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शिक्षक की लापरवाही से छात्र की पढ़ाई में आ रही बाधा, साइकिल की राशि न मिलने से छात्र परेशान खाता संख्या गलत भरने से छात्र के खाता में नही ट्रांसफर हो सकी राशि,लापरवाही का खामियाजा भुगत रहा छात्र

शिक्षक की लापरवाही से छात्र की पढ़ाई में आ रही बाधा, साईकिल की राशि न मिलने से छात्र परेशान 

खाता संख्या गलत भरने से छात्र के खाता में नही ट्रांसफर हो सकी राशि,लापरवाही का खामियाजा भुगत रहा छात्र



ढीमरखेड़ा । नि:शुल्क साइकिल वितरण योजना के अंतर्गत ऐसे छात्र जोकि 6वीं से 9वीं कक्षा में अध्ययनरत हैं, उन्हें पहले राज्य सरकार द्वारा साइकिल उपलब्ध करवाई जाती थी, लेकिन अब जो भी बच्चे दूसरे गांव में पढ़ने के लिए जाते हैं, तो ऐसी स्थिति में उन्हें साईकिल ना देकर उनके बैंक अकाउंट में साइकिल खरीदने के लिए 4500 रुपए की राशि छात्रों के खाता में ट्रांसफर की जाती है।

181 और संकुल प्राचार्य से शिकायत

साईकिल की राशि न मिल पाने से परेशान छात्र सुमित कुमार ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर एवं संकुल प्राचार्य बचैया विकासखंड बहोरीबंद को आवेदन लिखकर साइकिल की राशि उपलब्ध कराने की अपील की है।छात्र सुमित कुमार लोधी पिता खेमचंद लोधी निवासी कूड़ा खुर्द कक्षा 6वीं एकीकृत शासकीय माध्यमिक शाला हथियागढ़ में अध्ययनरत है   जिसका खाता संख्या 37714772156 है, आवेदन में लिखा है कि प्रधानाध्यापक ओंकार प्रसाद दाहिया के द्वारा उक्त खाता संख्या को
87714772156 के रूप में लिख दिया गया है, जिसके कारण छात्र सुमित को मिलने
वाली साईकिल की 4500रू की राशि नहीं मिल सकी है, छात्र करीब 7 किलोमीटर दूरी तय कर विद्यालय पहुंचता है,जिससे छात्र को विद्यालय आने-जाने में बहुत समस्या का सामना करना पड़ रहा है।वही इस पूरे मामले में बहोरीबंद बीआरसी का कहना यह एक मानवीय त्रुटि है जिसे ठीक कराकर अपडेट कर दिया गया है।

यह है पात्रता

इस योजना में छात्र या छात्रा को साइकिल खरीदने के लिए 4500 रुपए की राशि उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जाती है। इस योजना का लाभ सिर्फ उन छात्रों को दिया जाता है.जिनके घर से स्कूल की दुरी कम से कम 2 किलोमीटर है। इस योजना का लाभ छात्र को सिर्फ एक बार ही दिया जाता है अगर छात्रवृत्ति उसी कक्षा में फेल हो जाता है तो दोबारा एडमिशन लेने पर इस योजना का लाभ नहीं दिया जाता। इस योजना से छात्रों को दूसरे गांव के स्कूल में शिक्षा प्राप्त करने के लिए जाते समय किसी परेशानी का सामना नहीं करना होगा,जिससे वह आसानी से दूसरे गांव के स्कूल में जाकर भी शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।

इनका कहना है

शाला प्रभारी द्वारा त्रुटिवश गलत खाता नंबर दे दिया गया था, बाद में शाला प्रभारी द्वारा सही खाता उपलब्ध कराया गया है, जिसमें सुधार कर दिया गया है अब अगले चरण मे राशि जारी होते ही खाते मे राशि आ जायगी।

प्रशांत मिश्रा, बीआरसी बहोरीबंद

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