिया ने ₹40,000 की रिश्वत मांगी थी जिसमें कि वह मारपीट की धारा नहीं लगाने की बात कर रहा था जब हरेंद्र पालिया रिश्वत की ₹20,000 ले रहा था तभी ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया उसके हाथ धुलवाए गए तो उसके हाथों का रंग भी बदल गया लोकायुक्त टीम मौके पर कार्रवाई कर रही है इस कार्यवाही से दतिया के छोटे पुलिसकर्मी से लेकर वरीष्ठ अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया है।
*पैसे लेकर कम कर दी जाती है धाराएं*
प्रायः देखने में आता है कि पैसे लेकर इसी तरह के भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के द्वारा धाराएं कम कर दी जाती है और बढ़ा दी जाती हैं झूठे मुकदमे भी कीये जाते हैं जब कोर्ट में उन धाराओं के विषय में विश्लेषण किया जाता है तब ये बातें सामने आती है मध्यप्रदेश हाईकोर्ट भी ऐसे ही मामलों में तमाम पुलिसकर्मियों को आए दिन फटकार लगाता रहता है|
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